आज़ादी के बाद दलितों को वोट का अधिकार मिलना सबसे बड़ी क्रांति थी: रामविलास पासवान
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान का कहना है कि सभी पार्टियां वोट के लिए ही दलित बस्तियों में जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि दलितों के पास वोट की शक्ति है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान का कहना है कि सभी पार्टियां वोट के लिए ही दलित बस्तियों में जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि दलितों के पास वोट की शक्ति है. पासवान के मुताबिक आज़ादी के बाद जो दलितों को सबके बराबर वोट का अधिकार मिला, वही सबसे बड़ी क्रांति थी. पासवान ने पूछा, "अगर दलितों के पास वोट नहीं होता तो राहुल गांधी दलितों के घर खाना खाते क्या?"
हालांकि पासवान के मुताबिक वोट के लिए दलितों के पास जाने में कोई खराबी नहीं है, बशर्ते सत्ता में आने पर उनके लिए कुछ किया जाए. उन्होंने कहा, "दलित वोट का महत्व हमेशा से रहा है. ये भी याद रखिए कि सबसे ज्यादा दलित ही वोट देने जाते हैं. बूथ पर देखिएगा जो लाइन में लगा रहता है 90 फीसदी दलित रहता है. "
कांग्रेस ने दलितों को धोखा दिया
कांग्रेस द्वारा दलितों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर किए जा रहे हमले पर पासवान ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की सत्ता इसलिए गई क्योंकि पार्टी ने दलितों के साथ धोखा किया. उनके मुताबिक पहले कांग्रेस पार्टी को दलितों का एकतरफा वोट मिलता था और पार्टी दलित, मुसलमान और ब्राह्मण के समीकरण से लगातार जीतती रही लेकिन दलितों के लिए कुछ नहीं किया.
'मेरा और मायावती का उदय कांग्रेस की विफलता के कारण हुआ '
पासवान के मुताबिक बिहार में उनकी पार्टी, उत्तर प्रदेश में मायावती और महाराष्ट्र में रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले जैसे दलित नेताओं का उदय कांग्रेस की विफलताओं और दलितों को धोखा दिए जाने के चलते ही हुआ. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार पर दलित विरोधी होने के आरोप के जवाब में पासवान ने पूछा कि दलितों के आज की हालत के लिए कांग्रेस का 48 साल से ज़्यादा का शासन ज़िम्मेदार है या 48 महीने का मोदी शासन?