एक्सप्लोरर

Libya Flood: पहले गद्दाफ़ी की हत्या के बाद सिविल वॉर, फिर इस्लामिक स्टेट का आतंक और अब 'सुनामी जैसी बाढ़' से तबाह लीबिया की कहानी

Libya Flood: गद्दाफी की मौत के बाद शुरू हुए सिविल वॉर का फायदा उठाते हुए यहां इस्लामिक स्टेट ने भी दस्तक दी. उसने अपना गढ़ राजधानी त्रिपोली से लगभग 450 किमी पूर्व में स्थित सिर्ते, शहर में बनाया.

उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया आजकल विनाशकारी तूफान 'डेनियल' के बाद आई बाढ़ से मची तबाही की वजह से सुर्खियों में है. कहने को ये छोटा सा देश है, लेकिन हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में रहा है. पहले यह देश अपने तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी और प्रचूर तेल संपदा की वजह से पहचाना जाता था.

20 अक्टूबर 2011 को गद्दाफी की हत्या के बाद यहां सिविल वॉर शुरू हुआ, जो काफी समय तक चला. इसके बाद यहां इस्लामिक स्टेट ने दस्तक दी और देश को बर्बाद कर दिया. अब यहां के डर्ना शहर में आई सुनामी जैसी बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया है. आइए जानते हैं लीबिया की तबाही की कहानी.

ऐसे शुरू हुआ था गद्दाफी युग

गद्दाफी 27 साल की उम्र में तख्तापलट कर लीबिया की सत्ता पर काबिज हुआ. उसने यहां 42 साल तक राज किया. वह कहता था, ‘जब ब्रिटेन की महारानी 50 साल तक शासन कर सकती हैं और थाइलैंड के राजा 68 सालों तक राज कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं कर सकता’. गद्दाफी का जन्म 7 जून 1942 को लीबिया के सिर्ते शहर में हुआ था. 1961 में बेनगाजी के सैन्य कॉलेज में दाखिला लिया. ट्रेननिंग कप्लीट होने के बाद वह लीबिया की फौज में शामिल हो गया और कई बड़े पदों पर काम किया. सेना में रहने के दौरान उसका तत्कालीन प्रशासक इदरीस के साथ मतभेद हुआ. इसके बाद सेना छोड़ कर वह सरकार के खिलाफ काम करने वाले गुट से जुड़ गया. यह बात है 1 सितंबर 1969 की, जब लीबिया के प्रशासक इदरीस तुर्की में इलाज करवा रहे थे. इसी दौरान गद्दाफी ने विद्रोहियों के साथ मिलकर राजा इदरीस की सत्ता कब्जा ली.

सत्ता संभालने के बाद उसने लीबिया से मदद पा रहे अमेरिकी और ब्रिटिश सैन्य ठिकानों को बंद करने का आदेश दिया. उसने लीबिया में काम करने वाली विदेशी कंपनियों को राजस्व का बड़ा हिस्सा देने का आदेश दिया. ग्रेगोरियन कैलेंडर को बदलकर इस्लामी कैलेंडर लागू किया. शराब की ब्रिकी पर रोक लगा दी. दिसंबर 1969 में जब उसके राजनीतिक विरोधियों ने सत्ता हथियाने की कोशिश की तो उसने सभी मौत के घाट उतार दिया. उसने लीबिया से इटली और यहूदी समुदाय के लोगों को बाहर निकाल दिया.

ऐसे हुआ सनकी तानाशाह का पतन

गद्दाफी की विरोधियों का दमन करने वाली नीतियां ही उसके पतन का कारण बनीं. सत्ता में आने के बाद वह धीरे-धीरे कई देशों की सरकार को प्रतिबंधित करता रहा. लोग उसे सनकी भी कहते थे इसकी वजह से लीबिया की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई. इसके बाद कई आतंकी हमलों में लीबिया का नाम जुड़ा. 1986 में वेस्ट बर्लिन डांस क्लब की बमबारी में लीबिया का नाम आने पर अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने कार्रवाई की और त्रिपोली स्थित गद्दाफी के निवास पर हमला किया. इस तरह अंतरराष्ट्रीय समुदाय गद्दाफी के विद्रोहियों का समर्थन करने लगा. नाटो गठबंधन ने भी हवाई हमले करने शुरू किए. जून 2011 में गद्दाफी का मामला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय पहुंचा. अदालत ने गद्दाफी, उसके बेटे सैफ अल इस्लाम और उसके बहनोई के खिलाफ वॉरंट जारी किया. जुलाई 2011 में दुनिया के 30 देशों ने लीबिया में विद्रोहियों की सरकार को मान्यता दी. 20 अक्टूबर 2011 को गद्दाफी को उसके गृहनगर सिर्ते में मार गिराया गया.

