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चीन में लॉकडाउन ने डिलीवरी कर्मचारियों के सामने खड़ी की परेशानियां, घर से बाहर रहने को हुए मजबूर, आर्थिक स्थिति भी खराब
चीन में जीरो कोविड पॉलिसी ने अब लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. चीन में लॉकडाउन के कारण डिलीवरी कर्मचारियों को भी काफी परेशानियां हो रही हैं.
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China Lockdown: चीन में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के कारण चीन में जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) लागू है. चीनी सरकार का कहना है कि जीरो कोविड पॉलिसी से ही लोगों की जान बचाई जा सकती है. हालांकि, अब यही पॉलिसी लोगों के सामने आर्थिक समस्याएं खड़ी कर रही है. कोविड लॉकडाउन के कारण डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों की हालत बहुत खराब है. ऐसे ही एक कर्मचारी हैं वांग.
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, अत्यधिक काम, कम वेतन और पूरी तरह से तंग आ चुके वांग की परेशानी तब और बढ़ गई जब अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में डिलीवरी ड्राइवर्स को बीजिंग के अपार्टमेंट में जाने से अचानक मना कर दिया. वांग निराश महसूस करने वाले अकेले नहीं हैं.
'मेरे पास कोई विकल्प नहीं'
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बिना समझौता वाली जीरो कोविड पॉलिसी ने चीन के प्रमुख शहरों में व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के साथ क्रोध और आक्रोश को भड़काया है. वांग, जो इंटरनेट की दिग्गज कंपनी मितुआन के लिए खाना की डिलीवरी करते हैं, उन्होंने कहा कि उनके आवास परिसर को 7 नवंबर को दो कोरोना केस मिलने के बाद बंद कर दिया गया था. वो एक दिन में लगभग 250 युआन (34 डॉलर) कमा लेते थे. हालांकि, अब उनका काम बिल्कुल बंद है. वांग ने कहा, "मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. अगर मैं पैसे नहीं कमा पाऊंगा तो मैं घर का किराया कैसे दूंगा."
'मैं चीनी सरकार से असंतुष्ट हूं'
वांग ने पिछले सप्ताह एएफपी को बताया, "इस समय बहुत से डिलीवरी करने वाले लोगों के पास रहने के लिए भी कोई स्थान नहीं है. मैं वास्तव में चीनी सरकार से असंतुष्ट हूं, क्योंकि अन्य देश अब कोविड को लेकर इतने सख्त नहीं हैं... मुझे नहीं लगता कि यह जरूरी है, क्योंकि कोई भी इससे नहीं मर रहा है."
गाड़ी में ही सोने को मजबूर
चीन के गु किआंग में पिछले हफ्ते हाउसिंग कंपाउंड में शटडाउन का खतर मंडरा रहा था, ऐसे में मितुआन कंपनी का ड्राइवर अपने घर नहीं गया और गाड़ी में ही सो गया. पूर्वोत्तर चीन के मूल निवासी ने कहा, "इंजन को पूरी रात चालू रखने के लिए 30 युआन खर्च करना अभी भी एक होटल में रूम पाने से सस्ता है. मेरे कुछ दोस्त भी बाहर रह रहे हैं और वे घर जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे."
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