एक्सप्लोरर

जानिए अयोध्या में क्यों नहीं है सीता माता की प्रतिमा? कैसे होती है रामलला की पूजा

जिन रामलला को लेकर देश भर में हंगामा मचा हुआ है, क्या आप जानते हैं कि 26 सालों से उनकी पूजा कैसे होती है. रामलला की न तो कोई तस्वीर है न ही वीडियो. अयोध्या में भगवान राम की पूजा एक बच्चे की तरह होती है. लोग उन्हें रामलला कह कर बुलाते हैं.

अयोध्या: जिन रामलला को लेकर देश भर में हंगामा मचा हुआ है, क्या आप जानते हैं कि 26 सालों से उनकी पूजा कैसे होती है. रामलला की न तो कोई तस्वीर है न ही वीडियो. अयोध्या में भगवान राम की पूजा एक बच्चे की तरह होती है. लोग उन्हें रामलला कह कर बुलाते हैं. रामलला को खाने में खीर और पेड़ा बहुत पसंद है. वे हर दिन अलग रंग के कपड़े पहनते हैं. पाँच बार रामलला की आरती होती है. भगवान के लिए खाना बनाने से लेकर उनके बरतन धोने तक के लिए लोग रखे गए हैं. सबसे पहले रामलला को जगाया जाता है. सवेरे क़रीब छह बजे. वैसे तो भगवान कभी सोते नहीं लेकिन मान्यता ऐसी ही रही है. जगाने के लिए भगवान की आरती की जाती है. जिसे मंगलाआरती कहते हैं. भगवान के दिन की शुरूआत आरती से होती है. आरती ख़त्म होने के बाद उन्हें नहलाया धुलाया जाता है. चंदन का लेप लगाया जाता है. सत्येन्द्र दास राम मंदिर में 26 सालों से पूजा पाठ कराते रहे हैं. वे बताते हैं कि रामलला की पांच तरह की आरती होती है. मंगला आरती, श्रृंगार आरती, भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती. भगवान को सुलाने ये पहले शयन आरती की जाती है. रामलला के दिन के भोजन के बाद भोग आरती होती है. वैष्णो माता के मंदिर या काशी के विश्वनाथ मंदिर में जिस तरह लोग आरती में शामिल होते हैं, उसे देखते हैं. वैसा कुछ अयोध्या के राम मंदिर में असंभव हैं. यहाँ तो मंदिर के बंद होने के बाद आरती करने की परंपरा रही है. जानिए अयोध्या में क्यों नहीं है सीता माता की प्रतिमा? कैसे होती है रामलला की पूजा भगवान राम एक टेंट में विराजमान हैं. भक्त और भगवान के बीच 51 फ़ुट की दूरी रहती है. लोग ठीक से रामलला के दर्शन तक नहीं कर पाते हैं. यहां सीता मैया की मूर्ति नहीं हैं. सिर्फ़ राम के तीन भाईयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्तियां हैं. ये सभी अष्टधातु की बनी हुई हैं. इनके अलावा हनुमान की भी प्रतिमा बनी हुई है. टेंट में एक ऊँची जगह पर भगवान लकड़ी की एक छोटी सी चौकी पर विराजमान हैं. बच्चों की तरह भगवान राम कपड़ों के भी बड़े शौक़ीन हैं. चटक रंग उन्हें अधिक पसंद हैं. हर दिन वे अलग रंग के ड्रेस पहनते हैं. सोमवार को सफ़ेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरूवार को पीला और शुक्रवार को हल्का बादामी रंग का कपड़ा पहनाया जाता है. रामलला शनिवार को नीले और रविवार को गुलाबी रंग के ड्रेस पहनते हैं. जिसे बनाने का काम सालों से एक ही परिवार करता रहा है. जाड़े में मख़मल के कपड़ों से भगवान के ड्रेस तैयार किए जाते हैं. जानिए अयोध्या में क्यों नहीं है सीता माता की प्रतिमा? कैसे होती है रामलला की पूजा शंकर लाल और उनके भाई भगवत दास के पास अब कपड़ों के सिलाई की ज़िम्मेदारी है. शंकरलाल बताते हैं कि प्रभु की सेवा का सौभाग्य उन्हें मिला है. जाड़े के मौसम में ठंड से बचाने के लिए रामलला को रज़ाई ओढ़ाई जाती है. शंकरलाल का परिवार चार पीढ़ियों से रामलला के कपड़ों कि सिलाई का काम कर रहा है. भगवान को राम को मीठा बहुत पसंद है. बिना खीर के उनका