प्रियंका गांधी ने साधा निशाना, कहा- बीजेपी सरकार की देन बर्बादी को Yes, प्रगति को No
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बीजेपी की सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है.

नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर की बैंक येस बैंक (YES BANK) की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. अब इसको लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बीजेपी सरकार की नीतियों ने बर्बाद किया है. ये बर्बादी बीजेपी सरकार की देन है. उन्होंने कोई प्रगति नहीं की. ऐसे में भारत पांच ट्रिलियन के लक्ष्य को नहीं छू पाएगी.
प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ''भारतीय अर्थव्यवस्था को भाजपा सरकार की नीतियों ने बर्बाद किया है- Yes. क्या अर्थव्यवस्था की इस लचर हालत में भारतीय अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन के लक्ष्य को छू पाएगी - No. भाजपा सरकार की देन बर्बादी को Yes, प्रगति को No.''
भारतीय अर्थव्यवस्था को भाजपा सरकार की नीतियों ने बर्बाद किया है- Yes
क्या अर्थव्यवस्था की इस लचर हालत में भारतीय अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन के लक्ष्य को छू पाएगी - No भाजपा सरकार की देन बर्बादी को Yes, प्रगति को No#NoBank — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 6, 2020
पैसा निकालने की लिमिट- 50000 रुपये
बता दें कि गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यस बैंक के ग्राहकों के लिए पैसा निकालने की लिमिट तय कर दी. आरबीआई के निर्देश के मुताबिक 3 अप्रैल तक यस बैंक के खाताधारक सिर्फ 50,000 रुपये ही निकाल पाएंगे. इसके बाद आज शेयर बाजार में यस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. इसके शेयर 74 फीसदी तक नीचे आ गए. येस ब्रैंक के ग्राहक इस नए नियम से परेशान हैं.
सरकार ने क्या कहा?
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने येस बैंक के खाताधारकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है और रिजर्व बैंक येस बैंक से जुड़े मुद्दों का तेजी से समाधान करने के लिए काम कर रहा है. सीतारमण ने कहा, ‘‘ मैं रिजर्व बैंक के साथ लगातार संपर्क में हूं. केंद्रीय बैंक की इस मामले पर पूरी पकड़ है और उसने इसके जल्द समाधान के लिए आश्वस्त किया है. मैं भरोसा दिलाना चाहती हूं कि येस बैंक के हर जमाकर्ता का धन सुरक्षित है.’’ वित्तमंत्री ने कहा कि यह कदम जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में उठाए गए हैं.
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Source: IOCL























