एक्सप्लोरर

यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के लिए क्यों जरूरी? पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा- 'PM के बयान के पीछे सियासी मंशा, देश में फैल सकती है हिंसा'

विपक्ष के कई दलों ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी सहमति दी है. हालांकि, इसको लेकर इस वक्त कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं और सरकार से इसके स्वरूप लाने की मांग की जा रही है.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने पहली बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर जो कुछ कहा है उसके बाद देशभर में इस पर बहस तेज हो गई है. हालांकि, विपक्ष के कुछ दलों ने भी आंशिक या पूर्ण रुप से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी सहमति दी है. लेकिन, इसको लेकर इस वक्त कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं और सरकार से इसके स्वरुप लाने की मांग की जा रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश, जहां पर विविधता है, यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना संभव नहीं होगा. इस पूरे मामले पर पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता शकील अहमद ने एबीपी न्यूज़ के डिजिटल टीम के साथ बात की है. ये है पूरी बातचीत: 

सवाल: यूसीसी पर पीएम मोदी का बयान और उसके बाद देशभर में इस पर बहस तेज, आपका इस पूरे मामले पर क्या कहना है?

जवाब: हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक देश में एक कानून होना चाहिए. हमारी आईपीसी एक है, सीआरपीसी एक है, एविडेंस एक्ट एक है. निश्चित रुप से कानून तो इस देश में एक है. अगर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है तो उनके दिमाग में जरूर ये बात होगी. आप गौर कीजिए कि पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर ये बातें कहां पर कही हैं, उन्होंने इसे मध्य प्रदेश में कहा है, जहां पर अगले कुछ महीनों में विधानसभा का चुनाव है. चुनाव में ध्रुवीकरण चाहते हैं. देश के 99 फीसदी लोगों को नहीं पता कि यूनिफॉर्म सिविल कोड आखिर है क्या. सरकार को चाहिए कि वे बताएं कि वे क्या करना चाहती है. इस पर लोगों को सुझाव मांगे, जो सार्वजनिक तौर पर हो, जो पूरी प्रक्रिया है किसी कानून को बनाने का. हिन्दू-मुस्लिम, पारसी, जैन, सिख की बात छोड़िए, सिर्फ एक धर्म के अंदर ही अलग-अलग व्यवस्थाएं हैं. मुस्लिम समाज में भी ऐसी है. दक्षिण भारत में अलग मान्यताएं हैं और उत्तर भारत में अलग मान्यताएं हैं.

हिन्दू समाज की भी बात करें तो पूरे समुदाय को छोड़िए सिर्फ एक जात में ही उत्तर भारत में कहा जाता है कि सात पुश्त में कोई ब्लड रिलेशन न हो. जबकि,  दक्षिण भारत में ब्लड रिलेशन में ही शादी होती है. ऐसे में उस पर क्या विचार किया जाएगा. इस्लाम धर्म में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग मान्यताएं हैं. मुस्लिम में भी हनाफी, वहाबी, देवबंदी, बरेलवी है. सिख में भी अलग-अलग लोग हैं. यानी, सभी धर्मों में विविधताएं हैं. ऐसे में अनेकता में एकता के बीच ये देश चल रहा है लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि लड़ाई बढ़ती चली जाए. यूसीसी की बात किसी और ने नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कही है. सरकार को पहले प्रारुप लाना चाहिए कि वो यूसीसी पर क्या करना चाहती है, उसके बाद इस पर किसी को प्रतिक्रिया देनी चाहिए. 

यूसीसी अभी आया भी नहीं और कुछ लोग इसे बहुत बढ़िया और कुछ लोग इसे गलत बता रहे हैं. जबकि अधिकतर लोगों को यूसीसी के बारे में कुछ भी पता नहीं है. इसलिए सरकार के पक्ष और विरोध वालों को ये नहीं करना चाहिए. पहले सरकार का प्रस्ताव जान लेना चाहिए. ऐसे में सुधार अगर अपने बीच से होता है तो वही सुधार परमानेंट होता है. जबरदस्ती किसी को आप समाज को सुधार नहीं सकते हैं. हिन्दू समाज में सती प्रथा थी, लेकिन हिन्दू समाज से ही राजा राममोहन राय आए और इस प्रथा का अंत हुआ. प्रधानमंत्री और भाजपा की मंशा ही यही है कि लोगों को लड़वाकर वोट लें. इनकी राजनीति एक है कि समाज में कैसे लड़ाया जाए और कैसे विद्वेष फैलाया जाए.      

सवाल:  लॉ कमीशन ने 2016 में यूसीसी पर राय मांगी थी. उसके बाद 2018 में कहा कि देश को  यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत नहीं है. ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम का ये कहना कि सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि यूसीसी पर कानून बने. अब ऐसा कहा जा रहा है कि मॉनसून सेशन में इस पर बिल लाया जा सकता है. आप इसे किस तरह से देख रहे हैं?

