अनुच्छेद 370: जेडीयू नेता अजय आलोक की अपील, नीतीश कुमार पार्टी के रुख पर पुनर्विचार करें
जेडीयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि पार्टी को चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की भावना को ध्यान में रखकर फैसला करे. उन्होंने नीतीश कुमार से अपील की कि अपने स्टैंड पर फिर से विचार करना चाहिए. बता दें कि जेडीयू केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में है.

पटना: जेडीयू के नेता अजय आलोक ने को मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने पर पार्टी के रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पार्टी को चाहिए कि वह अपने रुख पर एक बार फिर से विचार करे. जेडीयू के पूर्व प्रवक्ता ने कहा, "मैं नीतिश कुमार जी से आग्रह करना चाहता हूं कि देश हित को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पार्टी के रुख पर पुन: विचार करें और इस निर्णय का स्वागत करें."
सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के निर्णय का जेडीयू की तरफ से विरोध किए जाने के बाद आलोक कुमार ने कहा कि पार्टी को चाहिए कि वह बिहार, जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर फैसला करे. भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है. जेडीयू के नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि इसे हटाए जाने का पार्टी विरोध करती है. नीतीश कुमार ने बार-बार कहा है कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 को खत्म करने के कदम पर भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं है.
देश हित में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष @NitishKumar जी से अपील हैं की धारा 370 पे जो बिल आया हैं उस पे पार्टी के पूर्व के स्टैंड पर पुनःविचार होना चाहिए ।देश और बिहार की जनता और जम्मू कश्मीर और लद्दाख़ की जनता की भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि हैं उसको ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) August 5, 2019
जेडीयू ने एनडीए में बने रहने के संकेत दिए
जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि वे सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि ये एनडीए का फैसला है. यह जनसंघ और बीजेपी का एजेंडा है. हमसे इसको लेकर कोई बातचीत नहीं की गई. उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू और नीतीश कुमार, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और जार्ज फर्नांडीस की नीतियों पर चलने वाले लोग हैं. उन्होंने 370 को बनाए रखने के लिए लड़ाइयां लड़ी थीं. इसलिए इस फैसले के समर्थन का सवाल ही नहीं है. जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वे एनडीए में बने रहेंगे, इसपर उन्होंने कहा कि बताशों पर मंदिर तोड़े नहीं जाते. यानी इशारा साफ था कि जेडीयू एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी.
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