एक्सप्लोरर

क्या होते हैं CBRN हथियार, एनएसजी और अमेरिकी स्पेशल फोर्स ले रही हैं ट्रेनिंग?

आतंकरोधी अभ्यास की शुरुआत 16 जनवरी 2023 को हुई थी और आज यानी 14 फरवरी को इसका समापन हो रहा है. इस ट्रेनिंग के जरिए अमेरिका और भारत खुद को रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने के लिए तैयार कर रहा है.

वर्तमान में पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. आतंकवादी संगठन हर रोज नए-नए तरीके से इंसानियत को जख्मी कर रहे हैं. तकनीकी हुनर के साथ-साथ अब आतंकवादी साइंस के वो नुस्खे भी सीख चुके हैं, जो बहुत खतरनाक हो सकते हैं. इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए अब अमेरिका और भारत ने भी रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है.  

आतंकवादियों के रासायनिक हमलों से निपटने के लिए भारत का नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और अमेरिका का स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स (SOF) ने अपने छठे संयुक्त आतंकरोधी अभ्यास तरकश में पहली बार केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हमलों (CBRN) से निपटने और उन्हें विफल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. 

कब से कब तक चलेगा अभ्यास

इस अभ्यास की शुरुआत 16 जनवरी 2023 को हुई थी और आज यानी 14 फरवरी को इसका समापन हो रहा है. वर्तमान में सेना इसकी ट्रेनिंग चेन्नई में ले रहे हैं. चार हफ्तों तक चल रहे इस अभ्यास में सेना को रासायनिक हमलों से निपटने के लिए क्या-क्या करना है इसकी खास तौर पर तैयारी की गई है. 

इस ट्रेनिंग के दौरान चेन्नई के अलग-अलग इलाकों में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और अमेरिका का स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स के जवानों ने मॉक ड्रिल भी की है. 

अब समझते हैं कि CBRN हथियार क्या होते हैं. 

CBRN का मतलब केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर. वहीं, अब अगर CBRN हथियार की बात करें, तो ये बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाला हथियार है. इसके इस्तेमाल से एक ही बार में बड़े पैमाने पर लोगों को निशाना बनाया जा सकता है. यही वजह है कि इसे 'वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन' यानी सामूहिक विनाश के हथियारों के तौर पर देखा जाता है. 

2005 की एक स्टडी के मुताबिक, इन हथियारों की रेंज बहुत ज्यादा होती है. CBRN केमिकल हथियारों में मस्टर्ड गैस और नर्व एजेंट शामिल है. मस्टर्ड गैस त्वचा, फेफड़े और आंखों को नुकसान पहुंचाने का काम करता है. वहीं, नर्व एजेंट इंसान को बेहोश करने वाला होता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत भी होती है. कई बार इंसान की मौत भी हो जाती है.

दोनों देशों की टीम ने की मॉक ड्रिल

इस ट्रेनिंग में पहली बार रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN) आतंकवादी प्रतिक्रिया मिशन के लिए एक वेलिडेशन एक्सरसाइज की. इसमें किए मॉक ड्रिल में आतंकी इंटरनेशनल समिट को निशाना बनाते हैं. इस मॉक ड्रिल में आतंकी अपने साथ रासायनिक हथियार लेकर आते हैं. 

वहीं एनएसजी और एसओएफ के जवान न सिर्फ आतंकियों को हरा कर रासायनिक हथियार को नाकाम करते हैं बल्कि वहां उपस्थित लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकालते हैं. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आतंकवादियों को तेजी से बेअसर करना था, बंधको छुड़ाना और आतंकवादियों द्वारा लाए गए रासायनिक हथियारों को निष्क्रिय करना था. 

‘मॉक ड्रिल’ क्या होता है

मॉक ड्रिल इस बात का पूरा प्रदर्शन है कि आपदा आने पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए. यह संभावित त्रुटियों और जोखिमों की पहचान करता है. विभिन्न आपदा नियंत्रण विभागों के बीच समन्वय में सुधार करता है. यह दिखाता है कि ऊंची मंजिलों, इमारतों में फंसे लोगों को कैसे बचाया और बचाया जाए.

