सरकारी नमक में कपड़ा धोने के पाउडर का वायरल सच
दावा है कि खाने का स्वाद बढ़ाने वाले नमक में कपड़ा धोने का पाउडर मिला हुआ है. लोग इस वीडियो के जरिए एक-दूसरे को सावधान कर रहे हैं.

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा वीडियो की शक्ल में सोशल मीडिया पर सनसनी बढ़ा रहा है.
वीडियो के जरिए दावा हो रहा है कि झारखंड सरकार जिस नमक को आदिवासियों के लिए एक रुपए में मुहैया करवाती है उसमें मिलावट हो रही है. मिलावट भी ऐसी वैसी नहीं... दावा है कि खाने का स्वाद बढ़ाने वाले नमक में कपड़ा धोने का पाउडर मिला हुआ है. लोग इस वीडियो के जरिए एक-दूसरे को सावधान कर रहे हैं.
क्या दिख रहा है वायरल वीडियो में? वीडियो में एक महिला नमक का पैकेट हाथ में लेकर उसे बाल्टी में डालकर घोलने की तैयारी करती है. सामान्यत: नमक पानी में डालने पर घुल जाता है लेकिन ये नमक आपको घुलते हुए नजर नहीं आएगा.
महिला पैकेट में मौजूद पूरा नमक पानी से भरी बाल्टी में डाल देती है. वीडियो में बाल्टी में सफेद बुलबुले उठते दिखाई देते हैं. महिला पैकेट में मौजूद पूरा नमक पानी से भरी बाल्टी में डाल देती है. वीडियो में बाल्टी में सफेद बुलबुले उठते दिखाई देते हैं.
महिला लकड़ी की मदद से बताए गए नमक को बाल्टी में घोलने की कोशिश करती है लेकिन बाल्टी में कपड़े घोने वाले डिटर्जेंट पाउडर जैसा झाग बनता हुआ दिखाई देता है. एक मिनट 47 सेकेंड का ये वीडियो यहां खत्म जरूर हो जाता है.
क्या है वायरल वीडियो का सच? एबीपी न्यूज ने वायरल हो रहे वीडियो की पड़ताल की. इसलिए हम इधर- उधर भटकने के बजाए सीधे झारखण्ड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के पास पहुंचे. हमारी बात सुनत ही सरयू राय ने अपने सामने 1 रुपए में दिए जाने वाले सरकारी नमक का डेमो करने का फैसला किया. मंत्री के आदेश पर तुरंत नमक का पैकेट लाया गया.
पड़ताल के लिए तीन बर्तन और तीन तरह का नमक मंगवाया गया. एक पैकेट में से नमक को हरे रंग की बाल्टी में डाला गया, दूसरे को लाल रंग की बाल्टी में और तीसरे को एक पतीले में. दोनों बाल्टियों में झारखंड सरकार की तरफ से एक रुपए में दिया जाने वाला नमक ही डाला गया लेकिन दोनों कंपनियां अलग हैं.
सबसे पहले अंकुर कंपनी की तरफ से आने वाले नमक के पैकेट को काटा गया. खाद्य आपूर्ति मंत्री ने खुद अपने सामने उस पैकेट में बंद नमक को हरे रंग की बाल्टी में डलवाया. बाल्टी में भरे पानी में पीरा पैकेट नमक डालने पर पानी के ऊपरी सतह पर झाग बना दिखाई दिया. ज्यादा स्पष्टता के लिए पानी को हिलाया गया.ऐसा लग रहा था जैसे नमक पूरी तरह से पानी में घुल चुका है. कहीं कोई शक ना रह जाए इसलिए मंत्री सरयू राय के आदेश पर बाल्टी को ऊपर तक पानी से भरा गया. पानी के ऊपरी सतह पर हल्के बुलबुले दिख रहे थे. डेमो की ये प्रक्रिया करने के बाद सरयू राय ने अपने हाथों से पानी में बने उस झाग को जांचने की कोशिश की. इसके बाद दूसरी सरकारी कंपनी के नमक को भी लाल रंग की बाल्टी में भरे पानी में घोला गया. पानी को हिलाने पर भी उसमें अंकुर नमक की तरह झाग नहीं बन रहा था.
इसके बाद तीसरे नमक की बारी आई. एक पतीले में पानी भरकर तीसरे नमक के पैकेट को उडेला गया. पानी में नमक मिलाने पर वो घुल चुका था. हल्के-हल्के बुलबुले तो दिख रहे थे लेकिन सबसे पहले खोले गए पैकेट की तरह इसमें पानी की ऊपरी सतह पर किसी तरह का झाग नहीं था. हालांकि, कुछ वक्त बाद तीनों में बर्तनों में एक सा झाग दिखाई दे रहा था.
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने क्या कहा? झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा, ''झारखंड सरकार ने इस बार डबल ग्रेनुलेटेड फोर्टिफाइट नमक का वितरण किया है. नमक में आयोडीन और लोहा भी है. वायरल वीडियो में सर्फ जैसे कण तैरते दिख रहे हैं, जिन दो कंपनियों ने नमक सप्लाई किया है उनको और टाटा कंपनी का नमक मिलाकर हमने देखा. तीनों में एक ही तरह के पदार्थ आ रहे हैं.''सरयू राय ने कहा, ''पानी में डालने पर जिस तरह का झाग आता है वही है. हो सकता है किसी एक पैकेट में कमी रह गई हो. मैंने अभी अपने सचिव से इसकी जांच करने के लिए कहा है. NEME से बात करके अभी तय करलें की क्या है, नमक के बरे में कोई भ्रम नहीं फैलना चाहिए.''
मंत्री सरयू राय ने ये भी कहा कि अगर वीडियो में दिख रहे पैकेट को वितरित करने वाली दुकान की जानकारी मिल सके तो उस जगह की जांच भी की जा सकती है. कई बार सरकार की तरफ से सही चीज दी जाती है लेकिन जनता तक पहुंचते-पहुंचते मुनाफाखोर उसमें मिलावट कर देते हैं.
एक्सपर्ट का क्या कहना है? हमने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के केमिकल डिपार्टमेंट आईआईटी में प्रोफेसर आर एस सिंह वायरल वीडियो के बारे में राय मांगी. प्रोफेसर आर एस सिंह ने बताया, ''पानी में नमक घोलने पर वह पूरी तरह घुल जाता है. एक लीमिट से ज्यादा घोलने पर वह नीचे बैठेगा ऊपरी सतह पर नहीं दिखेगा. कभी कभी बहुत पुराना नमक होने से एग्लोमेरेशन फेरामिना होती है जिसमे नमक बड़े पार्टिकल के फार्म में बदल जाता है लेकिन वीडियो में ऐसा कुछ नहीं लग रहा. ऊपर का पदार्थ कैल्शियम या यूरिया वगैरह हो सकता है, ऐसे कई पदार्थ हो सकते हैं. वीडियो को देखकर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता लेकिन बेशक ये नमक नहीं है.''
वायरल सच की पड़ताल का नतीजा यानि प्रोफेसर आर एस सिंह ने साफ किया कि वीडियो में पानी में घुल रही चीज नमक नहीं हो सकती. क्योंकि नमक पानी के ऊपर कभी भी तैर नहीं सकता. वहीं, झारखंड सरकार की तरफ से भी नमक की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. हमारी पड़ताल में सरकारी नमक की थैली में कपड़ा धोने के पाउडर का दावा सच साबित हुआ है.
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Source: IOCL






















