एक्सप्लोरर

14 साल के लड़के ने जम्मू-कश्मीर में लड़ी थी वेश्यावृत्ति के खिलाफ लड़ाई, नाम था मोहम्मद सुभान हज्जाम

रणबीर सिंह (1830-1885) के शासन के दौरान कश्मीर में सरकार न सिर्फ उनके देह व्यापार से कमाती थी बल्कि मरने के बाद वेश्याओं की संपत्ति भी शासक के पास चली जाती थी.

डोगरा राजवंश का नाम आप सबने जरूर सुना होगा. यह उत्तर भारत का एक कुशवाहा राजवंश था. इस राजवंश की जड़ें शाक्य वंश तक जाती हैं. डोगरा राजवंश की स्थापना महाराजा गुलाब सिंह कुशवाहा ने की थी. इस राजवंश की कई कहानियां प्रचलित है. कुछ कहानियां तानाशाह के भयानक पहलुओं की ओर भी इशारा करती है. ऐसा ही एक भयानक पहलू है देह व्यापार से इसकी कमाई. दरअसल, वेश्यावृत्ति को इनके शासन के दौरान आधिकारिक तौर पर अनुमति दी गई थी और इसे प्रोत्साहित किया जाता था. यह जम्मू और कश्मीर की रियासत में दंडनीय अपराध नहीं था.

देह व्यापार से कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1880 में सरकारी राजस्व का 25 प्रतिशत तक देह व्यापार पर लगने वाले करों से आता था. 100 रुपये से 200 रुपये तक में एक युवा लड़की को वेश्यालय में बेच दिया जाता था. इस बात का जिक्र हैंवे रीवाइस्ड नोट ऑन द फेमेनी इन कश्मीर 1883 (Henvey’s Revised Note on the Famine in Kashmir 1883) नामक किताब में मिलती है. 

रणबीर सिंह (1830-1885) के शासन के दौरान कश्मीर में एक मिशनरी आर्थर ब्रिंकमैन ने आधिकारिक स्तर पर यौनकर्मियों के साथ विशेष व्यवहार का एक विचार दिया. उनके मुताबिक, गरीब मजदूर अंग्रेज मेहमानों के सामने बेचने के लिए अपना सामान नहीं ला सकते थे लेकिन वेश्याओं को आने-जाने की पूरी आजादी थी. क्योंकि वो महाराज को टैक्स देती थीं. सरकार न सिर्फ उनके देह व्यापार से कमाती थी बल्कि मरने के बाद वेश्याओं की संपत्ति भी शासक के पास चली जाती थी. सरकार शोषित महिलाओं से जो कमाती थी, उसका एक अंश भी उनके भले पर खर्च नहीं करती थी.

श्रीनगर के ताशवान और मैसुमा में स्थित दो सबसे बड़े वेश्यालय सोन बुहुर नामक एक स्थानीय सूदखोर द्वारा चलाए जा रहे. सोन बुहुर का मुख्य टारगेट समाज के निम्नतम वर्गों की गरीब लड़कियां थीं जो आसान शिकार थीं. ऐसी महिलाओं की तस्करी ब्रिटिश भारत के अन्य हिस्सों जैसे कलकत्ता, बॉम्बे, पेशावर आदि में भी की जाती थी. 

1931 में कुछ कश्मीरी महिलाओं ने पंजाब में महाराजा हरि सिंह को सीधी-साधी लड़कियों और महिलाओं" की तस्करी को रोकने के लिए "तत्काल और कड़े उपाय" करने की मांग की थी.

इस पूरे मामले पर पंजाब के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक, गंधर्ब सिंह ने महिला तस्करों और उनके एजेंटों को इस "शर्मनाक व्यवसाय" के लिए दोषी ठहराते हुए अपनी जिम्मेदारी से हाथ धो लिया था. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर के गरीब परिवारों से युवा लड़कियों को शादी के वादे पर खरीद लिया जाता है और फिर उन्हें पंजाब में वेश्यालय में बेच दिया.

