'साइलेंट हंटर' के दम पर ट्रंप की टेंशन बढ़ाएगा चीन, समंदर की ताकत बढ़ाने का प्लान, जानें पूरा मामला
China vs US Navy: चीन 2030 तक समंदर में और ज्यादा घातक हथियारों के साथ उतरने वाला है. वह पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट्स को लेकर तेजी से काम कर रहा है.

दुनिया के सबसे मजबूत देशों की लिस्ट में भारत के साथ अमेरिका और चीन का नाम टॉप पर आता है. अगर सेना की ताकत की बात की जाए तो दोनों ही देश एक-दूसरे से कम नहीं हैं, लेकिन अब चीन समंदर में दबदबा बनाने की तैयारी में है. चीन के पास पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक बेड़ा है, लेकिन ज्यादा रेंज की पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट कैरियर की वजह से अमेरिका उस पर भारी है. हालांकि अब चीन ने 2030 तक और ज्यादा मजबूत होने की योजना बना ली है.
'द यूरेशियन टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक चीन साल 2030 तक अपनी समुद्री क्षमता को और ज्यादा बढ़ाने वाला है. चीन न केवल पनडुब्बियों की संख्या में अमेरिका पर बढ़त हासिल कर लेगा, बल्कि उसकी पनडुब्बियां भी ज्यादा साइलेंट, तेज और अधिक उन्नत हथियारों, बेहतर सेंसरों से लैस होंगी, जो लंबे समय तक पानी के नीचे रह सकती हैं. चीन का यह 'साइलेंट हंटर' अमेरिका की टेंशन बढ़ा सकता है.
चीन या अमेरिका, समंदर में किसकी सेना ज्यादा मजबूत
'सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज' के मुताबिक चीन के पास मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक बेड़ा है, जिसमें 234 वॉरशिप हैं, जबकि अमेरिकी नौसेना के पास 219 वॉरशिप हैं. चीन 2030 तक युद्धपोतों की संख्या बढ़ाकर 435 करने वाला है.
पनडुब्बियों के मामले में कौन, किस पर भारी
इस समय अमेरिका की पनडुब्बियां चीन के मुकाबले ज्यादा मजबूत हैं. उसके पास 71 ऐसी पनडुब्बियां हैं जो कि न्यूक्लियर पॉवर से लैस हैं, जबकि चीन के पास ऐसी 12 पनडुब्बियां ही हैं. हालांकि चीन के पास कुल 60 पनडुब्बियां मौजूद हैं. अब चीन इस पर और ज्यादा काम करने वाला है. उसकी पनडुब्बियां और उन्नत किस्म की होंगी, जो कि काफी ज्यादा शांत होंगी और पानी में पहले के मुकाबले ज्यादा देर तक रुक सकेंगी.
अहम बात यह भी है कि चीन की पनडुब्बियों की संख्या 2035 तक 80 तक पहुंच सकती है, जिनमें लगभग 20 परमाणु-संचालित होंगी, जबकि अमेरिका की पनडुब्बी संख्या इस दशक के अंत तक 47 तक गिर सकती है.
चीन का 'साइलेंट हंटर'
नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी रिसर्च संस्थान के मुताबिक, चीन की दो नई परमाणु पनडुब्बियां टाइप 095 और टाइप 096 की क्षमताएं अमेरिका और रूस की पनडुब्बियों के बराबर हैं. टाइप 095 परमाणु-संचालित अटैक सबमरीन करीब 90 दिन तक लगातार पानी के नीचे रह सकती है. इसमें 24 टॉरपीडो और 16 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम लगे होते हैं. यह पनडुब्बी YJ-18 एंटी-शिप मिसाइल, CJ-10 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल, और HQ-10 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल से लैस है.
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Source: IOCL






















