एक्सप्लोरर

Waqf Bill: ASI के 280 स्मारकों पर वक्फ बोर्ड का दावा, JPC की रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा

Delhi News: संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने गुरुवार को संसद में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें बताया गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित 280 स्मारकों पर वक्फ बोर्ड का दावा है.

Waqf Bill Amendment: वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने गुरुवार को संसद में रिपोर्ट पेश कर दी. रिपोर्ट में JPC ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के हवाले से बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 280 संरक्षित स्मारकों पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है.

जिसमें दिल्ली की अग्रसेन की बावड़ी से लेकर पुराना किला और चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का लौह स्तंभ वक्फ संपत्ति घोषित है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में बताया गया कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधीन आने वाले 5 किलों को भी वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है. इन 5 किलों में से 3 किलों का निर्माण हिंदू राजाओं ने करवाया था. 

जेपीसी की रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा संरक्षित 74 स्मारक वक्फ संपत्ति घोषित हैं. जिसमें अग्रसेन की बावड़ी भी शामिल है. भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओम उपाध्याय के मुताबिक अग्रसेन की बावड़ी का निर्माण राजा अग्रसेन ने करवाया था और यह बावड़ी महाभारत कालीन है और इसका निर्माण 4 हजार वर्ष पहले हुआ था.

एबीपी न्यूज को RTI एक्ट के तहत एक्सक्लूसिव दस्तावेज मुहैया करवाते हुए ASI ने बताया कि 1 अगस्त 1913 को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने अग्रसेन की बावड़ी को संरक्षित स्मारक घोषित किया था और आजादी के बाद इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया था लेकिन 16 अगस्त 1970 को दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इस महाभारत कालीन प्राचीन बावड़ी को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया.

जब एबीपी न्यूज ने वक्फ बोर्ड के दस्तावेज खंगाले तो पाया कि बावड़ी के परिसर में एक मस्जिद मौजूद है, जहां आज ना कोई नमाज पढ़ने आता है लेकिन साल 1970 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मस्जिद हेली रोड नाम से वक्फ संपत्ति को नोटिफाई किया और इसमें मस्जिद के अलावा खाली पड़ी जमीन और महाभारत कालीन बावड़ी को भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है.

राजधानी दिल्ली में UNESCO द्वारा घोषित सिर्फ 3 वैश्विक धरोहर हैं. जिसमें एक है ये कुतुब मीनार और इसका परिसर और इसी परिसर में स्थित है चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का लौह स्तंभ जिस पर भगवान विष्णु के बारे में ब्राह्मी लिपि में लिखा है. 

राजधानी दिल्ली में स्थित पुराने किले के पूरे परिसर को भी JPC की रिपोर्ट के मुताबिक वक्फ बोर्ड ने साल 1970 से अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है. पुराने किले का पूरा परिसर साल 1913 से ASI के संरक्षण में है. साथ ही पुराने किले को प्राचीन इंद्रप्रस्थ माना जाता है और इतिहासकारों की मानें तो यहां पर पांडवों का किला था. पुराने किले के परिसर में साल 1880 से कुंती देवी मंदिर स्थित है. ऐसे में पूरा परिसर वक्फ संपत्ति घोषित होने की वजह से कुंती मंदिर भी वक्फ की जद में आया हुआ है. साथ ही इसी किले के भीतर कई सारी महाभारत पुरातत्व साइट भी हैं, जिसमें खुदाई में महाभारत काल के कई साक्ष्य मिल चुके हैं.

JPC की रिपोर्ट में ASI द्वारा संरक्षित भारत के 5 प्राचीन किलों का भी नाम सामने आया है, जिन्हें वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है. इसमें ASI द्वारा साल 1904 से संरक्षित गोंदिया के प्रतापगढ़ किला है जिसका निर्माण हिंदू गोंड राजाओं ने करवाया था लेकिन महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने साल 2004 में अपनी संपत्ति के रूप में दर्ज कर दिया था.

