सुषमा स्वराज की पाकिस्तान को दो टूक, बोली- आतंक और बातचीत साथ साथ नहीं
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है. सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के आखिरी 18 साल यहां गुजारे. करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी.

हैदराबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आज दोपहर ढ़ाई बजे करतारपुर कॉरिडोर के पाकिस्तान वाले हिस्से की आधारशिला रखेंगे. दोनों देशों के तल्ख रिश्तों को देखते हुए इस कदम को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि बाबा नानक के वास्ते दोनों देशों के बीच दोस्ती के रास्ते खुल सकते हैं.
इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया. हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंक और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकते. सुषमा स्वराज के इस बयान के पाकिस्तान की उन उम्मीदों को भी झटका लगा है जिसमें वो प्रधानमंत्री मोदी को सार्क सम्मेलन के लिए बुलाना चाहता है.
विदेश मंत्री ने कहा, ''काफी सालों से भारत सरकार इस कॉरिडोर के लिए कहती रही है, इस बार पाकिस्तान ने सकारात्मक जवाब दिया है. इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसकी वजह से द्विपक्षीय वार्ता शुरू होगी, आतंक और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते.''
For many years the Indian Government has been asking for this (#Kartarpur) corridor, only now Pakistan responded positively. It doesn’t mean the bilateral dialogue will start because of this, terror & talks can’t go together. : EAM Sushma Swaraj pic.twitter.com/ixAUOYs2mf
— ANI (@ANI) November 28, 2018
बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी न्योता भेजा था. विदेश मंत्री ने अपने खराब स्वास्थ्य और चुनावी व्यस्तताओं के चलते आने में असमर्थता जताई थी. सुषमा स्वराज ने कहा कि इस कार्यक्रम में हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
सिद्धू पहुंचे पाक, इमरान खान की जमकर तारीफ की व्यक्तिगत न्योते पर करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में पाकिस्तान पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान खान की जमकर तारीफ की है. सिद्धू ने कहा कि इमरान खान ने बड़ा दिल दिखाया है. उन्होंने कहा, ‘‘इमरान खान ने तीन महीने पहले जो बीज बोये थे वह अब एक पेड़ बन गया है. सिख समुदाय के लिए यह खुशी का पल है कि बाबा गुरु नानक का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बिना किसी परेशानी के करतारपुर पहुंचने के लिए एक गलियारा मिल जाएगा.’’
क्यों है करतारपुर साहिब खास? पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है. सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के आखिरी 18 साल यहां गुजारे. करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी.
यहीं पर सबसे पहले लंगर की शुरूआत हुई थी. नानकदेव जी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का सबक दिया था. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरुदासपुर में भारतीय सीमा के डेरा साहिब से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है.
करतापुर कॉरिडोर बनने से क्या फायदा होगा ? करतापुर कॉरिडोर बनने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म होगा. भारत के करोड़ों सिख गुरु नानक की समाधि के दर्शन कर पाएंगे. सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी, सिर्फ टिकट लेना होगा. कॉरिडोर खुलने से भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसा बढ़ेने की भी उम्मीद है.
Source: IOCL























