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Space News: पृथ्वी की 'जुड़वा बहनों' जैसे ग्रहों पर मुश्किल होगा जीवन? दुनिया के सबसे ताकतवर टेलिस्कोप की खोज से मिला जवाब
Space News: पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रहों की पूरे ब्रह्मांण में तलाश चल रही है. इन्हें 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' (JWST) के जरिए खोजा जा रहा है.
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Earth Like Planets: दुनिया के सबसे शक्तिशाली टेलिस्कोप 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' (JWST) ने एक युवा सितारे या कहें सूर्य के पास पानी और ऑर्गेनिक कार्बन मॉलिक्यूल्स का पता लगाया है. ये सितारा जिस जगह मौजूद है, वहां उसके बनने की कोई गुंजाइश भी नहीं है. इससे पता चलता है कि पृथ्वी जैसे एक्सोप्लेनेट्स, जिन्हें पृथ्वी की जुड़वा बहनें भी कहा जाता है, ब्रह्मांड के सबसे कठोर वातावरण में भी बन सकते हैं. इनमें से कुछ ग्रह पर जीवन भी हो सकता है.
दरअसल, जर्मनी के 'मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनोमी' (MPIA) के रिसर्चर्स की एक टीम ने JWST की मदद से ब्रह्मांण के NGC 6357 नाम के इलाके की स्टडी की है. पृथ्वी से इसकी दूसरी 5000 प्रकाशवर्ष दूर है. यहां सितारों का जन्म होता है. टीम ये पता लगा रही थी कि सितारों के आस-पास केमिकल वातावरण कैसा होता है और क्या इनके ऑर्बिट में मौजूद ग्रहों, जिन्हें एक्सोप्लेनेट्स कहा जाता है, पर जीवन पनपने की कोई संभावना है या नहीं.
स्टडी में क्या सामने आया?
स्पेस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स ने बताया कि यहां बन रहे सितारों से सोलर फ्लेयर्स, अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन और धूल पैदा होती है. इसकी वजह से आस-पास के इलाकों में बेहद ही खतरनाक वातावरण बन जाता है. हालांकि, इन सबके बाद भी इन सितारों के आस-पास बनने वाले ग्रहों पर ऐसे मॉलिक्यूल हो सकते हैं, जिनमें जीवन को पनपने में मदद करने के गुण होते हैं. पानी और कार्बन डाइऑक्साइड ऐसे ही मॉलिक्यूल हैं, जो इन ग्रहों पर मौजूद हो सकते हैं.
MPIA में एस्ट्रोनोमर और स्टडी की प्रमुख लेखक मारिया सी. रामिरेज तानुस ने कहा कि नतीजे काफी हैरान करने वाले हैं. ये दिखाते हैं कि हमारी गैलेक्सी में सबसे कठोर वातावरण में भी पृथ्वी जैसे ग्रहों और जीवन के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हो सकती हैं. NGC 6357 में जिस ग्रह की खोज हुई है, उसे XUE-1 का नाम दिया गया है. इस ग्रह पर बहुत ज्यादा रेडिएशन है और यहां इंसानों के लिए बिना किसी सुरक्षा उपकरण के जीना मुश्किल होगा.
XUE-1 जिस सितारे का चक्कर लगा रहा है, वो हमारे सूरज के बराबर ही है. लेकिन ये सूरज बहुत ही ज्यादा खतरनाक है. इस वजह से ग्रह पर रेडिएशन से लेकर कई तरह की खतरनाक गतिविधियां हो रही हैं.
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