इसी तरह महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित पौनार किला जिसका निर्माण 5वीं शताब्दी में हिंदू राजा प्रवर सेना ने करवाया था और गोंडवाना सम्राज्य से लेकर छत्रपति शिवाजी और संभाजी के मराठा साम्राज्य में भी यहां पर मराठा भोंसले सेनापतियों ने राज किया था इसे भी 2004 में वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया था. हिंदू राजाओं द्वारा निर्मित इन दोनों किलों के अलावा वक्फ ने मुगल कालीन अकोला के बालपुर किले को अभी अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है.

JPC की रिपोर्ट और एबीपी न्यूज को ASI द्वारा मुहैया कराई गई एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के बिदार में स्थित बिदार के किले और कलबुर्गी स्थित गुलबर्ग किले को भी वक्फ ने अपनी जागीर यानि वक्फ संपत्ति घोषित कर रखा है., जबकि इन दोनों किलों को ASI ने साल 1951 में संरक्षित स्मारक घोषित किया था और वक्फ ने 1974 में इन्हें वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था. 

एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया कि वक्फ बोर्ड ने इन सभी स्मारकों को वक्फ संपत्ति इनके परिसर में बनी मस्जिदों के आधार पर किया था और मस्जिदों के साथ साथ वक्फ बोर्ड ने पूरे परिसर को वक्फ संपति घोषित किया है. हिंदू स्मारकों के अलावा एबीपी न्यूज को ASI द्वारा दिए गए एक्सक्लूसिव दस्तावजों के मुताबिक त्रिपुरा के बख्शनगर में स्थित 8 वीं सदी का प्राचीन बौद्ध स्तूप और अवशेष हैं जिस पर बुद्ध का चित्र है और साल 1985 में इसी ASI ने संरक्षित स्मारक एवं स्थल घोषित किया था.

लेकिन साल 2011 में इसी बौद्ध स्मारक के परिसर कुछ जमीन को त्रिपुरा वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति के रूप में दर्ज करके ईदगाह घोषित कर दिया है. Archeological Survey of India के आइजॉल सर्किल से मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक स्मारक के जिस हिस्से को त्रिपुरा वक्फ बोर्ड ने 2011 में अपनी संपति घोषित किया था वो अभिलेखों में वर्षों से त्रिपुरा सरकार की जमीन के रूप में दर्ज है.

बावड़ी और किले के अलावा JPC की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कर्नाटक के धारवाड़ सर्किल में स्थित बीजापुर किले में रखी आदिलशाही की तोपों तक को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है. वक्फ संशोधन बिल पर बनी JPC की रिपोर्ट के मुताबिक, JPC को ASI ने बताया था कि उसके स्मारकों को वक्फ संपत्ति घोषित करने के बाद कई जगह वक्फ बोर्ड ना सिर्फ मनमाने ढंग से बिना ASI की अनुमति के जोड़ तोड़ करके इमारत की प्राचीनता को खराब करते हैं, बल्कि AMASR एक्ट का उल्लंघन करके स्मारक के भीतर ही दुकानें बनाकर उसे किराए पर दे देते हैं जैसा कि ASI के आरोप के मुताबिक वक्फ बोर्ड जौनपुर स्थित विवादित अटाला मस्जिद में कर रहा है जो कि ना सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि इमारत के लिए नुकसानदेह है.

वैसे जहां Archeological Survey of India ने JPC के सामने देश भर में उसके 280 स्मारकों पर वक्फ के दावे की बात बताई है तो UPA सरकार में तत्कालीन संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी ने जानकारी दी थी कि अकेले दिल्ली और गुजरात में ही ASI के 261 संरक्षित स्मारकों पर वक्फ का दावा है.