जवाब: देखिए, उद्देश्य जो लगता है वो यही है कि 2024 में लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है. आपने भी बताया कि 2024 में चुनाव होने जा रहा है. पहले कि क्या होगा? मेरे ख्याल से इसमें लोगों को लड़वाया जाएगा. पहले खोजेंगे ऐसे लोग जो बिना यूसीसी के बारे में जाने ही इसका पुरजोर विरोध करे. कुछ ऐसे लोगों की तलाश करेंगे जो इसका खूब सपोर्ट करे. टेलीविजन चैनलों के जरिए देश के अलग-अलग धर्म के लोगों को खूब लड़वाया जाएगा. अपने को बहुसंख्यक धर्म का हितैषी बताकर उनका वोट लेना चाहेंगे. यही सीधी-सीधी राजनीति है. इसलिए मैंने शुरू में ही कहा कि पीए मोदी ने ये यूसीसी पर बातें मध्य प्रदेश में कही हैं, जहां पर अगले तीन से चार महीन में चुनाव होने जा रहा है. 

सवाल: आप क्या देख रहे हैं कि 2024 का चुनाव पूरी तरह से ध्रुवीकरण का लड़ा जाएगा? 

जवाब: प्रयास तो हमेशा भारतीय जनता पार्टी ध्रुवीकरण का करने की करती है. लेकिन, 2014 का चुनाव याद कीजिए जब मोदी जी कैसे चुनाव जीतकर आए थे और एक साल बाद ही 2015 में बिहार का चुनाव हार गए. केजरीवाल जी से दिल्ली में चुनाव हार गए. इसलिए देश की धीरे-धीरे ये समझ गए हैं कि इनको कोई काम नहीं, कोई विकास और तरक्की से मतलब नहीं है. इनको सत्ता कैसे मिलेगी तो बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक करके. अल्पसंख्यक में कोई जरूरी नहीं कि वो मुसलमान ही हो, जो भी हो उनको लड़ावें. हरियाणा में जाट और नॉन जाट की लड़ाई शुरू करवा दी गई थी. इसलिए जहां भी हो लड़ा सके, और वहां पर जो अधिक संख्या वाला हो उसकी हम अपनी हितैषी बताएं, यही बीजेपी की रणनीति है. 

यूसीसी पर मेरी व्यक्तिगत राय ये है कि अभी प्रारुप आना चाहिए. उसके बाद सरकार को बताना चाहिए कि हम ये करना चाहते हैं. तब लोग उस पर अपनी राय दें कि क्या अच्छा और क्या बुरा है. प्रधानमंत्री ने कहा है इसका मतलब है कि सरकार ने कहा है. लेकिन, बगैर प्रस्ताव के चुनाव के बीच में ये सब लड़ाने के लिए किया जा रहा है, ऐसे में मैं समझता हूं कि ये किसी सरकार को शोभा नहीं देता है.

सवाल: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पहली बार प्रधानमंत्री का इस तरह का बयान आया है. इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इमरजेंसी बैठक बुलाई. ओवैसी से लेकर तमाम मुस्लिम नेताओं के इस पर बयान आए. पूरे एपिसोड में आप क्या देख रहे हैं कि देश यूसीसी को लेकर किधर जा रहा है?

जवाब: देखिए, बात बिल्कुल वही है कि वो आपस में लड़वाना चाहते हैं. जो भी समझदार लोग हैं उनको ये कहना चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं उसका एक ड्राफ्ट देश के सामने रखिए. उसमें हो सकता है कि बहुत सी अच्छी बातें हों, जो लोगों के दिमाग में अभी नहीं हो. बहुत सी ऐसी बातें हो सकती है, जिस पर खून खराबा होने की बात हो जाए. मैंने कहा कि धर्म तो छोड़ दीजिए एक जाति में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड इस देश में लगना मुश्किल है.

राजेश कुमार पत्रकारिता जगत में पिछले करीब 14 सालों से ज्यादा वक्त से अपना योगदान दे रहे हैं. राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों से लेकर अपराध जगत तक, हर मुद्दे पर वह स्टोरी लिखते आए हैं. इसके साथ ही, किसी खबरों पर किस तरह अलग-अलग आइडियाज के साथ स्टोरी की जाए, इसके लिए वह अपने सहयोगियों का लगातार मार्गदर्शन करते रहे हैं. इनकी अंतर्राष्ट्रीय जगत की खबरों पर खास नज़र रहती है, जबकि भारत की राजनीति में ये गहरी रुचि रखते हैं. इन्हें क्रिकेट खेलना काफी पसंद और खाली वक्त में पसंद की फिल्में भी खूब देखते हैं. पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखने से पहले उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मास्टर ऑफ ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म किया है. राजनीति, चुनाव, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर राजेश कुमार लगातार लिखते आ रहे हैं.
Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के

वीडियोज

Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live
Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
Embed widget