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Afghanistan News: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे पर नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई बोलीं- हम सब को ये देख झटका लगा
Afghanistan News: पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई ने कहा कि उन्हें अफगानिस्तान की महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की बेहद चिंता है.
![Afghanistan News: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे पर नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई बोलीं- हम सब को ये देख झटका लगा Nobel Prize Winner Malala Yousafzai Statement Over Afghanistan Taliban Turmoil Afghanistan News: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे पर नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई बोलीं- हम सब को ये देख झटका लगा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/15/6187474260ba7399175566d1f21cd40a_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Afghanistan News: अफगानिस्तान की स्थित पर पाकिस्तान की नोबेल पुस्कार विजेता मलाला युसुफजई का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से झटका लगा है. उन्होंने कहा कि वो महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के हालात को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है. अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर ताबिलान के कब्जे के बाद ये मलाला का पहला बयान है.
मलाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “हम सब को ये देखकर बहुत झटका लगा है कि अफगानिस्तान पर ताबिलान का कब्जा हो गया है. मुझे वहां की महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की बेहद चिंता है. वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय शक्तियों को तत्काल युद्धविराम का आह्वान करना चाहिए, तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए और शरणार्थियों और नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए.”
We watch in complete shock as Taliban takes control of Afghanistan. I am deeply worried about women, minorities and human rights advocates. Global, regional and local powers must call for an immediate ceasefire, provide urgent humanitarian aid and protect refugees and civilians.
— Malala (@Malala) August 15, 2021
बता दें कि तालिबान के निशाने पर मलाला युसुफजई पहले से रही हैं. इनकी वजह से ही मलाला को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था. दरअसल, केवल मलाला ही नहीं, दुनियाभर के बहुत सारे लोगों को अफगानिस्तान की स्थिति को देखकर गहरा झटका लगा है. भारत सहित जिन भी देशों ने अफगानिस्तान में कई परियोजनाओं को खड़ा किया, उनका भविष्य अब संकट में दिख रहा है.
अभी तक ये स्पष्ट नहीं हैं कि आने वाले समय में अफगानिस्तान में सत्ता के समीकरण किस तरह के होंगे. लेकिन रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि अफगानिस्तान की सरकार के पास तालिबान से लड़ाई के लिए बेहद ही सीमित विकल्प बचे हैं. उम्मीद की जा रही थी कि काबुल पर तालिबान का इतनी जल्दी पकड़ मजबूत नहीं होगी लेकिन जिस तरह से उसने काबुल का किला ढहाया है, बहुत से लोग चौंक गए हैं.
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