बुलंदशहर हिंसा: बीजेपी नेताओं ने उठाए शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की कार्यप्रणाली पर सवाल
यूपी के बुलन्द शहर में गौकशी की वारदात के बाद भडकी हिंसा में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की कार्य प्रणाली पर बीजेपी सांसद और विधायक भोला सिंह ने सवाल उठाया है.

उत्तर प्रदेश: यूपी के बुलंदशहर में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को हटाने की मांग स्थानीय बीजेपी नेता पहले से ही कर रहे थे. खुद बीजेपी सांसद भोला ने कहा है कि उन्होंने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की कार्य प्रणाली की एसएसपी केबी सिंह से शिकायत की थी और अगर एसएसपी सितंबर में ही सुबोध कुमार सिंह पर कार्रवाई कर देते तो ये नौबत नहीं आती.
बुलंदशहर से सांसद भोला सिंह को हिंसा से दो दिन पहले भेजे गए पत्र में कहा गया था कि इंस्पेक्टर का व्यवहार जनता के प्रति अभद्र है और क्षेत्र में चोरी, पशु चोरी, अवैध कटान जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं. सांसद के अनुसार, उन्होंने पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजकर कार्रवाई की मांग की थी. बीजेपी सांसद की मानें तो यदि एसएसपी केबी सिंह इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को पहले ही हटा देते तो शायद इस तरह के हालात नहीं होते. हालांकि सांसद इसे मॉब लिचिंग का मामला नहीं मानते.
बता दें कि इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता ने कहा कि लोकतंत्र में हत्या के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन बुलंदशहर में कथित गोहत्या को लेकर भीड़ की हिंसा में मारे गये पुलिस इंसपेक्टर की भूमिका भी जांच की जानी चाहिए. विहिप के मेरठ क्षेत्र के मंत्री सुदर्शन चक्र ने आरोप लगाया कि सुबोध सिंह प्राथमिकी दर्ज नहीं करते थे और लोगों की बात नहीं सुनते थे. उन्होंने सवाल किया कि हिंसा के दौरान उनके सहयोगियों ने उन्हें अकेला क्यों छोड़ दिया. उन्होंने कहा,"विहिप ने स्पष्ट कहा है कि लोकतंत्र में हत्या के लिए कोई जगह नहीं है और उसने उनकी हत्या पर शोक प्रकट किया लेकिन बतौर पुलिस अधिकारी उनकी भूमिका भी जांच की जानी चाहिए."
बता दें कि शनिवार को इस हिंसा के मामले में जिले के एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह, चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार और सीओ सत्या प्रकाश शर्मा का तबादला कर दिया गया है. इस हिंसा के मामले में एक पुलिस इंस्पेक्टर सहित एक अन्य शख्स की मौत हो गई थी.
क्या है पूरा मामला बीती 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गोकशी की आशंका के बाद बवाल शुरू हुआ. जिसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही थी, इतने में ही तीन गांव से करीब 400 लोगों की भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में कथित गोवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंच गई और जाम लगा दिया. इसके बाद भीड़ ने हाइवे जाम कर दिया. इसी दौरान भीड़ जब उग्र हुई तो पुलिस ने काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े और जल्द ही वहां फायरिंग भी होने लगी. जिसमें सुबोध कुमार घायल हो गए और एक युवक भी जख्मी हो गया. सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाने से रोका गया और उनकी कार पर जमकर पथराव भी किया गया. टॉप हेडलाइंस
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