क्या है रासायनिक या जैविक हथियार 

रासायनिक हथियारों में रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. रासायनिक हमले सबसे पहले इंसान के नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. आम तौर पर यह जानलेवा होते हैं. 

रासायनिक हथियारों के कुछ प्रकार

नर्व एजेंट- इसे सबसे खतरनाक रासायनिक हथियार माना जाता है. ये लिक्विड या गैसीय अवस्था में हो सकते हैं और इन्हें सांस या त्वचा के जरिये शरीर में पहुंचाया जाता है. इस हथियार से हमला करने पर इंसान के नर्वस सिस्टम को भारी क्षति पहुंचती है और उसकी जान भी जा सकती है. 

ब्लिस्टर एजेंट- रासायनिक हथियार के इस प्रका को गैस, एयरोसॉल या तरल अवस्था में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके इस्तेमाल से इंसान की त्वचा बुरी तरह जल जाती है और बड़े छाले पड़ जाते हैं. अगर यह सांस के रास्ते शरीर में जाए तो श्वसन तंत्र बुरी तरह प्रभावित होता है. सल्फर मस्टर्ड, नाइट्रोजन मस्टर्ड और फॉसजीन ऑक्सीमाइन इसके कुछ उदाहरण हैं.

चोकिंग एजेंट- यह भी सांस लेने के रास्ते से इंसान की शरीर में प्रवेश करता है और उसे प्रभावित करता है. रासायनिक हथियार का यह प्रकार दमघोंटू होते हैं. फॉसजीन, क्लोरीन और क्लोरोपिक्रिन जैसे केमिकल इस श्रेणी में आते हैं.

ब्लड एजेंट- यह केमिकल शरीर में ऑक्सीजन के प्रभाव को कम करते हैं. जिससे इंसान की मौत हो जाती है.

रॉयट एजेंट- आंसू गैस का गोला रॉयट एजेंट की श्रेणी में आता है. इनके इस्तेमाल से आंखें जलती हैं और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. पुलिस या सुरक्षाबल कई देशों में प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. 

अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित 

अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. साल 1925 में जिनेवा प्रोटोकॉल में ये तय किया गया था कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय सैन्य गतिरोध या दो देशों के बीच चल रहे युद्ध में रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. हालांकि इस प्रतिबंध के पहले और बाद में भी केमिकल हथियारों का इस्तेमाल होता रहा है.

हाल के युद्धों में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल

  • पिछले साल शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों पर खार्किव में रासायनिक हमला करने का आरोप लगाया था. इस आरोप के साथ ही रासायनिक हथियारों से हमले की चर्चा शुरू हो गई. 
  • इसके अलावा सीरिया पर रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने का आरोप लग चुका है. इस देश में चल रहे गृह युद्ध में होम्स, अलेप्पो और दमिश्क में यह हथियार इस्तेमाल किए जाने की जानकारी सामने आती रही है. हालांकि ओपीसीडब्ल्यू के इस इल्जाम को सीरिया लगातार खारिज करता रहा है.
  • साल 2019 में चीन से कोरोना वायरस की शुरुआत होने के मामले सामने आने शुरू हुए तो एक बार फिर इस जैविक हथियारों की चर्चा होने लगी थी. हालांकि कोरोना वायरस के बायोलॉजिकल हथियार होने का कोई भी सबूत आज तक सामने नहीं आया. 
  • हथियारों के विशेषज्ञों की मानें तो इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने 1980 के दशक में ईरान से हुए युद्ध में भी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा उन्होंने अपनी ही कुर्द आबादी के खिलाफ 1988 में सारीन, टाबुन और सल्फर मस्टर्ड जैसे केमिकल इस्तेमाल किए थे.
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

