'मैं हर दिन मर रहा', अहमदाबाद प्लेन क्रेश में जिंदा बचने वाले विश्वास कुमार ने क्यों कही ये बात?
Gujarat News: अहमदाबाद से लंदन जा रही AI-171 फ्लाइट के मलबे से विश्वास कुमार को निकाला गया था. विश्वास कुमार ने हाल ही में बताया कि, वह अकेले अपनी जिंदगी जी रहे हैं.

अहमदाबाद प्लेन क्रेश हादसे में 241 लोगों की जान चली गई थी लेकिन इसमें चमत्कारी रूप से बचे विश्वास कुमार रमेश आज भी उस हादसे से नहीं उभर पाए हैं. विश्वास कुमार ने अपने जिंदा बचने पर खुद को खुशकिस्मत बताया लेकिन इस खुशकिस्मती के साथ उन्हें मानसिक और शारीरिक दर्द भी झेलना पड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं हर दिन मर रहा हूं.
दरअसल, अहमदाबाद से लंदन जा रही AI-171 फ्लाइट के मलबे से विश्वास कुमार को निकाला गया था. इस हादसे के बाद से ही उनका इलाज चल रहा है. विश्वास कुमार ने बताया है कि अब अकेले रहने लगे हैं. विश्वास ने हाल ही में बीबीसी से बातचीत में बताया कि, वह अकेले अपनी जिंदगी जी रहे हैं. फिलहाल आजकल वे अपने बेटे और पत्नी से भी बातचीत नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि प्लेन हादसे के बाद से वे शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं.
'भाई के जाने से जिंदगी जैसे रुक सी गई'
इस दौरान उन्होंने अपने भाई की मौत पर भी दुख जताया है. छोटे भाई अजय की मौत का जिक्र करते हुए बताया कि वे मुझसे थोड़ा दूर बैठा हुआ था. उन्होंने आगे कहा कि इस चमत्कार पर विश्वास नहीं होता. यह जानकर आश्चर्य होता है कि सिर्फ मैं ही अकेला जिंदा बचा हूं.
विश्वास ने आगे बताया कि जिंदगी अब रुक सी गई है. अपने भाई की मौत से विश्वास स्तब्ध हैं. उनका कहना है कि मेरा भाई अजय का साथ हर समय मुझे मिला, लेकिन आज वह मुझे बिल्कुल अकेला छोड़कर चला गया."
इस बीमारी से जूझ रहे हैं विश्वास रमेश
इस दौरान विश्वास ने बताया कि उन्हें पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर की बीमारी है. फिलहाल इस बीमारी का इलाज अब तक शुरू नहीं करा पाए हैं. उन्होंने बताया, ऐसी स्थिति हम सब परिवार वालों के लिए काफी मुश्किल भरी है. मेरी मां भी किसी से बात नहीं करती वह सिर्फ गेट के बाहर बैठी रहती हैं.
विश्वास ने बताया उनका भी किसी से बात करने का मन नहीं करता है. दिन-व-दिन दर्द महसूस होता है, हर रात यही सब सोचता रहता हूं. इस दौरान उन्होंने हादसे वक्त आई चोटों के बारे बताते हुए कहा, फ्लाइट से बाहर आते समय उनके पैर, पीठ, घुटने और कंधे में काफी चोटें आई थीं. इनकी वजह से काम करना मुश्किल हो गया है और कर नहीं पाते हैं. उन्होंने बताया कि पत्नी के सहारे से वे धीमे-धीमे चल पाते हैं.
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Source: IOCL
























