Bihar Special Status: 'बिहार को अलग देश बनाने की मांग कर सकते हैं नीतीश कुमार', CM पर जीतन राम मांझी का तंज
Jitan Ram Manjhi: नीतीश सरकार ने बिहार में नई आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी है. नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं. इसी मांग पर मांझी ने निशाना साधा है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इस समय पूरे फॉर्म में चल रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले वो लगातार बड़े फैसले लेते जा रहे हैं. बिहार में नई आरक्षण व्यवस्था लागू हो गई है. इसे संविधान के अनुच्छेद 31 (ख) की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. बुधवार (22 नवंबर) को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. वहीं नीतीश सरकार (Nitish Government) ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है. इस पर पूर्व सीएम जीतन राम (Jitan Ram Manjhi) मांझी ने गुरुवार (23 नवंबर) को नीतीश कुमार पर तंज कसा है.
जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "बिहार को अलग 'देश' का दर्जा देने की मांग कर सकते हैं नीतीश कुमार? अब यही सुनना बाकी रह गया है. हद है. जब पहले ही नीति आयोग ने साफ कर दिया है कि देश के किसी भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिल सकता तो फिर 'चुनावी' विशेष राज्य की डिमांड काहे का?"
लगातार नीतीश पर हमलावर हैं मांझी
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब जीतन राम मांझी नीतीश कुमार पर खफा हुए हैं. वह पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं. बीते मंगलवार (21 नवंबर) को बिहार में नई आरक्षण व्यवस्था को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था, "बिहार में आरक्षण बढ़ाने के बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई. उम्मीद है आज ही सीएम नीतीश कुमार वर्तमान राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति के आबादी के अनुरूप नए मंत्रिमंडल का गठन करेंगे. जिसकी जितनी संख्या भारी मिलेगी उसको उतनी हिस्सेदारी. सभी जातियों को मिलेगी सरकार में जिम्मेदारी."
'लाइन में खड़ा करके सबको गोली मार दीजिए'
पूर्व सीएम ने बीते बुधवार को भी नीतीश को निशाने पर लिया था. जहरीली शराब मामले पर घेरा था. बयान जारी करते हुए लिखा था, "जहरीली शराब के नाम पर दलितों को थोड़ी-थोड़ी मौत क्यों बांट रहे हैं नीतीश जी? एक ही बार 'जनरल डायर' की तरह लाइन में खड़ा करके सबको गोली मार दीजिए. आपके नफरत का अंत हो जाएगा. जहरीली शराब से हो रही मौत नहीं रोक सकते तो शराबबंदी कानून का क्या मतलब है? कम से कम गुजरात से तो सबक लीजिए."
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