भारतीय नौसेना को मिला मेड-इन-इंडिया 3D सर्विलांस रडार, हवा में ही दुश्मन हो जाएगा ढेर
भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर पहला 3D-ASR-लांजा-एन को टीएएसएल ने स्पेन की कंपनी इंद्रा से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के सहयोग से कमीशन हो गया है. ऐसा करने वाली यह पहली भारतीय कंपनी बन गई है.

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने गुरुवार (11 सितंबर, 2025) को स्पेन की कंपनी इंद्रा से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मदद से बनाए गए पहले स्वदेशी 3D-ASR-लांजा-एन को भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर कमीशन किया है.
टीएएसएल एडवांस्ड नेवल 3D एयर सर्विलांस रडार का निर्माण करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है. यह उपलब्धि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की खोज में एक अहम कड़ी मानी जा रही है. इस सिस्टम को स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत किया गया है.
समुद्री परीक्षणों के बाद हुआ शामिल
रडार को इस भारतीय नौसेना के युद्धपोत की सभी प्रणालियों के साथ सहजता से एकीकृत किया गया है. इस रडार को शामिल करने से पहले व्यापक समुद्री परीक्षणों से गुजारा गया है, जहां इसकी क्षमता के लिए नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों को रडार क्रॉस-सेक्शन की एक श्रृंखला में प्रदर्शन का परीक्षण करने के लिए तैनात किया गया था.
इसको लेकर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की, जिसमें कंपनी के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, सुकर्ण सिंह ने कहा, 'इंद्रा के साथ हमारा सहयोग भारत में रडार निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ऑन-ग्राउंड कॉर्डिनेशन, तकनीकी विशेषज्ञता और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के जरिए, हम उन्नत रक्षा तकनीकों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं.'
बेंगलुरु में स्थापित हुई रडार फैक्ट्री
वहीं इंद्रा नेवल बिजनेस हेड, आना बुएनिडा ने कहा, 'यह परियोजना केवल रडार की डिलीवरी और तैनाती से कहीं आगे जाती है. इससे हमें भारत में बेंगलुरु में एक रडार फैक्ट्री स्थापित करने में मदद मिली, जिससे हम ग्राहक के लिए अधिक कुशलता और निकटता से सेवाएं प्रदान कर सकते हैं.'
इस विज्ञप्ति में कहा गया कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, टाटा समूह की एक कंपनी है जो भारत में हवाई और रक्षा से जुड़ी तकनीकें बनाती है. यह कंपनी हवाई जहाजों के ढांचे, उनके इंजन और सेना के इस्तेमाल वाले अन्य सिस्टम्स जैसे, सुरक्षा उपकरण और वाहन तैयार करती है. यह कंपनी दुनिया की बड़ी रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर काम करती है और कई बार उन्हें अकेले ही जरूरी सामान और तकनीक सप्लाई करती है.
ये भी पढ़ें:- भारत के सामने अमेरिका की निकली हेकड़ी! US कंपनी GE ने HAL को तीसरा F-404 इंजन सौंपा, तेजस में लगेगा ये
Source: IOCL























