अफजल गुरु की तारीफ करने वाले तौहीद जमात के दो सदस्यों से बोला सुप्रीम कोर्ट- वो आतंकवादी था और आप...
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बेंगलुरु और तमिलनाडु के तंजावुर और मदुरै शहरों में दोनों के खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों में कही गई बातों पर गौर किया.

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु तौहीद जमात के दो सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है. दोनों पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की प्रशंसा करने, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कपड़ों के बारे में टिप्पणी करने और सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने 22 अप्रैल को अपने फैसले में तौहीद जमात के दो सदस्यों के खिलाफ कर्नाटक और तमिलनाडु में दर्ज तीन प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ दिया और कहा कि रहमतुल्ला और जमाल मोहम्मद ने 17 मार्च, 2022 को मदुरै में एक विरोध रैली में बेहद आपत्तिजनक नफरत भरे भाषण दिए.
बेंच ने कहा, 'याचिकाकर्ताओं द्वारा अपने भाषणों में इस्तेमाल की गई भाषा बेहद आपत्तिजनक है और निश्चित रूप से कथित अपराधों के आवश्यक विवरण का खुलासा करती है इसलिए, इस कोर्ट के लिए प्राथमिकियों को रद्द करने के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने की कोई गुंजाइश नहीं है.'
बेंच ने कर्नाटक के बेंगलुरु और तमिलनाडु के तंजावुर और मदुरै शहरों में दोनों के खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों में कही गई बातों पर गौर किया. पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ताओं ने अफजल गुरु की प्रशंसा की, जो आतंकवादी था और भारतीय संसद पर हमले का मास्टरमाइंड था. उन्होंने अयोध्या राम मंदिर के फैसले के खिलाफ भी टिप्पणी की; उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के परिधान; ईसाइयों के त्योहार; हिंदुओं द्वारा अपने शरीर पर भस्म लगाने की प्रथा; सिखों द्वारा अपने साथ कृपाण रखने की धार्मिक प्रथा और इसे मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब से जोड़ने का प्रयास किया.'
पीठ ने कहा कि दोनों ने हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले की भी निंदा की. कोर्ट ने कहा कि नफरती भाषण के आधार पर, मदुरै शहर के थल्लाकुलम थाने में तैनात एक उप निरीक्षक ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद 18 मार्च, 2022 को दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, किसी समुदाय को दूसरे समूह के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने और अन्य अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई.
इसी दिन तंजावुर में भी इसी तरह की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक वकील की शिकायत पर 19 मार्च, 2022 को विधानसौध थाना, बेंगलुरु में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई. तमिलनाडु तौहीद जमात के दोनों सदस्यों ने तमिलनाडु की दोनों प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने और बेंगलुरु की प्राथमिकी को रद्द करने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की.
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