जेलेंस्की के साथ मीटिंग से पहले ट्रंप ने पुतिन को लगाया फोन, US प्रेसिडेंट ने बताया रूसी राष्ट्रपति से क्या हुई बात?
जेलेंस्की के साथ मीटिंग से पहले ट्रंप ने पुतिन को लगाया फोन, US प्रेसिडेंट ने बताया रूसी राष्ट्रपति से क्या हुई बात?
Maharashtra: अजित पवार का बड़ा ऐलान, शरद पवार के साथ मिलकर लड़ेंगे ये चुनाव
महाराष्ट्र: अजित पवार का बड़ा ऐलान, शरद पवार के साथ मिलकर लड़ेंगे ये चुनाव
बांग्लादेश की जिस NCP के कारण शेख हसीना का हुआ तख्तापलट, अब चुनाव में जमात-ए-इस्लामी का देगी साथ
बांग्लादेश की जिस NCP के कारण शेख हसीना का हुआ तख्तापलट, अब चुनाव में जमात-ए-इस्लामी का देगी साथ
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा

वीडियोज

महाराष्ट्र में राजनीति का 'रक्त चरित्र' !
Hyderabad News: शादी समारोह में चोरी का खुलासा, CCTV में कैद हुई बुर्कानशीं महिला की करतूत
Pakistan Army Chief: अब गोली ही खाएगा ‘मुनीर’! | Violence | Crime
Weather Emergency:कहीं ज्वालामुखी के शोले, कहीं धरती भुकंप से डोले
Bihar News: Rohtas जिले में ट्रायल के दौरान टूट गया रोप-वे | Nitish Kumar | JDU

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
जेलेंस्की के साथ मीटिंग से पहले ट्रंप ने पुतिन को लगाया फोन, US प्रेसिडेंट ने बताया रूसी राष्ट्रपति से क्या हुई बात?
जेलेंस्की के साथ मीटिंग से पहले ट्रंप ने पुतिन को लगाया फोन, US प्रेसिडेंट ने बताया रूसी राष्ट्रपति से क्या हुई बात?
Maharashtra: अजित पवार का बड़ा ऐलान, शरद पवार के साथ मिलकर लड़ेंगे ये चुनाव
महाराष्ट्र: अजित पवार का बड़ा ऐलान, शरद पवार के साथ मिलकर लड़ेंगे ये चुनाव
बांग्लादेश की जिस NCP के कारण शेख हसीना का हुआ तख्तापलट, अब चुनाव में जमात-ए-इस्लामी का देगी साथ
बांग्लादेश की जिस NCP के कारण शेख हसीना का हुआ तख्तापलट, अब चुनाव में जमात-ए-इस्लामी का देगी साथ
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
Year Ender: इस साल भारतीय क्रिकेट टीम की 5 सबसे बड़ी हार, 2025 टीम इंडिया के लिए नहीं रहा खास; फैंस रोने पर हुए मजबूर
इस साल भारतीय क्रिकेट टीम की 5 सबसे बड़ी हार, 2025 टीम इंडिया के लिए नहीं रहा खास; फैंस रोने पर हुए मजबूर
'राहुल बाबा को हार से थकना नहीं चाहिए क्योंकि...', अमित शाह ने गुजरात में गिनाए कांग्रेस की हार के कारण
'राहुल बाबा को हार से थकना नहीं चाहिए क्योंकि...', अमित शाह ने गुजरात में गिनाए कांग्रेस की हार के कारण
दिल्ली में 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचा AQI, घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी
दिल्ली में 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचा AQI, घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी
एयरपोर्ट पर CISF जवान ने निभाया इंसानियत का फर्ज, नन्ही बच्ची और पिता का मिलन देख भावुक हुआ इंटरनेट
एयरपोर्ट पर CISF जवान ने निभाया इंसानियत का फर्ज, नन्ही बच्ची और पिता का मिलन देख भावुक हुआ इंटरनेट
Embed widget