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China Zero Covid Policy: चीन में माइग्रेंट वर्कर्स के सामने नई मुसीबत, जीरो-कोविड पॉलिसी की वजह से नौकरियां घटीं
China Zero Covid: चीन में ज्यादा उत्पादन न होने की वजह से 'दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग हब' का खिताब छीना जा सकता है. यही नहीं, अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े देश अपनी आंखें फेर सकते हैं.
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China Migrant Worker: वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) ने जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) को इस उम्मीद में हटाया कि इससे उसके नागरिकों को राहत मिलेगी. यह फैसला वहां के माइग्रेंट वर्कर्स के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ. उन्हें कड़े रुल से प्रभावित होने के बाद नई नौकरियों की तलाश करनी पड़ रही है. जीरो-कोविड नीति ने चीन की अर्थव्यवस्था में बाधा डाली. इससे ऐसे माइग्रेंट वर्कर्स प्रभावित हुए, जिन्हें प्रतिदिन के हिसाब से सैलरी मिलती थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यस्त दिनों में वर्कर्स को अक्सर अपने घरों को लौटते देखा गया. इसके बाद कारखानों में वर्कर्स की कमी हो गई. रिपोर्ट में कहा गया कि फेस्टिवल वीक खत्म होने के बाद मजदूर अपना काम फिर से शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड ने इस साल चीजों को अलग बना दिया है, क्योंकि कामगार उम्मीद से जल्दी नौकरी की तलाश में लौट रहे हैं और अभी भी एक स्टेबल इनकम हासिल करने में सफल नहीं हो पाए है. पिछले साल फॉक्सकॉन आपदा के बाद मजदूरों के साथ गलत व्यवहार किया गया. उन्हें वेतन और बोनस के लिए भटकाया गया. कोविड -19 में बिना वेतन के काम करना पड़ा. इससे माइग्रेंट वर्कर्स की हालत खराब हो गई.
दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब का खिताब
रिपोर्ट में कहा गया है कि शेनझेन, कियानन और ग्वांगझू सहित चीन के लगभग सभी क्षेत्रों में स्थिति समान है, क्योंकि लाखों प्रवासी श्रमिक रोजगार तलाश रहे हैं. अगर ऐसी स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि चीन से 'दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब' का खिताब छीन लिया जाए. तब अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े देश अपनी आंखें फेर सकते हैं. ये सारे देश वियतनाम और भारत जैसे अन्य विकल्पों की ओर ध्यान देना शुरू कर देंगे.
जीरो कोविड पॉलिसी को अचानक खत्म कर दिया गया
ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट में कहा गया कि 2022 में, चीन की जीडीपी में केवल 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो माओ युग के बाद सबसे खराब है. ग्रेट लीप फॉरवर्ड एंड कल्चरल रेवोल्यूशन के दौरान इसी तरह की आर्थिक स्थिति देखी गई थी. 'जीरो कोविड' पॉलिसी को कुछ सप्ताह पहले अचानक रद्द कर दिया गया था, जिससे समाज में भ्रम और अशांति पैदा हो गई थी. इससे कोविड के मामले बढ़ गए, जिससे लोग बीमार हो गए, इस प्रकार स्वाभाविक रूप से व्यावसायिक गतिविधियां धीमी हो गईं.
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