PU चंडीगढ़ से हरियाणा कॉलेजों की एफिलिएशन की फिर उठी मांग, पंजाब पहले ही कर चुका है विरोध
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में पंजाब यूनिवर्सिटी से हरियाणा के कॉलेजों को फिर से जोड़ने की मांग की. 1976 में एफिलिएशन खत्म कर दी गई थी.

उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ हरियाणा के कुछ कॉलेजों को दोबारा संबंधित (एफिलिएट) करने की मांग उठाकर एक बार फिर से इस मुद्दे को जीवित कर दिया है.
पिछले कई सालों से हरियाणा सरकार की तरफ से मांग की जा रही है कि हरियाणा के कुछ कॉलेजों को इस यूनिवर्सिटी से फिर से संबंधित (एफिलिएट) किया जाए. 1976 में हरियाणा सरकार ने राज्य के कॉलेजों की एफिलिएशन इस यूनिवर्सिटी से खत्म कर दी थी.
'पंजाब विश्वविद्यालय योगदान करना चाहती है हरियाणा सरकार'
हरियाणा सरकार का कहना है कि अगर पूरे राज्य के कॉलेज न सही तो कम से कम चंडीगढ़ के नजदीक लगते जिले - अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर - के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एफिलिएट किया जाए. मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में अपना योगदान करना चाहती है.
'विश्वविद्यालय को ग्रांट भी देने के लिए तैयार है हरियाणा सरकार'
हरियाणा के कुछ कॉलेज अगर इस विश्वविद्यालय से संबंधित हो जाए तो हमारे विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय दोनों को होगा लाभ. हरियाणा सरकार इसके लिए विश्वविद्यालय को ग्रांट भी देने के लिए तैयार है. हरियाणा की विधानसभा में 2022 के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर प्रस्ताव भी पारित किया गया था और कुछ कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एफिलिएट करने की मांग की गई थी.
हालांकि पंजाब सरकार पहले ही ऐसे किसी भी कदम का विरोध कर चुकी है . 2023 में हरियाणा के उस वक्त मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मीटिंग में हरियाणा के कुछ कॉलेजों को यूनिवर्सिटी से एफिलिएट करने का प्रपोजल रखा था जिसे मान ने नकार दिया था. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था कि ये विश्वविद्यालय पंजाब की विरासत है और इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो सकता.
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Source: IOCL






