11 सितंबर 1931 को एक आधिकारिक संचार में, पुलिस अधिकारी ने स्वीकार किया कि पुलिस किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने में सक्षम नहीं थी, भले ही उसकी नाक के नीचे ये धंधा चल रहा हो. सिंह ने यह भी खुलासा किया कि जिला मजिस्ट्रेट, जिन्होंने कश्मीर के राज्यपाल का पद भी संभाला था, ने एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए परमिट के बिना राज्य क्षेत्र के बाहर महिलाओं के परिवहन की अनुमति नहीं देने के प्रस्ताव को वीटो कर दिया था.

मोहम्मद सुभान हज्जाम ने लड़ी देह व्यापार के खिलाफ लड़ाई

कश्मीर में प्रचलित देह व्यापार की इस घुटन भरी व्यवस्था के खिलाफ कोई सार्वजनिक प्रतिरोध नहीं था. इसका कारण था कि देह व्यापार को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त था. हालांकि महिलाओं के शोषण के खिलाफ श्रीनगर के मैसुमा के एक किशोर मोहम्मद सुभान हज्जाम ने आवाज उठाई. देह व्यापार के संकट के खिलाफ वन-मैन आर्मी के रूप में उभरे सुभान हज्जाम ने कई बाधाओं, धमकी, उपहास, उत्पीड़न के बावजूद, इसके उन्मूलन के लिए एक लंबी और अथक लड़ाई लड़ी.

एक किशोर के रूप में, मोहम्मद सुभान हज्जाम ने देखा कैसे युवा लड़कियों का शोषण किया जाता है और उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जा रहा है. वह मैसुमा में कुछ 'बदनाम' कहे जाने वाले घरों के आसपास रहता था और वहां की घटनाओं से बहुत व्यथित था.

सुभान ने इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया और 14 साल की उम्र में पहली बार देह व्यापार और शासक के अधिकारियों और वेश्यालय के रखवालों के बीच गठजोड़ के खिलाफ एक पर्चे निकाले. एक दिन सुभान ने मैसुमा में एक कुख्यात वेश्यालय के बाहर धरना दिया और लोगों को अंदर जाने से रोकने का प्रयास किया.

कुछ देर में मोहल्ले के सब बच्चे वहां इकट्ठे हो गए और सुभान के साथ खड़े हो गए. इन सभी बच्चों के साथ वह फिर वेश्यावृत्ति और वेश्यालय-रखवालों के खिलाफ जुलूस निकाला. बच्चों का छोटा सा जुलूस 'निकलो कंजरो शहर से बाहर' का नारा लगाते हुए आगे बढ़ने लगा. यही वो ऐतिहासिक दिन था जब देह व्यापार के खिलाफ  मोहम्मद सुभान हज्जाम ने जोर-शोर से आवाज उठाई.

अपने पिता की तरह पेशे से एक नाई, सुभान का गोरा रंग था. वो मध्यम कद का एक दुबला-पतला व्यक्ति था और अक्सर कमीज पायजामा, कोट और सफेद पगड़ी में नजर आते थे.

हालांकि वेश्यावृत्ति के खिलाफ लड़ाई में सुभान हज्जाम शुरू में अकेले थे लेकिन कुछ लोग थे जिन्होंने पर्दे के पीछे से उनकी मदद की या वेश्यालय में धरना देने में उसका साथ दिया. उनमें टिंडेल बिस्को, उनकी पत्नी और मैसुमा की दो बहादुर महिलाएं,  हाजा बगवानी और रेहती बगवानी शामिल थीं.

सुभान हज्जाम ने सरकारी संरक्षण के तहत वेश्यालयों के कामकाज की ओर लोगों और सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कई पर्चे लिखे और प्रकाशित किए. 'हिदायत नामा' (दिशा निर्देश) शीर्षक से उन्होंने शहर में सैकड़ों की संख्या में इन पैम्फलेट और पर्चियों को लोगों में बांटा और उन्हें जागरूक किया. वो दिन में सड़कों पर पर्चियां बांटते और रात में देह व्यापार के खिलाफ लोगों को वेश्यालय में जाने से रोकने का प्रयास करते थे.

