Sushil Kumar Modi Admitted in AIIMS: सुशील मोदी की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के एम्स में कराया गया भर्ती
Sushil Kumar Modi Health Update: सुशील मोदी को बुधवार की सुबह एम्स में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. उन्हें ओल्ड प्राइवेट वार्ड में 301 में रखा है गया है.
पटना/नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) की तबीयत खराब हो गई है. नई दिल्ली एम्स में बीजेपी (BJP) नेता को भर्ती कराया गया है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को आज बुधवार की सुबह एम्स (AIIMS) में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. उन्हें ओल्ड प्राइवेट वार्ड में 301 में रखा है गया है. यहां फिलहाल इलाज जारी है.
तबीयत के बारे में जो जानकारी आई है वो ये है कि सुशील कुमार मोदी को शरीर में कमजोरी महसूस हो रही थी. सुशील मोदी दिल्ली एम्स में चिकित्सक के पास गए थे. डॉक्टर ने जांच के बाद भर्ती होने की सलाह दी थी. इस अभी सामान्य माना जा रहा है. सुशील कुमार मोदी एम्स में डॉक्टरों की देखरेख में हैं.
सुशील कुमार मोदी ने जारी किया बयान
इधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य एम्स में भर्ती जरूर हुए हैं लेकिन ट्विटर पर बयान जारी कर हमला भी बोला है. सुशील कुमार मोदी ने जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के इस बयान को चुनौती दी कि गुजरात के गांधी नगर का निकाय चुनाव ओबीसी वर्ग को बिना आरक्षण दिए कराया गया. सुशील मोदी ने कहा कि ललन सिंह ने गुजरात, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बदनाम करने लिए जो गलतबयानी की, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
बीजेपी नेता ने कहा कि गुजरात में ओबीसी को 10 फीसद आरक्षण देकर पिछले वर्ष निकाय चुनाव कराए गए थे. वहां के राज्य निर्वाचन आयोग ने जब बिना आरक्षण दिए निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की तब गुजरात की बीजेपी सरकार ने उसकी सिफारिश नामंजूर कर निर्णय किया कि अब निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पिछड़ों को आरक्षण देकर ही कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि गुजरात ने आरक्षण देने के लिए झवेरी आयोग का गठन कर दिया, जबकि बिहार सरकार एजी के मंतव्य देने पर भी विशेष आयोग नहीं बना पाई.
सीएम नीतीश कुमार पर हमला
सुशील मोदी ने कहा कि झारखंड में आरजेडी-कांग्रेस के समर्थन से चलने वाली झामुमो सरकार ने निकाय चुनाव में आरक्षण खत्म करने का निर्णय किया है. वहां पंचायत के चुनाव भी ओबीसी का 14 फीसद आरक्षण समाप्त करके कराए गए थे. यदि नीतीश कुमार विपक्ष को जोड़ने का दावा करते हैं तो वो झारखंड में बिना आरक्षण के होना वाला निकाय चुनाव रुकवाएं. बिहार में नीतीश कुमार के राजहठ के कारण निकाय चुनाव स्थगित हुए और अतिपिछड़ों को नुकसान उठाना पड़ा.
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