बिहार बीजेपी को झटका, पार्टी के एक विधायक की विधानसभा सदस्यता खत्म
विधानसभा सचिवालय ने 2019 में मारपीट और डकैती के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद मिश्री लाल की सदस्यता रद्द की है. चुनाव से पहले ये कार्रवाई बीजेपी के लिए बड़ा झटका है.

Mishri Lal yadav: बिहार बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के विधायक मिश्री लाल की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है. विधानसभा सचिवालय ने 2019 में मारपीट और डकैती के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद अधिसूचना जारी की. मिश्रीलाल 2020 में वीआईपी से विधायक बने थे.
2019 के एक मामले में थे दोषी
दरअस दरभंगा के केवटी प्रखंड अंतर्गत समैला गांव का है जहां रहने वाले उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को एफआईआर दर्ज करवाई थी. एफआईआर के अनुसार, 29 जनवरी 2019 की सुबह जब उमेश मिश्र टहल रहे थे, तभी कदम चौक पर मिश्री लाल यादव, सुरेश यादव और करीब 20-25 अन्य लोगों ने उन्हें घेर लिया और गाली-गलौज की.
विरोध करने पर मिश्री लाल यादव ने फरसे से उनके सिर पर वार किया, जिससे गंभीर चोटें आईं. वहीं सुरेश यादव ने रॉड और लाठी से मारपीट की और उमेश मिश्र की जेब से 2300 रुपये निकाल लिए.
वीआईपी से भाजपा में हुए थे शामिल
इसी मामले में कोर्ट ने 27 मई को मिश्री लाल को दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने ये कार्रवाई की है. 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की सहयोगी वीआईपी के टिकट पर मिश्री लाल यादव विधायक चुने गए थे. बाद में मिश्री लाल पाला बदलकर वीआईपी से बीजेपी में शामिल हो गए.
बता दें कि विधायक ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन पीड़ित उमेश मिश्रा ने भी सजा बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सजा को तीन महीने से बढ़ाकर दो साल कर दिया और ल1 लाख का जुर्माना भी लगाया.
सजा दो साल होने के चलते संविधान के अनुच्छेद 191 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त मानी गई. विधानसभा सचिवालय ने भी 27 मई 2025 से उनकी सदस्यता खत्म होने की अधिसूचना जारी कर दी है.
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Source: IOCL
