गद्दाफी की मौत के बाद सिविल वॉर ने डुबोया

गद्दाफी की मौत के बाद संयुक्त राष्ट्र ने ‘नेशनल ट्रांजीशनल काउंसिल (NTC)’ को वैध सरकार घोषित किया था. टीएनसी ने 2012 में जनरल नेशनल कांग्रेस को सत्ता दी. इसके बाद लीबिया पर तोब्रुक के डेप्यूटीज काउंसिल ने भी यहां सरकार बनाने का दावा किया. 2014 से जनरल हफ्तार की ‘लीबीयन नेशनल आर्मी’ ने भी यहां प्रभाव बढ़ाया. 2016 में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से संयुक्त सरकार बनी, लेकिन इसे लीबिया के कुछ गुटों ने मानने से इनकार कर दिया. इस बीच लीबियन नेशनल आर्मी ने लीबीया की राजधानी त्रिपोली पर कब्जे के लिए हवाई अड्डे पर हमला किया. जनरल हफ़्तार ने अपनी सेना को त्रिपोली की ओर मार्च करने का आदेश दिया. इस तरह उनकी सेना और अन्य गुटों के बीच लंबे समय से संघर्ष जारी है.

इस तरह इस्लामिक स्टेट ने मचाई तबाही

गद्दाफी की मौत के बाद शुरू हुए सिविल वॉर का फायदा उठाते हुए इस देश में इस्लामिक स्टेट ने भी दस्तक दी. उसने अपना गढ़ राजधानी त्रिपोली से लगभग 450 किमी पूर्व में स्थित सिर्ते, शहर में बनाया. इस्लामिक स्टेट ने यहां खूब कत्लेआम किया. पर अक्टूबर 2022 में खलीफा हिफ्तर की फोर्स ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को ढेर कर दिया और यहां से आईएस के अंत का ऐलान किया.

अब बाढ़ ने बहाया सबकुछ

रविवार को दर्ना में आई सुनामी जैसी बाढ़ ने शहर कके बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया. त्रिपोली में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार का कहना है कि 2300 लोगों की इस बाढ़ से मौत हुई है जबकि दर्ना समेत देश के पश्चिमी इलाके पर नियंत्रण रखने वाले प्रशासन का कहना है कि 5300 से अधिक शव बरामद हुए हैं. हज़ारों लोग अब भी लापता हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कम से 34 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं.

ये भी पढ़ें

Watch: जीवनसाथी तलाश रही अमेरिकी महिला का अनोखा अंदाज, हाथों में तख्ती, लिखा है- एक पति की तलाश है

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'शैतानी शक्ति के खिलाफ...', यहूदियों के कार्यक्रम में ट्रंप ने कट्टर इस्लामी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल क्यों किया?
'शैतानी शक्ति के खिलाफ...', यहूदियों के कार्यक्रम में ट्रंप ने कट्टर इस्लामी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल क्यों किया?
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, इन मजदूरों के खाते में भेजे जाएंगे 10 हजार रुपये
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, इन मजदूरों के खाते में भेजे जाएंगे 10 हजार रुपये
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
Australia v England Ashes third Test Day: उस्मान ख्वाजा की सरप्राइज एंट्री, स्टीव स्मिथ हुए बाहर
Australia v England Ashes third Test Day: उस्मान ख्वाजा की सरप्राइज एंट्री, स्टीव स्मिथ हुए बाहर

वीडियोज

Rahul Gandhi Germany visit : राहुल गांधी के जर्मनी दौरे की पहली तस्वीर...सैम पित्रोदा के साथ दिखे
Delhi Pollution: कब मिलेगी राहत की सांस...? दिल्ली में स्मॉग का नहीं थम रहा कहर! | Pollution
Parliament New Bill: लोकसभा में आज मनरेगा की जगह लाए गए नए बिल पर होगी चर्चा
Hero Xoom 125 vs TVS Ntorq 125 | Auto Live #hero #tvs
Real-World Range Test of Tata Harrier EV | Shocking Results! #tatamotors

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'शैतानी शक्ति के खिलाफ...', यहूदियों के कार्यक्रम में ट्रंप ने कट्टर इस्लामी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल क्यों किया?
'शैतानी शक्ति के खिलाफ...', यहूदियों के कार्यक्रम में ट्रंप ने कट्टर इस्लामी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल क्यों किया?
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, इन मजदूरों के खाते में भेजे जाएंगे 10 हजार रुपये
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, इन मजदूरों के खाते में भेजे जाएंगे 10 हजार रुपये
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
Australia v England Ashes third Test Day: उस्मान ख्वाजा की सरप्राइज एंट्री, स्टीव स्मिथ हुए बाहर
Australia v England Ashes third Test Day: उस्मान ख्वाजा की सरप्राइज एंट्री, स्टीव स्मिथ हुए बाहर
Dhurandhar की फैन हुईं प्रीति जिंटा, बोलीं- 'ये हर देशभक्त के लिए लव लेटर है'
Dhurandhar की फैन हुईं प्रीति जिंटा, बोलीं- 'ये हर देशभक्त के लिए लव लेटर है'
UPPSC Recruitment 2025: पॉलिटेक्निक लेक्चरर के 513 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, मिलेगी तगड़ी सैलरी
पॉलिटेक्निक लेक्चरर के 513 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, मिलेगी तगड़ी सैलरी
Diabetic Rice Benefits: डायबिटीज में चावल खाना कितना सुरक्षित? जानें, गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा के डाइट सीक्रेट
डायबिटीज में चावल खाना कितना सुरक्षित? जानें, गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा के डाइट सीक्रेट
2014 से अब तक कितने देशों का दौरा कर चुके पीएम मोदी, कहां की करेंसी की सबसे ज्यादा वैल्यू?
2014 से अब तक कितने देशों का दौरा कर चुके पीएम मोदी, कहां की करेंसी की सबसे ज्यादा वैल्यू?
Embed widget