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World Muslim population in 2030: दुनिया भर में 2030 तक मुस्लिम जनसंख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी. अमेरिका और यूरोप में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि के कई प्रमुख कारण होने वाले हैं.

World Muslim population in 2030: 2030 तक दुनिया भर में मुस्लिम जनसंख्या में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होने का अनुमान है. मौजूदा हालात को देखते हुए 2030 तक 79 देशों में दस लाख से अधिक मुस्लिम निवासी होंगे, जो कि आज के 72 देशों की तुलना में एक बड़ा बदलाव होगा. दुनिया के अधिकांश मुसलमान (लगभग 60 फीसदी) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ही रहेंगे,जबकि करीब 20 फीसदी मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका में बसेंगे, जो आज भी वैसा ही है. इस बीच दुनिया के मुसलमानों का हिस्सा उप-सहारा अफ्रीका में बढ़ने की संभावना है, जहां नाइजीरिया जैसे देशों में मुसलमानों की संख्या मिस्र से भी अधिक हो जाएगी.
इस बदलाव के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जैसे प्रजनन दर, आप्रवासन, और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के परिणामस्वरूप शिशु मृत्यु दर में कमी. 2030 तक दुनिया के अधिकांश मुसलमान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रहेंगे. इस क्षेत्र में प्रमुख मुस्लिम आबादी वाले देशों जैसे इंडोनेशिया, पाकिस्तान, भारत, और बांग्लादेश की संख्या में वृद्धि देखी जाएगी. विशेष रूप से पाकिस्तान इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश बन सकता है.
युवा आबादी की वजह से जनसंख्या वृद्धि
एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण उच्च प्रजनन दर है. इसके अलावा, यहां की युवा आबादी मुख्य प्रजनन वर्षों में प्रवेश कर रही है, जिससे जनसंख्या वृद्धि की गति तेज हो रही है. मुस्लिम-बहुल देशों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और आर्थिक स्थितियों में सुधार के कारण शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है, जो जनसंख्या वृद्धि को और बढ़ावा देती है.
यूरोप और अमेरिका में मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि
2030 तक यूरोप और अमेरिका में मुस्लिम जनसंख्या में भी वृद्धि होगी, हालांकि ये क्षेत्र मुस्लिम आबादी के लिए अल्पसंख्यक बने रहेंगे. यूरोप में, मुस्लिम जनसंख्या का हिस्सा 2010 के 6 फीसदी से बढ़कर 2030 में 8 फीसदी हो जाएगा. विशेष रूप से, पश्चिमी और उत्तरी यूरोप में यह वृद्धि अधिक होगी, जहां मुस्लिम आबादी कई देशों में दोहरे अंकों (प्रतिशत) तक पहुंच सकती है.
यूनाइटेड किंगडम में, 2030 तक मुस्लिम जनसंख्या कुल आबादी का 8.2% हो जाएगी, जो आज साल 2010 में 4.6% से अधिक है. फ्रांस मेंयह संख्या आज के 7.5 फीसदी से बढ़कर 10.3 फीसदी हो जाएगी. ऑस्ट्रिया में मुस्लिम जनसंख्या 9.3% तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2010 की तुलना में बहुत अधिक है.
अमेरिका में भी मुस्लिम जनसंख्या
अमेरिका में भी मुस्लिम जनसंख्या दोगुनी से अधिक हो जाएगी. 2010 में 2.6 मिलियन से बढ़कर, 2030 में यह संख्या 6.2 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. इस वृद्धि का बड़ा कारण आप्रवासन और मुसलमानों की उच्च प्रजनन दर है. इस प्रकार, अमेरिका की कुल आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत 2010 में 0.8% से बढ़कर 2030 में 1.7% हो जाएगा.
उप-सहारा अफ्रीका में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि
उप-सहारा अफ्रीका में भी मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि होगी. नाइजीरिया में मुसलमानों की संख्या 2030 तक मिस्र से अधिक हो सकती है. इस क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी का हिस्सा तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र के अन्य देशों के मुकाबले अधिक है.
मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि के कारण
दुनिया भर में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं:
प्रजनन दर: मुस्लिम आबादी में औसतन प्रति महिला अधिक बच्चे होते हैं, जो गैर-मुस्लिम आबादी की तुलना में उनकी वृद्धि दर को अधिक बनाता है.
आप्रवासन: कई मुस्लिम देशों से लोगों का अन्य क्षेत्रों में प्रवास हो रहा है, खासकर यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में. यह आप्रवासन मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारक है.
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं: मुस्लिम-बहुल देशों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होने से शिशु मृत्यु दर में कमी आई है, जिससे जनसंख्या वृद्धि को और बल मिला है.
युवा आबादी: मुस्लिम देशों की युवा आबादी आने वाले वर्षों में मुख्य प्रजनन उम्र में प्रवेश करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनकी जनसंख्या तेजी से बढ़ती रहेगी.
Source: IOCL























