सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने पहनी पगड़ी, गुरुद्वारे के उद्घाटन में ‘सत श्री अकाल’ कहकर किया अभिवादन
उन्होंने कहा कि सिंगापुर में गुरुद्वारों के सदस्यों ने इस कठिन समय पर जरूरतमंद लोगों की बिना उसका धर्म, जाति या पृष्ठभूमि देखे उनकी मदद की.
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने गुरुद्वारा के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सफेद पगड़ी पहनी और पंजाबी समुदाय के लोगों को ‘सत श्री अकाल’ कहकर बधाई दी. एक कार्यक्रम के दौरान महामारी की वजह से पैदा हुए हालात में उनके योगदान को लेकर सिख समुदाय की उन्होंने तारीफ भी की.
उन्होंने कहा कि सिंगापुर में गुरुद्वारों के सदस्यों ने इस कठिन समय पर जरूरतमंद लोगों की बिना उसका धर्म, जाति या पृष्ठभूमि देखे उनकी मदद की. प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंगापुर के बहु-धार्मिक परिदृश्य में सिलाट रोड गुरुद्वारा एक चमकता हुआ प्रतीक है.
गुरुद्वारा ने भक्तों के लिए सभाओं की लाइव-स्ट्रीमिंग सेवाएं शुरू कीं और सिख संस्थानों की समन्वय परिषद ने सिख समुदाय के भीतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायता प्रदान करने के लिए 'प्रोजेक्ट अकाल' नामक एक टास्क फोर्स का गठन किया.
पीएम ली ने अपने भाषण के दौरान कहा- "ये पहल व्यापक समुदाय के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित करती है, क्योंकि हम एक स्थानिक वायरस के साथ एक सामान्य दिशा की ओर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने अपने फेसबुक और ट्विटर पेज पर भी गुरुद्वारा दौरे की कुछ तस्वीरें और भाषण के कुछ हिस्सों को साझा किया है.
Delighted to attend the inauguration of Silat Road Sikh Temple today after a prolonged renovation during the pandemic. Congratulations to the Sikh community on this momentous occasion! – LHL https://t.co/jH6Bkowe21 pic.twitter.com/XLQHatFeeE
— leehsienloong (@leehsienloong) July 3, 2021
सिंगापुर में भारतीय दूतावास ने भी प्रधानमंत्री की तरफ से गुरुद्वार के उद्घाटन के मौके पर सिख समुदाय को बधाई देते हुए कुछ तस्वीरों को साझा किया है. सिंगापुर के पीएम की इन तस्वीरों ने दुनियाभर के सिख समुदाय का ध्यान खींचा है और वे तारीफ कर रहे हैं, इसके साथ ही वे इन तस्वीरों और स्पीच को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं.
दिल्ली के बीजेपी सचिव इम्प्रीत सिंह बख्शी ने भी पीएम ली की तस्वीरों को साझा किया और इसके साथ ही उनके पगड़ी के साथ सिख ड्रेस पहनने को भी रेखांकित किया. गौरतलब है कि रेनोवेशन से पहले सिलात रोड गुरुद्वारा में रोजाना करीब 1500 लोगों की सेवाएं की जाती थी. अब लंगर आसानी से करीब 2000 लोगों के लिए आयोजित की जा सकती है.
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