अमेरिकी तक पहुंचा बांग्लादेश में हिंदू युवक की मौत का मामला, सांसदों ने जताया विरोध, जानें UN प्रवक्ता ने क्या कहा?
Bangladesh Protests: बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या के खिलाफ दिल्ली, मुंबई सहित देश के की शहरों में यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए. बांग्लादेश हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई.

बांग्लादेश तख्तालट के 16 महीने बाद एक बार फिर हिंसा की आग में झुलसा रहा है. दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला और हिंदू अल्पसंख्यक कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मु्द्दा अमेरिका और संयुक्त राष्ट तक ने उठाया. पिछले एक हफ्ते के दौरान दोनों पड़ोसी देशों के बीच की राजनीति बहुत तेजी से बदलती हुई दिखाई दे रही है. भारत ने मंगलवार (23 दिसंबर 2025) को एक बार फिर बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्ला को तलब किया.
दीपू चंद्र दास की हत्या और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत में उबाल है. लोगों ने दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, भोपाल, हैदराबाद, जम्मू और राजौरी समेत देश के कई जगहों पर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गए. दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के समर्थकों ने कड़ी सुरक्षा वाले बांग्लादेश उच्चायोग के पास अवरोधक हटा दिए जिसके बाद पुलिस से उनकी झड़प हुई. कोलकाता में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के भी झड़प देखने को मिली. पुलिस के मुताबिक, यहां कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.
बांग्लादेश हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई
दीपू चंद्र दास पर बांग्लादेश में ईशनिंदा का फर्जी आरोप लगाकर उन्हें सरेआम हत्या के बाद जला दिया गया. दीपू चंद्र के परिवार को स्थानीय हिंदू संगठनों का समर्थन मिल रहा है और वे अपने बच्चे की हत्या का इंसाफ मांग रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर चिंता जताई है. उनके प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने कहा कि बांग्लादेश में रहने वाले सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और हाल ही में हिंदुओं की लिंचिंग के बारे में पूछे जाने पर स्टेफन दुजारिक ने कहा, 'सभी बांग्लादेशियों को सुरक्षित महसूस करने की जरूरत है. हम बांग्लादेश में देखी गई हिंसा को लेकर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने साफ कहा कि बांग्लादेश हो या कोई और देश, जो लोग बहुसंख्यक समाज का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें भी पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए.' हाल के दिनों में कई ऐसे हिंदुओं को भी भीड़ ने टारगेट किया, जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था. केवल उनके धर्म के कारण उन्हें निशाना बनाया गया.हिंसा की नई घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने शांति बनाए रखने और हिंसा रोकने की अपील की थी.
अमेरिकी सासंदों ने उठाया बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की रक्षा का मुद्दा
दीपू चंद्र दास की हत्या की अमेरिकी सांसदों ने निंदा करते हुए बांग्लादेश सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और कानून का शासन बहाल करने की अपील की है. डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में बढ़ती अशांति और दीपू चंद्र की हत्या की निंदा की. न्यूयॉर्क की असेंबली मेंबर जेनिफर राजकुमार ने दास की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा से वह बेहद परेशान हैं.
दीपू चंद्र दास की हत्या को लेकर भारत में ही नहीं, अमेरिका में भी उबाल है. अमेरिकी सांसदों ने भीड़ द्वारा दास की पीट-पीट हत्या की निंदा करते हुए बांग्लादेश सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और कानून का शासन बहाल करने की अपील की है. इलिनॉय से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता और अशांति के बीच दीपू चंद्र दास की हत्या की कड़ी निंदा की. न्यूयॉर्क की असेंबली मेंबर जेनिफर राजकुमार ने दास की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा से वह बेहद परेशान हैं. यह घटना वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और चुन-चुनकर हिंसा की चिंताजनक प्रवृत्ति को दिखाती है.
'बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों की जबरदस्त बढ़ोतरी'
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर पत्रकार और लेखिका नयनिमा बसु ने बताया, '2024 में शेख हसीना के भारत आने के बाद ये समस्याएं बढ़ी है. कार्यवाहक सरकार भी वहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है. इस दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, जिसका वहां की सरकार का सपोर्ट मिला.' बांग्लादेश में अगले फरवरी 2026 में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में नयनिमा बसु बताती हैं कि बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष और खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान के लंदन से बांग्लादेश लौटने के बाद वहां की राजनीति स्थिति कैसे बदलती है ये देखना होगा. उन्होंने कहा, बांग्लादेश चाहता है कि भारत शेख हसीना को वापस लौटाए और उन्हें कानून का सामना करने दे, लेकिन अगर चुनाव होते हैं और बीएनपी सत्ता में आती है तो ये भावनाएं कुछ हद तक शांत हो सकती हैं.
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने लताड़ लगी तो मोहम्मद यूनुस सरकार के मंत्री शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर सी.आर. अबरार ने मंगलवार (23 दिसंबर 2025) को दीपू चंद्र दास के पिता रबीलाल दास और परिवार के अन्य लोगों से मुलाकात की. उन्होंने दीपू दास के परिवार को आर्थिक सहायता की घोषणा करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.
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