Mohenjo-Daro New research: मोहनजोदड़ो पर परमाणु बम से हुआ था हमला ? 3700 साल पुराने कंकालों से हुआ बड़ा खुलासा
Mohenjo-Daro New research: सिंधु सभ्यता के सबसे पुराने शहर मोहनजोदड़ो के बारे में नई थ्योरी सामने आई है, जिसके मुताबिक इसके विनाश की वजह परमाणु विस्फोट बताया जा रहा है.

Mohenjo-Daro New research: सिंधु सभ्यता के बारे में तो सभी ने सुना होगा, लेकिन अचानक इसका विनाश कैसे हुआ यह आज भी रहस्य बना हुआ है. वैज्ञानिक लगातार नई-नई थ्योरी देते हैं, लेकिन किसी के पास इसके खात्मे का पुख्ता प्रमाण नहीं है. भू-वैज्ञानिकों के लिए आज भी यह शोध का विषय है. ताजा रिसर्च में जो दावे किए गए हैं, वह हैरानी पैदा करने वाले हैं. दरअसल, एक कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट ने दावा किया है कि दुनिया के सबसे शुरुआती शहरों में से एक मोहनजोदड़ो करीब 3700 साल पहले परमाणु युद्ध में तबाह हुआ था.
फर्स्ट क्लास स्पेस एजेंसी के सीईओ बिली कार्सन ने 3700 साल पुराने रेडियोएक्टिल कंकालों की मौजूदगी से यह अनुमान लगाया है. बिली कार्सन ने दावा किया है कि पृथ्वी पर 'एलियन देवताओं' की एक जाति ने सभ्यता शुरू की थी. देवताओं में विश्वास करने के लिए एलियंस ने आनुवंशिक रूप से मनुष्यों को संशोधित किया था. द जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के मोहनजोदड़ो में खुदाई के दौरान मिले कंकालों में असामान्य रूप से उच्च स्तर का रेडिएशन था. यह शाबित करता है कि यहां पर परमाणु विस्फोट हुआ था.
आज भी सड़क पर पड़े हैं शव
बिली कार्सन ने बताया कि मोहनजोदड़ो की इमारतें कांच में बदल गई हैं और रेत कांच बन गए हैं. शव आज भी सड़क पर हाथ पकड़े हुए पड़े हैं, इनको जानवरों ने भी कभी नहीं खोदा. यह सारे लक्षण परमाणु विस्फोट के हैं. साल 1922 में ब्रिटिश भारत में इस शहर की खोज हुई थी, इससे भारत के हजारों साल पुराने इतिहास का पता चलता है. लेकिन आजादी के बाद यह इलाका पाकिस्तान में चला गया.
कार्सन ने बताया कि हजारों साल बाद भी शव सड़कों पर पड़े हैं. पाकिस्तान के सिंध प्रांत का मोहनजोदड़ो शहर 2500-1900 ईसा पूर्व के बीच सिंधु सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण शहर माना जाता है. रेडियो कॉर्बन डेटा के मुताबिक, यह शहर 3700 साल पहले वीरान हो गया था. खुदाई के दौरान यहां कि एडवांस सिविल इंजीनियरिंग के बारे में पता चला है. मोहनजोदड़ो की सिटी प्लानिंग काफी उन्नत थी.
अनुमान से अधिक उन्नत था मोहजोदड़ो
बिली कार्सन ने बताया कि 'जिस हड़प्पा समाज ने इस क्षेत्र को आबाद किया था, उनके बारे में आज के शिक्षाविद जो अनुमान लगाते हैं, उससे वे कहीं ज्यादा उन्नत थे.' उन्होंने बताया कि 'ऐसे शव मिले हैं जो अपने दरवाजे के बाहर सीढ़ियों पर बैठे हैं और उनके घर कांच में बदल गए हैं.' उन्होंने कहा कि पारंपरिक पुरातत्व के पास अचानक से इस शहर के नष्ट होने के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं है. उनका अनुमान है कि यह अवशेष 3000 डिग्री सेल्सियस वाले तापमान से बने हो सकते हैं, जो परमाणु विस्फोट के बराबर होता है.
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Source: IOCL





