एक भी दिन नहीं गुज़रता है. नाश्ते में वे पेड़ा और पंचमेवा खाते हैं. दिन भर में भगवान को चार बार खाना दिया जाता है. दोपहर के खाने में उन्हें दाल, रोटी, चावल और सब्ज़ी दी जाती है. शाम के भोग में रामलला को खीर और पूरी चढ़ता है. रामलला का खाना बनाने का काम भंडारी करते हैं. उनकी सहायता करने के लिए एक कोठारी भी होता है. कोठारी का काम करने वाले गिरीश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि रामलला को सबसे अधिक खीर पसंद है. मीठा जो भी हो उन्हें अच्छा लगता है. भोग में साग भी ख़ूब चढ़ता है. पर्व त्यौहार पर रामलला की विशेष पूजा की जाती है. होली, दीवाली, विजयदशमी और रामनवमी में विशेष इंतज़ाम किए जाते हैं. सावन के शुक्ल पक्ष में रामलला को झूलाया जाता है. पंद्रह दिनों तक झूला झूलाने की परंपरा रही है. विजयादशमी में भी स्पेशल पूजा होती हैं. भोग भी विशेष होता है. कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. दीपावली में भी रामलला का विशेष श्रृंगार होता रहा है. भगवान राम को भक्त फूल नहीं चढ़ा सकते हैं. न ही धूप या अगरबत्ती.. प्रसाद के रूप में सिर्फ़ सफ़ेद ईंलायची दाना चढ़ाया जाता है. लोग दो पैकेट लेकर मंदिर में जाते हैं. एक पैकेट मंदिर में ही रह जाता है. दूसरा पैकेट भक्त को पुजारी दे देते हैं. सुरक्षा कारणों से रामलला की पूजा अर्चना में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं. भगवान को न तो भक्त न ही पुजारी फूल चढ़ाते हैं. लेकिन वे हर दिन माला ज़रूर पहनते हैं. कभी गेंदा के फूलों की तो कभी गुलाब की, जैसा मौसम रहता है उसी तरह के फूलों की माला बनती है. सालों से एक ही माली परिवार ये काम करता रहा है. इसी परिवार के मुन्ना कहते हैं कि वे अपने खेत में ही रामलला के लिए फूलों की खेती करते हैं. राम मंदिर हर दिन सिर्फ़ आठ घंटों के लिए ही खुलता है. जाड़े के मौसम में सवेरे 8 बजे से लेकर 12 बजे तक मंदिर खुलता है. शाम में 1 से 5 बजे तक रामलला के दर्शन होते हैं लेकिन ग़र्मियों के मौसम में सवेरे 7 से 11 बजे तक मंदिर खुलता है. जैसे भगवान जगन्नाथ सम्मान करने के बाद साल में एक बार बीमार पड़ जाते हैं. वैसा कुछ रामलला के साथ नहीं होता है. रामलला की पूजा के लिए एक मुख्य पुजारी और चार सहायक पुजारी तैनात किए गए हैं. एक सहायक पुजारी की ड्यूटी दो घंटों के लिए होती है.
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'कर्नाटक को यूपी वाले रास्ते पर...', गृहमंत्री जी परमेश्वर के बुलडोजर एक्शन वाले बयान पर क्या बोले पी. चिदंबरम?
'कर्नाटक को यूपी वाले रास्ते पर...', गृहमंत्री जी परमेश्वर के बुलडोजर एक्शन वाले बयान पर क्या बोले पी. चिदंबरम?
बिहार में सरकार बनते ही जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर कर दी बड़ी मांग, CM मान जाएंगे?
बिहार में सरकार बनते ही जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर कर दी बड़ी मांग, CM मान जाएंगे?
'सोचना भी नहीं कोई मुझे डरा-धमका सकता है', पूर्व सांसद की याचिका पर सुनवाई करते हुए क्यों CJI को कहनी पड़ी यह बात?
'सोचना भी नहीं कोई मुझे डरा-धमका सकता है', पूर्व सांसद की याचिका पर सुनवाई करते हुए क्यों CJI को कहनी पड़ी यह बात?
जब बॉलीवुड ने पर्दे पर उतारे असली गैंगस्टर्स, अक्षय खन्ना से विवेक ओबेरॉय तक दिखें दमदार रोल
जब बॉलीवुड ने पर्दे पर उतारे असली गैंगस्टर्स, अक्षय खन्ना से विवेक ओबेरॉय तक दिखें दमदार रोल

