मायावती पर बीजेपी नेता के अभद्र बयान पर भड़के अखिलेश, कहा- 'नैतिक दिवालियापन का प्रतीक है'
बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि लगता है कि बीजेपी नेता साधना सिंह का मानसिक संतुलन खराब हो चुका है. उन्हें आगरा या बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती होना चाहिए.

लखनऊ: चुनावी मौसम में नेता अपने विरोधियों पर बदजुबानी से बाज नहीं आ रहे हैं. इसका एक और उदाहरण देखने को मिला है. बीजेपी विधायक साधना सिंह ने बीएसपी अध्यक्ष मायावती पर विवादित बयान देते हुए उन्हें किन्नर से भी बदतर बताया है. मुगलसराय से बीजेपी की विधायक साधना ने कहा, ''मायावती ना तो महिला लगती हैं ना ही पुरुष.'' उन्होंने आगे कहा, ''सत्ता के लिए मायावती ने चीरहरण करने वालों से हाथ मिला लिया है.''
मायावती पर विवादित बयान को लेकर बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद ट्वीट कर कहा कि यह बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है.
अखिलेश यादव ने कहा, ''मुगलसराय से बीजेपी की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.''
मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 19, 2019
वहीं बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि लगता है कि साधना सिंह का मानसिक संतुलन खराब हो चुका है. उन्होंने कहा, ''बीजेपी नेता ने हमारी पार्टी की मुखिया मायावती के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. लगता है कि एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद बीजेपी के नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. उन्हें आगरा और बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती होना चाहिए. उत्तर प्रदेश में गठबंधन के बाद अब बीजेपी एक सीट भी नहीं जीतेगी. जिसकी वजह से ये लोग परेशान हैं.''
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ध्यान रहे कि मायावती और अखिलेश यादव ने 12 जनवरी को गठबंधन का एलान किया था. इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा था कि लोग और कार्यकर्ता समझ लें की मायावती का अपमान मेरा अपमान है. दोनों दलों (एसपी-बीएसपी) ने उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
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