लोकसभा चुनावः इधर OBC कार्ड पर अखिलेश की SP का फोकस, उधर ये सीटें कांग्रेस को देने का ऑफर!
Election 2024: समाजवादी पार्टी अभी तक 27 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. दूसरी लिस्ट में 11 में से 4 गैर-यादव ओबीसी हैं, जबकि पहली में 16 में से 8 गैर-यादव ओबीसी प्रत्याशी हैं.
Samajwadi Party Second List: लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) एक्टिव मोड में दिख रही है. उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी का पूरा फोकस अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वोटबैंक पर है. सपा अभी तक (खबर लिखे जाने तक) 27 कैंडिडेट्स उतार चुकी है. उम्मीदवारों की दूसरी सूची में 11 में से 4 गैर-यादव ओबीसी हैं, जबकि पहली सूची में 16 में से 8 गैर-यादव ओबीसी प्रत्याशी हैं. यानी अभी तक 27 उम्मीदवारों में कुल 15 ओबीसी वर्ग से हैं. सियासी गलियारों के जानकारों की मानें तो सपा का इस वोटबैंक पर फुल फोकस इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि ओबीसी भाजपा का सबसे बड़ा वोट बैंक माना जाता है.
कांग्रेस को ये सीटें ऑफर कर सकती है सपा
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सपा ने कुल 17 सीटें कांग्रेस को देने का ऑफर दिया है, जो कि इस प्रकार हैं: अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, अमरोहा, बागपत, सहारनपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, हाथरस, झांसी, बाराबंकी, कानपुर, सीतापुर, कैसरगंज और महाराजगंज.
दूसरी लिस्ट में सपा ने इन्हें दिया टिकट
समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की अपनी दूसरी लिस्ट में गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज मौर्य, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से ऊषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, प्रतापगढ़ से एसपी सिंह पटेल, बहराइज से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा और चंदौली से वीरेंद्र सिंह को कैंडिडेट घोषित किया है. सपा इससे पहले 16 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है.
इन दो सीटों पर फंसा है मामला
यूपी में सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. पिछले दिनों सपा ने कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटों का ऑफर दिया. सपा ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह उसका आखिरी ऑफर है, लेकिन कांग्रेस ने अभी इस पर हामी नहीं भरी है. कांग्रेस मुरादाबाद और बलिया सीट पर भी दावा ठोक रही है. सपा इन दोनों सीटों को देने के लिए इसलिए तैयार नहीं है क्योंकि मुरादाबाद पर उसने जीत दर्ज की थी, जबकि बलिया में उसका जनाधार मजबूत है. सीट बंटवारे की तस्वीर साफ न हो पाने की वजह से ही अखिलेश यादव अभी तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने से बच रहे हैं.