इतना ही नहीं जहां एबीपी न्यूज और JPC को दी गई सूची में ASI ने एक और UNESCO द्वारा घोषित वैश्विक धरोहर ताज महल को वक्फ संपत्ति या फिर वक्फ के दावे में नहीं रखा है तो एबीपी न्यूज की पड़ताल में ही भारत सरकार के WAQF ASSETS MANAGEMENT SYSTEM OF INDIA (WAMSI) पर ताज महल को रौज़ा ताज महल नाम से यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति के रूप में साल 2004 से दर्ज कर रखा है और ASI और वक्फ बोर्ड इस मामले पर इलाहाबाद हाईकार्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

 

इसे भी पढ़ें: दिल्ली में हर महीने महिलाओं को कब से मिलेंगे 2500 रुपये? सरकार गठन से पहले एजेंडा तैयार

शिवांक मिश्रा साल 2020 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और इस वक्त एबीपी न्यूज़ में बतौर प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं. उनकी विशेषज्ञता साइबर सुरक्षा, इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग और जनहित से जुड़े मामलों की गहन पड़ताल में है. कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों के शरण मॉड्यूल से लेकर भारत में दवा कंपनियों की अवैध वसूली जैसे विषयों पर कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. क्रिकेट और फुटबॉल देखना और खेलना पसंद है.
Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
बिहार BJP के नए चीफ संजय सरावगी पर CM नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया, 'हमारे साथ...'
संजय सरावगी को बिहार BJP की कमान मिलने पर CM नीतीश कुमार ने दी बधाई, जानें क्या कहा?
'देवता को एक मिनट भी विश्राम नहीं करने देते और धनी लोग तो..., श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
'देवता को विश्राम नहीं करने देते', श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
Year Ender 2025: इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का रिएलिटी शो भी शामिल
इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का शो भी शामिल

वीडियोज

Mahadangal: मोदी पर विवादित बयान, हो गया बवाल | PM Modi | Congress Controversial Statement
Gold Investors Alert! अब पुराने Gold से भी कमाएं Passive Income | Gold Leasing Explained
Vodafone Idea में तूफानी तेजी! AGR Moratorium की खबर से शेयर 52-Week High पर| Paisa Live
Indian Stock Market गिरा! FPI Selling, Global Weakness का असर | Paisa Live
India@2047 Entrepreneurship Conclave: इंडिगो मिस मैनेजमेंट पर ये बोलकर राघव ने किस पर साधा तंज?

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
नितिन नबीन दूसरे सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे सबसे बुजुर्ग; सबसे कम उम्र के किस नेता के पास पार्टी की कमान?
बिहार BJP के नए चीफ संजय सरावगी पर CM नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया, 'हमारे साथ...'
संजय सरावगी को बिहार BJP की कमान मिलने पर CM नीतीश कुमार ने दी बधाई, जानें क्या कहा?
'देवता को एक मिनट भी विश्राम नहीं करने देते और धनी लोग तो..., श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
'देवता को विश्राम नहीं करने देते', श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग पर बोले CJI सूर्यकांत
Year Ender 2025: इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का रिएलिटी शो भी शामिल
इस साल सबसे ज्यादा सर्च किए गए ये 7 शोज, लिस्ट में सलमान खान का शो भी शामिल
ऑस्ट्रेलिया में शाहीन अफरीदी की घनघोर बेइज्जती, डेब्यू मैच में हो गया ये कांड, जानें पूरा मामला
ऑस्ट्रेलिया में शाहीन अफरीदी की घनघोर बेइज्जती, डेब्यू मैच में हो गया ये कांड, जानें पूरा मामला
BJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने संभाला कार्यभार, दिल्ली हेडक्वार्टर में अमित शाह और जेपी नड्डा मौजूद
BJP के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने संभाला कार्यभार, दिल्ली HQ में शाह-नड्डा मौजूद
मार्च से पहले पीएफ से यूपीआई होगा लिंक, ATM से निकलेगा पैसा; जानें कैसे आसान हो जाएगा प्रोसेस
मार्च से पहले पीएफ से यूपीआई होगा लिंक, ATM से निकलेगा पैसा; जानें कैसे आसान हो जाएगा प्रोसेस
इंसानी आंखों को चकमा देने में माहिर है ये सांप, काटा तो पानी भी नहीं होगा नसीब
इंसानी आंखों को चकमा देने में माहिर है ये सांप, काटा तो पानी भी नहीं होगा नसीब
Embed widget