वेश्यालय के रखवालों ने अदालत में घसीटा

वेश्यालय के रखवालों सुभन के खिलाफ सक्रिय हो गए. उन्होंने एकजुट होकर पुलिस की मदद से उन्हें अदालत में घसीटा. कई बार उसका पीछा किया गया, प्रताड़ित किया गया और उनके साथ मारपीट तक की गई. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पर बार-बार छापेमारी की गई लेकिन हर बार उन्होंने पुलिस को चकमा दे दिया. वह अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्का पहनते थे और गिरफ्तारी से बचने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भागते रहते थे. इन सबसे वो कई बार टूटे लेकिन हारे नहीं और अपनी लड़ाई जारी रखी.

सुभान के खिलाफ पुलिस में शिकायत

30 जुलाई 1934 को सुभान के खिलाफ पुलिस अधिनियम की धारा 36 के तहत पुलिस स्टेशन शेरगढ़ी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने मैसूमा बाजार में सार्वजनिक मार्ग पर लोगों को इकट्ठा किया था और उन्हें वेश्यालय में जाने के खिलाफ बहकाया गया था. इसकी वजह से मुख्य मार्ग पर आवाजाही रुक गई और लोगों को परेशानी हुई. सिटी जज पंडित बिशंबर नाथ ने 'स्टेट थ्रू पुलिस स्टेशन शेरगढ़ी बनाम रहीम हज्जाम के बेटे सुभान हज्जाम' शीर्षक वाले मामले की सुनवाई की. सुभान ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. कोर्ट ने भी सबूतों के अभाव में उन्हें छोड़ दिया.

राजनीतिक नेतृत्व इसके खिलाफ सामने नहीं आया

जब 1932 में जम्मू-कश्मीर मुस्लिम सम्मेलन का गठन हुआ तो उम्मीद की जा रही थी कि राजनीतिक नेतृत्व भी सुभान के इस बुराई के खिलाफ लड़ाई में साथ देगा  और इसके खिलाफ खुलकर सामने आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि सुभान की लड़ाई अंततः 2 नवंबर 1934 को फलीभूत हुई जब प्रजा सभा (जिसे राज्य विधानसभा के रूप में जाना जाता था) ने 'अनैतिक यातायात विनियमन का दमन' कानून पारित किया. इससे पहले, विधानसभा सदस्य मोहम्मद अब्दुल्ला ने वेश्यावृत्ति पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की थी.

वेश्यावृत्ति पर प्रतिबंध

इस नियम को 23 नवंबर 1934 को महाराजा की सहमति प्राप्त हुई और यह 6 दिसंबर 1934 को  यह लागू हुआ. इसने नगर पालिका सीमा और नगर क्षेत्रों के भीतर सभी वेश्यालयों के दमन का प्रावधान किया और महिलाओं की अनैतिक कमाई पर रहने वाले लोगों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया.

विनियमन के अधिनियमित होने के तुरंत बाद, श्रीनगर में पुलिस ने वेश्यालय के रखवालों के खिलाफ कार्रवाई की. लगभग 20 घरों की बदनामी की सूचना अदालतों को दी गई और कुछ महिलाओं सहित वेश्यालय के रखवालों को सम्मन जारी किया गया.

सुभान हज्जाम द्वारा शुरू किया गया अभियान कामयाब हुआ और लोग जागरूक हुए. उन्होंने अब इस बुराई के खिलाफ खड़े होना शुरू कर दिया.

