इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में शख्स को मिली सजा, ईरान बोला- ‘मोसाद को भेज रहा था सीक्रेट...’
Iran-Israel Tension: ईरान और इजरायल के बीच दशकों से छाया युद्ध जारी है. इस बीच ईरान ने अब तक इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में कई लोगों को फांसी दे दी है.

ईरान ने शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में एक शख्स को फांसी दे दी. ईरान की मिजान न्यूज एजेंसी ने एक ईरानी अभियोजक के हवाले से रविवार (19 अक्टूबर, 2025) को इस बात की जानकारी दी. बताया गया कि आरोपी के संबंध इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से थे और उसने ईरान की गोपनीय जानकारी लीक की थी.
इजरायल के साथ दशकों से जारी शैडो वॉर के बीच ईरान अब तक ऐसे कई लोगों को फांसी दे चुका है, जिन पर मोसाद से संबंध रखने और देश के भीतर उसके अभियानों में मदद करने का आरोप लगा था.
बहमन चोबी-अस्ल के रूप में हुए शख्स की पहचान
द टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, मिजान न्यूज एजेंसी ने कहा कि ईरान ने बहमन चोबी-अस्ल नामक के एक शख्स को फांसी दे दी. न्यायापालिका ने उसे ईरान में इजरायल के सबसे महत्वपूर्ण जासूसों में से एक करार दिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बहमन चोबी-अस्ल का मामला न तो ईरानी मीडिया में पहले सामने आया था और न ही उन कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी थी, जो इस्लामी देश में मौत की सजा की निगरानी करते हैं. हालांकि, यह फांसी उस समय हुई जब ईरान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की ओर परमाणु कार्यक्रम को लेकर तेहरान पर दोबारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद अपने दुश्मनों से निपटने की कसम खाई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने चोबी-अस्ल पर मोसाद के अधिकारियों से मुलाकात करने का आरोप लगाया. तेहरान अक्सर अपने नागरिकों पर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाता है, लेकिन आमतौर पर इन मामलों में कोई भी ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं करता है.
ईरान के सरकारी संस्थानों के डेटाबेस तक पहुंच बनाना था मोसाद का उद्देश्य
रिपोर्ट के मुताबिक, मिजान ने कहा, ‘बहमन चोबी-अस्ल संवेदनशील टेलिकम्युनिकेशन प्रोजेक्ट्स पर काम करता था और उसने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के रास्तों से जुड़ी जानकारियों को साझा किया था. इस आरोपी के सहयोग के पीछे मोसाद का मुख्य उद्देश्य सरकारी संस्थानों के डेटाबेस तक अपनी पहुंच बनाना और ईरान के डेटा सेंटर्स में सेंध लगाथा था. इसके अलावा, मोसाद के सेकेंड्री उद्देश्यों की बात करें तो इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के रास्तों की जांच शामिल थी.’
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