अखिलेश यादव ने किया अंबेडकर और लोहिया को याद, इशारों में जाहिर की गठबंधन की ख्वाहिश
अखिलेश ने स्वाधीनता दिवस पर अपने संदेश में कहा कि देश का भविष्य आर्थिक समानता, सामाजिक न्याय और एकता से ही मजबूत बनाया जा सकता है. यही सपना अंबेडकर और लोहिया ने भी देखा था. दोनों ने 1956 में एक दूसरे को खत लिखकर तय किया था कि वह मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से गठबंधन की अपनी ख्वाहिश की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बाबा साहब डा.भीमराव अंबेडकर और समाजवाद के प्रणेता डा.राम मनोहर लोहिया ने न्याय और एकता के जरिए देश का भविष्य मजबूत बनाने की लड़ाई मिलकर लड़ने का फैसला किया था ओर आज वह सपना पूरा करने का मौका मिला है.
अखिलेश ने स्वाधीनता दिवस पर अपने संदेश में कहा कि देश का भविष्य आर्थिक समानता, सामाजिक न्याय और एकता से ही मजबूत बनाया जा सकता है. यही सपना अंबेडकर और लोहिया ने भी देखा था. दोनों ने 1956 में एक दूसरे को खत लिखकर तय किया था कि वह मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे. मगर, अफसोस कि दिसंबर 1956 में बाबा साहब का देहांत हो गया, लेकिन आज हमें वह सपना पूरा करने का अवसर मिला है.
अखिलेश यादव ने इससे जुड़ा एक ट्वीट भी किया है...
Jo samajwadiyon ne raasta dikhaya hai wohi asli rasta hai, jo Dr BR Ambedkar ne rasta dikhaya, jo rasta Dr Ram Manohar Lohiya ne dikhaya hai usi raste par chalke na kewal logon ke beech khushali la sakte hain balki desh ko taraki ke raste par bhi le ja sakte hain: Akhilesh Yadav pic.twitter.com/yIdGeISzuy
— ANI UP (@ANINewsUP) August 16, 2018
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने एसपी-बीएसपी के अघोषित तालमेल को ‘दलदल‘ कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि किसी भी देश में विपक्ष लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा होता है लेकिन बड़े दुख की बात है कि जिन विपक्षी दलों को सरकार का विवेक और उसका ज़मीर माना जाता है आज उन्हीं विपक्षी दलों को दलदल बताया जा रहा है.
अखिलेश ने कहा, ‘‘देश को आजादी दिलाने और उसके बाद मुल्क को तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ाने में करोड़ों हिन्दुस्तानियों का योगदान रहा है लेकिन आज हमारे पुरखों की मेहनत पर यह कहकर पानी फेरा जा रहा है कि बीते 71 सालों में देश में कुछ हुआ ही नहीं.’’
उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र के हर स्तंभ पर गहरी चोट की जा रही है. अधिकारी वर्ग अपनी निष्पक्षता खोता जा रहा है. न्यायपालिका का हाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश लोकतंत्र के खतरे में होने की बात कह रहे हैं और चौथे स्तंभ की वर्तमान स्थिति को तो पूरा देश देख ही रहा है.
अखिलेश ने कहा कि 2019 में पौने दो करोड़ युवा पहली बार मतदान करेंगे. केंद्र सरकार आखिर उनके भविष्य के लिए क्या व्यवस्थाएं तैयार कर रही है. यह एक बड़ा सवाल है. बढ़ती बेरोजगारी से देश के युवा बेचैन हैं लेकिन इससे निपटने के बजाय सरकार नफरत की आग लगाए जा रही है ताकि असली मुद्दे उसमें जलकर खाक हो जाएं.
उन्होंने कहा कि आज आंकड़ों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि भारत प्रगति की ओर बढ़ रहा है लेकिन अगर सच्चाई मालूम करनी हो तो आप किसानों का दुख सुनिए, मजदूरों का दर्द देखिये और गरीबों से पूछिए कि अर्थव्यवस्था में क्या बदलाव आया है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















