DU छात्रा पर एसिड अटैक से स्टूडेंट्स में रोष, NSUI और SFI का प्रदर्शन, ABVP ने पुलिस से की यह मांग
Acid Attack on DU Student: दिल्ली में एक छात्रा पर हएसिड अटैक की वारदात ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके विरोध में NSUI, SFI समेत छात्र संगठनों ने प्रदर्शन किया.

देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर शर्मसार हुई, जब दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा पर दिनदहाड़े एसिड से हमला किया गया. यह वारदात रविवार (26 अक्टूबर) की सुबह अशोक विहार इलाके में लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास हुई, जहां छात्रा अपनी एक्स्ट्रा क्लास के लिए जा रही थी.
अचानक एक बाइक सवार ने उसके ऊपर तेज़ाब फेंक दिया. छात्रा ने खुद को बचाने की कोशिश की. उसका चेहरा तो बच गया, लेकिन दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए.
छात्रा का परिचित था एसिड फेंकने वाला
राहगीरों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया. पहले उसे दीपचंद बंधु अस्पताल ले जाया गया और बाद में गंभीर जलन के चलते आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, छात्रा की हालत स्थिर है और चोटें जीवन के लिए खतरा नहीं हैं.
पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी छात्रा का परिचित था. आरोपी जितेंद्र, जो मुकुंदपुर इलाके में रहता है, छात्रा का पीछा करता था. करीब एक महीने पहले दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद जितेंद्र ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया.
दावा है कि रविवार को उसने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. पुलिस के मुताबिक, ईशान ने अरमान को बोतल दी और उसी ने तेजाब फेंका.
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
हमले के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए. हालांकि पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी पहचान कर ली है और उनकी तलाश में कई टीमें छापेमारी कर रही हैं. इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
NSUI और SFI का विरोध प्रदर्शन
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में सक्रिय संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, “दिनदहाड़े दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा पर एसिड फेंका गया, ये केवल एक अपराध नहीं बल्कि शासन की नाकामी का प्रमाण है. अगर बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस सच में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देती, तो ऐसी घटनाएं रुक जातीं. दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन्हें सख्त सज़ा मिले.”
वरुण चौधरी ने आगे कहा कि एनएसयूआई पीड़िता और उसके परिवार के साथ खड़ी है और जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक संगठन अपनी आवाज़ बुलंद करता रहेगा.
SFI ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
वहीं, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), दिल्ली विश्वविद्यालय इकाई ने भी बयान जारी कर कहा कि यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि 'प्रशासनिक असंवेदनशीलता और सरकारी विफलता' का प्रतीक है. संगठन ने कहा, “यह हैरान करने वाली बात है कि राजधानी में एक महिला कॉलेज के सामने, दिन के उजाले में ऐसा हमला हो सकता है. दिल्ली सरकार और पुलिस बार-बार ऐसे मामलों में नाकाम साबित हुए हैं. जब तक दोषियों को कड़ी सज़ा नहीं दी जाती और कॉलेज परिसरों के आसपास सुरक्षा नहीं बढ़ाई जाती, तब तक ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी.”
एसएफआई ने यह भी कहा, “पिछले वर्षों में मिरांडा हाउस के पास भी एसिड से जुड़ी घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन ठोस कदम कभी नहीं उठाए गए. यह लापरवाही अब महिलाओं के लिए खतरा बन चुकी है.”
ABVP ने प्रशासन के सामने रखी यह मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस वारदात को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है प्रशासन से इस हमले को अंजाम देने वाले दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की मांग की है.
एबीवीपी का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर और उसके आसपास इस प्रकार की घटनाएं छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय हैं. अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए परिसर के आसपास सुरक्षा प्रबंधों को सख्ती से लागू किया जाए, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए तथा पुलिस गश्त को और सक्रिय किया जाए.
यूनिवर्सिटी के छात्रों में नाराजगी
दिल्ली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है और कहा कि अपराधियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कई टीमों को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भेजा गया है और तकनीकी निगरानी बढ़ाई गई है.
इस हमले के बाद कॉलेजों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और 'दिल्ली की बेटियां कितनी सुरक्षित हैं?' जैसे सवाल फिर से गूंजने लगे. राजधानी में महिलाओं पर हमलों को देखते हुए लोगों की नाराज़गी साफ झलक रही है, क्योंकि बार-बार ऐसे मामलों के बाद भी सुरक्षा के हालात नहीं बदल रहे.
Source: IOCL























