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हिन्दू शरणार्थियों को देश में जगह मिले लेकिन मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं: वीएचपी
असम के एनआरसी विवाद पर मचे सियासी कोहराम में अब विश्व हिन्दू परिषद भी कूद पडी है. वीएचपी ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हिन्दू शरणार्थियों को देश में जगह मिलनी चाहिए लेकिन मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं.

इलाहाबाद: असम के एनआरसी विवाद पर मचे सियासी कोहराम में अब विश्व हिन्दू परिषद भी कूद पडी है. वीएचपी ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हिन्दू शरणार्थियों को देश में जगह मिलनी चाहिए लेकिन मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं.
वीएचपी का मानना है कि इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार को बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत दूसरे देशों के जो हिन्दू भारत आकर रह रहे हैं, उन्हें शरणार्थी मानते हुए देश में बने रहने का अधिकार दिया जाना चाहिए, जबकि दूसरे देशों से आए मुसलमानों को घुसपैठिया मानकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें भारत से बाहर निकाल देना चाहिए.
वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे ने इलाहाबाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि दूसरे देशों से आए हिन्दुओं को शरणार्थी मानकर उन्हें इसलिए भारत में रहने का अधिकार देना चाहिए, क्योंकि वह अपने देश से प्रताड़ित होकर यहां आते हैं, जबकि दूसरी तरफ रोहिंग्या समेत बाकी मुसलमान भारत की व्यवस्था को खराब करने और यहां गड़बड़ी करने के मकसद से आते हैं. ऐसे लोगों के आने से देश की आतंरिक सुरक्षा हमेशा खतरे में रहती है.
मिलिंद परांदे के मुताबिक़ एनआरसी मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार ने जो कदम उठाया है, वह बिल्कुल सही है. देश में बड़ी संख्या में घुसपैठियों के आने से तमाम समस्याएं पैदा हो रही हैं. ऐसे में असोम के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में भी एनआरसी लागू कर घुसपैठियों को देश से बाहर कर देना चाहिए. मिलिंद परांदे ने केंद्र सरकार से गोरक्षा और गोसंवर्धन मंत्रालय बनाए जाने की भी मांग की है.
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Source: IOCL





















