लालू के साले सुभाष ने सुनाया किडनैपिंग डील का किस्सा तो अब सामने आए साधु यादव, ये कुछ और कह रहे
Bihar News: सुभाष यादव के आरोपों को साधु यादव ने बेबुनियाद बताया है. कहा कि 20 वर्ष नीतीश कुमार के शासन को हो गए और 15 वर्ष आरजेडी का शासन था तो 35 वर्षों के बाद उनकी (सुभाष) आंख खुली?

Bihar Politics: राज्यसभा के पूर्व सदस्य और लालू प्रसाद के साले सुभाष यादव ने बीते गुरुवार (13 फरवरी) को आरोप लगाया कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष का फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गिरोहों से संबंध था. सीएम हाउस में किडनैपिंग की डील होती थी. लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के छोटे भाई सुभाष यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि वे (लालू यादव) ही लोगों का अपहरण करवाते थे और उनकी रिहाई का आदेश देते थे. इस आरोप के बाद अब सुभाष यादव के भाई साधु यादव सामने आ गए हैं.
'35 वर्षों के बाद उनकी आंख खुली?'
साधु यादव ने इस आरोप को निराधार और बेबुनियाद बताते हुए कहा, "उससे (सुभाष यादव) पूछना चाहिए कि तुम वहां क्या करते थे? 20 वर्ष नीतीश कुमार के शासन को हो गए और 15 वर्ष आरजेडी का शासन था तो 35 वर्षों के बाद उनकी आंख खुली? ऐसा लगता है कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से कुछ पाने या कोई पद हासिल करने के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं."
साधु यादव ने कहा, "मैंने लालू यादव को पहले ही कहा था कि इसको (सुभाष) तवज्जो मत दीजिए. लोग अक्सर मुझे उसके जैसा ही समझ लेते थे. साधु-सुभाष एक पर्यायवाची शब्द बन गए थे. वह सभी हरकतों में लिप्त रहता था और मुझे बिना किसी कारण साझीदार समझा जाता था."
आरजेडी की ओर से भी किया गया पलटवार
दूसरी ओर सुभाष यादव ने यह भी आरोप लगाया कि, "वास्तव में मैं ही था, जिसने अपने जीजा (लालू यादव) को इस तरह से काम करने से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उन दिनों वह सत्ता के नशे में चूर थे और किसी की नहीं सुनते थे. आरजेडी कई बार टूट चुका होती, अगर दलबदल विरोधी कानून नहीं होता जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री अटल ने और सख्त बना दिया था. सुभाष यादव ने अपने भांजे तेजस्वी यादव को 'बरसाती मेंढक' करार देते हुए इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की भारी जीत की भविष्यवाणी की. इस पर आरजेडी ने पलटवार किया है.
आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने सुभाष यादव के बयान पर कहा कि कोई भी ऐसे व्यक्ति की आलोचना पर विश्वास नहीं करेगा, जिसने हमारे पार्टी अध्यक्ष को बदनाम किया और जो अब सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ऐसी बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमारे सुप्रीमो (लालू यादव) के बयान ने सत्तारूढ़ गठबंधन को परेशान कर दिया है इसलिए निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन हमारे नेता खुद में एक संस्था हैं. उनके कई विरोधियों और सहयोगियों ने उनसे बहुत कुछ सीखा है. उनकी शख्सियत इतनी महान है कि इस तरह के निराधार आरोप से उसे कम नहीं किया जा सकता."
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Source: IOCL























