Bihar Politics: चिराग पासवान इस मांग ने NDA की बढ़ाईं मुश्किलें, क्या मानेंगे LJP (R) चीफ?
Bihar News: वर्ष 2020 के चुनाव में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले चिराग इस बार जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) वाले NDA गठबंधन का हिस्सा हैं.

केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की अधिक सीट की मांग ने बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए समीकरणों को पेंचीदा बना दिया है, हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं को समाधान जल्द निकलने की उम्मीद है.
सीट बंटवारे को लेकर NDA के साथ ही विपक्षी महागठबंधन में भी पिछले कई दिनों से गतिरोध बना हुआ है. NDA में गतिरोध की एक बड़ी वजह चिराग पासवान के अपने रुख पर अडिग रहने को माना जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि कई मौकों पर खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हनुमान’ कहने वाले चिराग अधिक सीट की मांग के अपने रुख पर अडिग हैं. केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता नित्यानंद राय ने चिराग से मुलाकात के बाद कहा कि सबकुछ सकारात्मक है.
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले चिराग इस बार जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) वाले NDA गठबंधन का हिस्सा हैं. तब उन्होंने जद(यू) के खिलाफ अपने उम्मीवार उतारने की रणनीति अपनायी थी, जिसके चलते नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीट पर सिमट गई थी.
वर्ष 2020 में तत्कालीन लोजपा ने 135 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 134 हार गए. पार्टी को 5.64 प्रतिशत मत हासिल हुआ था. हालांकि, ‘चिराग फैक्टर’ से जद(यू) को नुकसान पहुंचा था. मटिहानी सीट से लोजपा के टिकट पर जीते राजकुमार सिंह बाद में जद(यू) में शामिल हो गए थे. बाद में लोजपा दो धड़ो में टूट गई थी. लोजपा (रामविलास) का नेतृत्व चिराग और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की अगुवाई उनके चाचा पशुपति पारस कर रहे हैं.
यह मांग मानना बीजेपी के लिए आसान नहीं
नीतीश कुमार के साथ मतभेद के कारण 2020 में NDA से अलग हुए चिराग पासवान 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर NDA में लौटे और उनकी पार्टी ने पांच लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी और सभी पर जीत दर्ज करके अपनी ताकत साबित की. अब वे विधानसभा चुनाव में 30 से 35 सीट की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
NDA में दलों की संख्या को देखते हुए चिराग की यह मांग मानना बीजेपी के लिए आसान नहीं है. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी चिराग पासवान को 22 विधानसभा सीट के साथ राज्यसभा और विधान परिषद की एक-एक सीट देने को तैयार है.
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में चिराग पासवान की दिल्ली में बीजेपी नेताओं धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े से मुलाकात हुई थी, जिसमें सीट बंटवारे पर चर्चा हुई, लेकिन बात नहीं बनी.
मटिहानी सीट को लेकर जद(यू) और लोजपा (रामविलास) के बीच टकराव की स्थिति है. जद(यू) का कहना है कि यह सीट उनके मौजूदा विधायक की है, जबकि चिराग का तर्क है कि यह सीट 2020 में उनकी पार्टी के टिकट पर जीती गई थी. वहीं, मोतिहारी के गोविंदगंज सीट पर चिराग अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के लिए मांग रहे हैं, जबकि वहां बीजेपी का वर्तमान विधायक है.
बीते बुधवार को चिराग ने ‘एक्स’ पर एक भावनात्मक संदेश में अपने पिता रामविलास पासवान का उल्लेख करते हुए लिखा, 'पापा कहा करते थे—‘‘अपराध मत करो, अपराध मत सहो. अगर जीना है तो मरना सीखो, हर कदम पर लड़ना सीखो.'
वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार मिश्र ने कहा, 'यह दवाब की राजनीति है. वर्तमान परिस्थिति में चिराग NDA छोड़ कर कही नहीं जाने वाले हैं, उन्हें पता है कि शायद दूसरे गठबंधन में उन्हें उचित सम्मान नहीं मिले. प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज मजबूत स्थिति में नहीं है.'
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बीजेपी चुनाव समिति के सदस्य प्रेम रंजन पटेल ने कहा, 'पार्टी के चुनाव समिति के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान चिराग पासवान के संपर्क में हैं और एक-दो दिन में कोई रास्ता निकल जाएगा.'
वहीं,लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा ने कहा, 'हमारा वोट शेयर अब आठ प्रतिशत से अधिक है. हमारे NDA में रहने से गठबंधन की ताकत और बढ़ेगी. सीट बंटवारे पर बातचीत जारी है और हमारे नेता जल्द ही अंतिम निर्णय लेंगे.'
Source: IOCL























