महाराष्ट्र के बहुचर्चित सिंचाई घोटाले में सात नए लोगों के खिलाफ नागपुर में FIR दर्ज
70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले में शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार का नाम भी आ चुका है. अब इस मामले में सात नए लोगों के खिलाफ नागपुर में एफआईआर दर्ज की गई है.

मुंबई: महाराष्ट्र के बहुचर्चित हजारों करोड़ के सिंचाई घोटाला मामले में नागपुर के सदर पुलिस थाने में सात नए लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एसीबी ने इन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. इसमें विदर्भ सिंचाई महामंडल के तत्कालीन चीफ इंजीनियर, सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, अकाउंट्स ऑफिसर जैसे बड़े अधिकारियों के नाम शामिल हैं.
70 हजार करोड़ का हुआ था घोटाला
इस घोटाले में महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी सीएम अजीत पवार का नाम भी शामिल था. हालांकि नई सरकार बनने से पहले ही अजीत पवार को इस घोटाले के कई मामलों में क्लीन चिट मिल गई थी. राजनीति के गलियारे में इस क्लीन चिट की काफी चर्चा रही और सबको लगने लगा था कि अब इस घोटाले की फाइल बंद हो गई, लेकिन करीब 70 हजार करोड़ के इस घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है. इस घोटाले के मामले में एसीबी की तरफ से नागपुर के सदर पुलिस स्टेशन में सात नए लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
नियमों में अनदेखी कर हुआ था घोटाला
सिंचाई घोटाले मामले में दर्ज नई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विदर्भ के मोखाबर्डी, घोडाझरी, नेरला, असोलामेंढा, गोसेखुर्द में सिंचाई के लिए बनने वाले प्रोजेक्ट में नियमों की अनदेखी करके घोटाला हुआ है. इन प्रोजेक्ट के लिए जो टेंडर निकाले गये थे उसमें नियमों का उल्लंघन करके, नियमों में छेड़छाड़ करके काम दिए गए और काम करने में बेहद ढिलाई बरती गई. जिसमें कई अधिकारी जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से घोटाले हुए.
बीजेपी ने बनाया था मुद्दा
बता दें कि पिछले कई सालों से महाराष्ट्र का सिंचाई घोटाला एक बड़ा मुद्दा रहा है. 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इसे चुनाव प्रचार का बड़ा मुद्दा बनाया था और अजीत पवार को जेल की चक्की पिसवाने तक की बात की थी. वहीं साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब महाराष्ट्र में राजनीतिक ड्रामे के बीज अजीत पवार ने बीजेपी का हाथ थामा तो इससे जुडे़ कई मामले अजीत पवार के ऊपर से तुरंत हटा लिए गए और जब शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनने की बात आई तो अजीत पवार को सिंचाई घोटाले से क्लीन चिट मिल गई और वो महाराष्ट्र के मौजूद डिप्टी सीएम बन गए.
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Source: IOCL






