वीडियोज

Triumph Thruxton 400 Review | Auto Live #triumph
Royal Enfield Goan Classic 350 Review | Auto Live #royalenfield
Hero Glamour X First Ride Review | Auto Live #herobikes #heroglamour
जानलेवा बॉयफ्रेंड की दिलरूबा !
Toyota Land Cruiser 300 GR-S India review | Auto Live #toyota

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'कर्नाटक को यूपी वाले रास्ते पर...', गृहमंत्री जी परमेश्वर के बुलडोजर एक्शन वाले बयान पर क्या बोले पी. चिदंबरम?
'कर्नाटक को यूपी वाले रास्ते पर...', गृहमंत्री जी परमेश्वर के बुलडोजर एक्शन वाले बयान पर क्या बोले पी. चिदंबरम?
बिहार में सरकार बनते ही जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर कर दी बड़ी मांग, CM मान जाएंगे?
बिहार में सरकार बनते ही जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर कर दी बड़ी मांग, CM मान जाएंगे?
'सोचना भी नहीं कोई मुझे डरा-धमका सकता है', पूर्व सांसद की याचिका पर सुनवाई करते हुए क्यों CJI को कहनी पड़ी यह बात?
'सोचना भी नहीं कोई मुझे डरा-धमका सकता है', पूर्व सांसद की याचिका पर सुनवाई करते हुए क्यों CJI को कहनी पड़ी यह बात?
जब बॉलीवुड ने पर्दे पर उतारे असली गैंगस्टर्स, अक्षय खन्ना से विवेक ओबेरॉय तक दिखें दमदार रोल
जब बॉलीवुड ने पर्दे पर उतारे असली गैंगस्टर्स, अक्षय खन्ना से विवेक ओबेरॉय तक दिखें दमदार रोल
शुभमन गिल को टी20 टीम में होना चाहिए या नहीं? ये क्या कह गए गुजरात टाइटंस के कोच आशीष नेहरा; जानें क्या बोले
शुभमन गिल को टी20 टीम में होना चाहिए या नहीं? ये क्या कह गए गुजरात टाइटंस के कोच आशीष नेहरा; जानें क्या बोले
सुबह उठते ही सिर में होता है तेज दर्द, एक्सपर्ट से जानें इसका कारण
सुबह उठते ही सिर में होता है तेज दर्द, एक्सपर्ट से जानें इसका कारण
फर्जीवाड़ा कर तो नहीं लिया लाडकी बहिन योजना का लाभ, वापस करना पड़ेगा पैसा; कहीं आपका नाम भी लिस्ट में तो नहीं?
फर्जीवाड़ा कर तो नहीं लिया लाडकी बहिन योजना का लाभ, वापस करना पड़ेगा पैसा; कहीं आपका नाम भी लिस्ट में तो नहीं?
BCCI का अंपायर बनने के लिए कौन-सा कोर्स जरूरी, कम से कम कितनी मिलती है सैलरी?
BCCI का अंपायर बनने के लिए कौन-सा कोर्स जरूरी, कम से कम कितनी मिलती है सैलरी?
Embed widget