अलवर लिंचिंग: मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान की वसुंधरा सरकार को भेजा नोटिस
आयोग ने कहा कि उसने मीडिया की उन खबरों पर स्वत : संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया कि 20 जुलाई को हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले रकबर खान पर अलवर के 8-10 गोरक्षकों ने गौ तस्कर समझ कर हमला कर दिया था और कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अलवर जिले में 28 वर्षीय युवक की कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) किए जाने के मामले में राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया. आयोग ने कहा कि उसने मीडिया की उन खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया कि 20 जुलाई को हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले रकबर खान पर अलवर के 8-10 गोरक्षकों ने गौ तस्कर समझ कर हमला कर दिया था और कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी.
आयोग ने कहा कि उसने पाया कि खबरों की विषयवस्तु पीड़ित के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है. इसी के अनुसार आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते के भीतर मामले पर रिपोर्ट मांगी है.
अलवर में रकबर की मौत का जिम्मेदार गो-रक्षक या पुलिस? सरकार ने माना कस्टडी में हुई मौत
आपको बता दें कि 20 जुलाई की रात को अकबर खान (रकबर खान) अन्य व्यक्ति के साथ पशुओं को ले जा रहा था, तभी अलवर में लालावंडी गांव के समीप ग्रामीणों के एक समूह ने उसे रोक लिया और गो तस्करी का आरोप लगाते हुए उसकी बेरहमी से कथित तौर पर पिटाई कर दी. जिसमें उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. कई चश्मीदीदों का दावा है कि अकबर की मौत पुलिस पिटाई में हुई थी.
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