Bageshwar Dham: दिव्य दरबार में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बांधी राखी, क्यों बनीं सुल्ताना बेगम से शुभी दासी, जानें इनसाइड स्टोरी
Chhattisgarh News: बागेश्वर धाम सरकार के दिव्य दरबार में बिलासपुर की सुल्ताना बेगम ने हिंदू धर्म अपनाया था. इसके बाद सुल्ताना ने रविवार को धीरेंद कृष्ण शास्त्री को राखी बांधी.

Bageshwar Dham News: छत्तीसगढ़ में इन दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सीता राम विवाह कथा पिछले 5 दिन से चल रहा है. रविवार को बिलासपुर की सुल्ताना ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज को राखी बांध कर अपना भाई बनाया है. इसके साथ ही व्यासपीठ से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सुल्ताना बेगम का नाम शुभी दासी रखने की मंच से ही घोषणा की है. आखिर इस पूरे घटनाक्रम की पूरी कहानी क्या है. ये आपको हम बताते हैं.
सुल्ताना बेगम ने व्यासपीठ पर धीरेंद्र शास्त्री को बांधा राखी
दरअसल शनिवार को बागेश्वर धाम सरकार के दिव्य दरबार में बिलासपुर की सुल्ताना बेगम ने हिंदू धर्म अपनाया था. इसके बाद सुल्ताना ने धीरेंद कृष्ण शास्त्री को अपना भाई बनाने की इच्छा जताई थी. इसपर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सहमती जताई और इसके बाद रविवार को विधिवत सुल्ताना बेगम ने आरती कर अपने भाई धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को राखी बांध दिया.

इस दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घोषणा की कि हम मानवता के पुजारी हैं किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं. बहन का भाव था कि हम भाई बने इन्होंने सनातन को स्वीकारा है. आज से अपनी बहन का नाम शुभी दासी रखा है. क्योंकि अब ये शुभ है. बांकेबिहारी की भक्त हैं ये वृंदावन भी गई. बांकेबिहारी ने ही इन्हें बागेश्वर धाम सरकार से जोड़ा है. पहले इनका नाम सुल्ताना था लेकिन आज से ये शुभी दासी हो गई हैं.
सुल्ताना ने रोते हुए कही ये बात
इसके बाद शुभी दासी ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मिठाई और नारियल भेंट किया और शास्त्री ने बागेश्वर धाम का गमछा पहना कर कहा कि बहन का बड़ा अच्छा भाव है हम किसी जात पात में नहीं पड़ना चाहते है. अब से हम सिर्फ सनातनी हिंदू है. इससे पहले 21 जनवरी को सुल्ताना बेगम ने दिव्य दरबार में रोते हुए सनातन धर्म को अपनाया.
सुल्ताना ने कहा कि मेरा मन बोलता है कि हिंदू धर्म से अच्छा कोई धर्म हो ही नहीं सकता है. क्योंकि यह धर्म सभ्यता और संस्कार वाला धर्म है. इसमें भाई बहनों में शादियां नहीं होती. इसमें महिलाओं की जिंदगी तलाक तलाक तलाक बोल कर बर्बाद नहीं होती है. हिंदू धर्म में एक बार शादी होती है सात फेरों के साथ, सिंदूर का मांग भरा जाता है, मंगलसूत्र का सोलह श्रृंगार होता है.
धर्म वापसी अभियान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संकल्प
आपको बता दें कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देशभर में घूम घूम कर राम कथा इसलिए सुनाते हैं. क्योंकि लोगों को सनातन धर्म से जोड़ सकें. 18 जनवरी को रायपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि धर्म वापसी धर्मांतरण रोकने के लिए जगह जगह पर हम कथा कर रहे हैं. बागेश्वर धाम पहली व्यासपीठ है जहां हर एक दो महीने के भीतर 3 दिन की कथा किया जाता है. सॉफ्ट कॉर्नर वाले लोग जो बहुत ही भोले भाले लोग हैं. मिशनरी वाले लोग अटैक कर के लालच देकर धर्मांतरण कर रहे हैं. उनके बीच जाकर कथा करने का संकल्प लिया है. अबतक बहुत सारे लोगों को हिंदू धर्म में वापसी करवाई गई है.
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Source: IOCL






