मांस व्यापारियों और नकली ड्रग पेडलर्स के अलावा, सुभान हज्जाम ने जुआरियों के खिलाफ भी अभियान चलाया और शहर में जुआघरों को बंद करने की मांग की. उन्होंने मुजावीरों या मुस्लिम धर्मस्थलों के कार्यवाहकों के खिलाफ भी आवाज उठाई, जिन पर उनका आरोप रहा है कि वे तीर्थयात्रियों को लूट रहे थे. हालांकि उन्होंने विशेष रूप से त्योहारों पर पुरुषों और महिलाओं के एक साथ आने का कड़ा विरोध किया और लोगों से अपनी बेटियों और बहुओं को इन सभाओं में भेजने से रोकने की अपील की. उन्होंने चेतावनी दी कि त्योहारों पर महिलाओं को अनुचित तरीके से धक्का दिया जाता है और उनके शरीर को अजनबी पुरुषों द्वारा छुआ जाता है. 

कश्मीर के महानायक मोहम्मद सुभान का नाम इतिहास में दर्ज है. वह एक ऐसे कश्मीरी हैं जिन्होंने अकेले ही राज्य को वेश्यावृत्ति के खतरे से मुक्त कराया. उन्हें कश्मीर में नायक माना जाता है.

ये भी पढ़ें:

भारत से चिढ़ा अमेरिका! कश्मीर पर पाकिस्तान को खुश करने वाली कही बात

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

UN से प्रतिबंधित देश पर मुनीर मेहरबान! 400 करोड़ डॉलर की डील, फाइटर जेट सहित कई हथियार देगा PAK
UN से प्रतिबंधित देश पर मुनीर मेहरबान! 400 करोड़ डॉलर की डील, फाइटर जेट सहित कई हथियार देगा PAK
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े, जानें भारत कौनसे नंबर पर
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े

वीडियोज

Top News: अभी की बड़ी खबरें | Humayun Kabir | Bangladesh Protest | TMC | UP Winter Session
Aravali Hills: प्रदूषण पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिया हर सवाल का जवाब| Hills Protest | abp News
Aravali Hills: अरावली विवाद को लेकर जगह-जगह विरोध | Hills Protest | Aravali Protest | abp News
Aravali Hills: राजस्थान के सिरोही में बड़ा प्रदर्शन | Hills Protest | Aravali Protest | abp News
CM Yogi VS Akhilesh Yadav: 'दो नमूने' पर हो गया योगी VS अखिलेश...किसने क्या कहा? | Akhilesh Yadav

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
UN से प्रतिबंधित देश पर मुनीर मेहरबान! 400 करोड़ डॉलर की डील, फाइटर जेट सहित कई हथियार देगा PAK
UN से प्रतिबंधित देश पर मुनीर मेहरबान! 400 करोड़ डॉलर की डील, फाइटर जेट सहित कई हथियार देगा PAK
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े, जानें भारत कौनसे नंबर पर
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े
100 करोड़ कमाना आज आम बात है, लेकिन पहली बार ऐसा करने वाला एक्टर कौन था?
100 करोड़ कमाना आज आम बात है, लेकिन पहली बार ऐसा करने वाला एक्टर कौन था?
'हमें मदद मिले तो हम भारत जाना चाहेंगे...', बांग्लादेश में मारे गए दीपू के भाई ने सुनाई दहशत की पूरी कहानी
'हमें मदद मिले तो हम भारत जाना चाहेंगे...', बांग्लादेश में मारे गए दीपू के भाई ने सुनाई दहशत की पूरी कहानी
सांस और दिल की बीमारी तक सीमित नहीं रहा पॉल्यूशन, मां बनने में भी बन रहा बाधा
सांस और दिल की बीमारी तक सीमित नहीं रहा पॉल्यूशन, मां बनने में भी बन रहा बाधा
अमेरिका के 1 लाख पाकिस्तान में हो जाएंगे कितने? जानिए चौंकाने वाला आंकड़ा
अमेरिका के 1 लाख पाकिस्तान में हो जाएंगे कितने? जानिए चौंकाने वाला आंकड़ा
Embed widget