जीतन राम मांझी के इस बयान ने पकड़ा राजनीति तूल, RJD नेता ने की FIR की मांग, क्या बोले स्पीकर?
Bihar News: जीतन राम मांझी के वायरल बयान पर सियासी विवाद बढ़ गया है. इधर, विपक्ष ने चुनाव आयोग से जांच और FIR की मांग की है. जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने बयान को रिकाउंटिंग से जुड़ा बताया है.

केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी के वायरल भाषण के बाद मामला राजनीति तूल पकड़ता जा रहा है. एक और जहां विपक्ष हमलावर है और इस मामले को लेकर FIR करने की बात कह रहा है. वहीं बिहार विधान सभा अध्यक्ष ने जीतन राम मांझी का बचाव करते हुए कहा कि वे रिकाउंटिंग की बात कर रहे थे.
दरअसल में जहानाबाद के लालसेबिगह गांव में राजद कौलेश्वर यादव 10वीं पुण्यतिथि में शिरकत करने आए राजद राहुल कुमार ने जीतन राम मांझी के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी.
सभी पहलुओं पर जांच करें आयोग- राहुल कुमार
राजद के विधायक राहुल कुमार ने कहा कि जीतन राम मांझी के बयान के बाद चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. मांझी जो कह रहे हैं अगर इनकी बातों में सच्चाई है तो चुनाव आयोग का बयान आना चाहिए. सारी पहलुओं की जांच जरूरी है. उन्होंने कहा कि मांझी ने बहुत बड़ा इल्जाम लगाया है. वे खुद केंद्रीय मंत्री हैं और उनके पुत्र बिहार में मंत्री है. उन्होंने जीतन राम मांझी के इस बयान पर कि वीडियो को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है पर विधायक राहुल कुमार ने कहा सोशल मीडिया पर जो पोस्ट आई है वो मांझी जी के सोशल मीडिया पेज से है. उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए चुनाव आयोग से इस पर व्हाइट पेपर निकालने की भी मांग की.
मांझी के बयान को बे वजह दिया जा रहा तुल- प्रेम कुमार
इधर, मगध क्षेत्र के कद्दावर नेता और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने मांझी के बयान का बचाव करते हुए इसे बे वजह का तुल दिए जाने वाला मामला बताया. दरअसल जहानाबाद के टाउन हाल में चंद्रवंशी मिलन सह अभिनंदन समारोह में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने चुनावी प्रक्रिया के हिसाब से बात कही थी. प्रत्याशियों को मतगणना के बाद रिकाउंटिंग की बात की ओर इशारा किया था. जिसको लेकर लोग गलत प्रचारित कर रहे हैं.
बिना अनुमति के नहीं हो सकती थी रिकाउंटिंग- प्रेम कुमार
वहीं उन्होंने वायरल वीडियो में तत्कालीन डीएम का नाम लिए जाने पर विधान सभा अध्यक्ष ने आईएएस अधिकारी का भी बचाव करते हुए कहा कि चूंकि डीएम ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी होते हैं और बिना उनकी अनुमति के रिकाउंटिंग नहीं हो सकती थी. इस कारण केंद्रीय मंत्री ने उनका नाम लिया था. उन्होंने कहा कि मांझी ने खुद इस मुद्दे पर सारी बातों को क्लियर कर दिया है.
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Source: IOCL























