किसान आंदोलन पर भूपेंद्र हुड्डा का केंद्र पर निशाना, 'अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि...'
Farmer's Protest: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान बीते एक साल से डटे हुए हैं. केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है. किसान बार-बार अपनी मांग को लेकर केंद्र पर प्रेशर बना रहे हैं.

Haryana News: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे किसान टस से मस होने को तैयार नहीं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत भी बिगड़ रही है लेकिन वह अनशन तोड़ने को तैयार नहीं. इस बीच हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कहा, ''डल्लेवाल साहब की हालत गंभीर है. बहुत ज्यादा तबीतय खराब है. सुप्रीम कोर्ट तक ने कह दिया कि बातचीत का रास्ता खोलो. केंद्र का नुमाइंदा चला जाए तो कोई समाधान निकल सकता है लेकिन यह सरकार का अड़ियलपन है."
मीडिया से बातचीत में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ''किसान वही बात रख रहे हैं जिसका आश्वासन सरकार ने दिया था. एमसपी पर गारंटी चाहते हैं और स्वामीनाथन का फॉर्मूला चाहते हैं. आज किसानों की राजनीति हो रही है. किसानों के नाम पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है कि किसानों की अनदेखी हो रही है."
#WATCH | Delhi | Former Haryana CM and senior Congress leader Bhupinder Singh Hooda says, "(Farmer leader) Dallewal sahib's health condition has deteriorated. Even the Supreme Court said that the way for talks should be opened but the attitude of the Central Government is… pic.twitter.com/88xeMjP1r1
— ANI (@ANI) January 3, 2025
हरियाणा में नहीं मिल रही एमएसपी - हुड्डा
हुड्डा ने आगे कहा, "चाहे बीजेपी हो या आप दोनों किसान विरोधी है. बीजेपी ने 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था. किसान की आय दोगुनी हुई नहीं बल्कि भाव बढ़ गए. 2014 में डीजल के क्या भाव थे, खाद का क्या भाव था, कीटनाश का क्या भाव था. एमसपी में बहुत कम इजाफा हुआ. हरियाणा में धान पर एमएसपी 2320 रुपये थी. किसानों को 2000 या 2100 रुपये में धान बेचना पड़ा.''
किसान से बात क्यों नहीं करती केंद्र सरकार - हुड्डा
हुड्डा ने आगे कहा किकृषि मंत्री ने दिल्ली की सीएम को चिट्ठी लिखी कि किसानों को कॉमर्शियल भाव पर बिजली मिल रही है. हरियाणा में जब हमारी सरकार थी तो 10 पैसे यूनिट कर दी थी. यूपी और राजस्थान में तो बीजेपी की सरकार है वहां क्यों नहीं देते. यह दिखाता है कि कोई भी पार्टी के किसान के हित में नहीं है. किसान से बात क्यों नहीं करते. सुप्रीम कोर्ट तक ने कह दिया है कि तुरंत बात करके समाधान निकालना चाहिए. डल्लेवाला जी का जीवन बहुमूल्य है. किसान नेता हैं किसानों की आवाज है. उनका अपना स्वार्थ थोड़ी है. किसानों के लिए बैठे हैं.
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