PM Modi Bihar Visit: 'उम्मीद है मुझे आपके साथ चाय पीने का मौका मिलेगा!' रोहिणी आचार्य ने पीएम मोदी से ऐसा क्यों कहा?
लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने पीएम के साथ चाय पीने की उम्मीद जताई है. उन्होंने आशा की है कि अगली बार जब पीएम बिहार आएंगे तो उन्हें उनके साथ मढ़ौरा चीनी मिल की चीनी से बनी चाय पीने का मौका मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी सोमवार (15 सितंबर 2025) को एक बार फिर बिहार आ रहे हैं. चुनावी साल में पीएम मोदी का यह सातवां बिहार दौरा होगा. इस बार भी पीएम बिहार को करोड़ों रुपये की योजनाओं की सौगात देने वाले हैं. इसमें सबसे अहम पूर्णिया एयरपोर्ट है. वहीं इसे लेकर आरजेडी नेता और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने पीएम पर निशाना साधा है.
रोहिणी आचार्य ने पोस्ट में क्या लिखा?
रोहिणी आचार्य ने रविवार को अपनी एक पोस्ट कर लिखा है कि, "प्रधानमंत्री जी उस एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आ रहे हैं, जिस एयरपोर्ट को खुद प्रधानमंत्री जी ही पहले ऑपरेशनल (चालू) बता चुके हैं. कोई बात नहीं प्रधानमंत्री जी ऐसी ही बातों के लिए जाने जाते हैं और ऐसी बातें करने की आदत से मजबूर भी हैं."
प्रधानमंत्री जी उस एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आ रहे हैं , जिस एयरपोर्ट को खुद प्रधानमंत्री जी ही पहले ऑपरेशनल ( चालू ) बता चुके हैं .. कोई बात नहीं प्रधानमंत्री जी ऐसी ही बातों के लिए जाने जाते हैं और ऐसी बातें करने की आदत से मजबूर भी हैं ..
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) September 14, 2025
प्रधानमंत्री जी को शायद मालूम ही होगा…
उन्होंने ये भी कहा कि "प्रधानमंत्री जी आप बार-बार बिहार आते हैं, मगर अपने पूर्व के किए गए वादों को भूल हर बार कुछ नया वादा कर जाते हैं. उम्मीद है मढ़ौरा चीनी मिल के बारे में किया गया अपना वादा याद होगा आपको !! अगर नहीं तो मैं, बिहार की बेटी दोबारा आपको इस उम्मीद के साथ याद दिलाती हूं कि अगली बार आप जब बिहार आएंगे तो मुझे आपके साथ मढ़ौरा चीनी मिल की चीनी से बनी चाय पीने का मौका मिलेगा..!!"
आगे लिखा कि प्रधानमंत्री को शायद मालूम ही होगा कि वर्त्तमान में बिहार के सीमांचल एवं पूर्वोत्तर का इलाका बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है, लाखों लोग विस्थापन की जिंदगी जीने को मजबूर हैं, जान-माल की अपूरणीय क्षति हुई है. बड़ी आबादी के समक्ष आजीविका का संकट है, बाढ़ राहत के सरकारी इंतजामात नाकाफी है. ऐसे में एयरपोर्ट का उद्घाटन करने से ज्यादा जरूरी बाढ़-ग्रस्त आबादी की समस्याओं का निवारण करना है.
पीएम मोदी से किया बाढ़ की समस्याओं का जिक्र
रोहिणी ने अपनी पोस्ट में कहा कि बेहतर होता प्रधानमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के बीच जा कर उनकी परेशानियों, समस्याओं से रूबरू होते. बाढ़ राहत के लिए चलाए जा रहे कार्यों की गंभीरता से समीक्षा करते और हरेक साल आने वाली बाढ़ की विभीषिका के स्थायी निदान के लिए सार्थक पहल करते. हवाई जहाज का उड़ना तभी सार्थक होगा जब आम जनता की जिंदगी परेशानियों से मुक्त होगी.
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