एक्सप्लोरर

अज्ञेय जयंती: 'शेखर एक जीवनी', वह उपन्यास जिसे पढ़कर लगता है कि हमारे भीतर भी एक शेखर है

इस उपन्यास का नायक कह सकते हैं कि स्वयं अज्ञेय है ! इसलिए यह एक उपन्यास होते हुए भी जीवनी है और जीवनी होते हुए भी एक उपन्यास

नई दिल्ली:  अज्ञेय होने के लिए अकेला होना पड़ता है. जब बचपन खंडहरों और वनों और पर्वतों में बीतता है तब जाकर कोई अज्ञेय बनता है. सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ का जन्म 7 मार्च 1911 में हुआ. उन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, यात्रा-वृत्त, निबन्ध, गीति-नाट्य, ललित निबन्ध, डायरी जैसी साहित्य की लगभग सभी विधाओं में अपनी सर्जनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया. शेखर: एक जीवनी’ अज्ञेय का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला उपन्यास रहा. इस उपन्यास को पढ़ना जैसे जीवन की एक भरी-पूरी छलछलाती नदी में डूबकर निकल आने जैसा अनुभव करना है.

जेल में ही रहते हुए अज्ञेय ने 'शेखर- एक जीवनी' उपन्यास लिखा. यह 1941 में प्रकाशित हुआ. बाद में इसका दूसरा भाग 1944 में प्रकाशित हुआ. जिसे कालांतर में हिंदी के 'ऑल टाइम बेस्ट' उपन्यास के रूप में मान्यता मिली. वस्तुतः शेखर-एक जीवनी ने व्यक्तिगत अनुभूति को पहली बार इतना गहरा लेखकीय बोध दिया. इससे पहले लेखक की निजी संवेदनाओं की परतों ने कभी साहित्य में इस तरह का स्थान नहीं पाया था.

इस उपन्यास का नायक कह सकते हैं कि स्वयं अज्ञेय है ! इसलिए यह एक उपन्यास होते हुए भी जीवनी है और जीवनी होते हुए भी एक उपन्यास. शेखर एक जीवनी में  वैचारिक द्वंद्वों को दिखाया गया है. हिंसा और अहिंसा, व्यक्ति और समाज, स्त्री और पुरुष, पश्चिमी और भारतीय हर द्वंद् पर यह उपन्यास प्रकाश डालता है.

कौन है 'शेखर: एक जीवनी' का मुख्य पात्र शेखर

दरअसल अज्ञेय का शेखर एक मध्यम वर्गीय पात्र है और इसलिए उसे पढ़ते हुए हमे लगता है कि वह शेखर कहीं हमारे अंदर का ही है. कई शेखर को आप जानते होंगे. आज भी शेखर हमारे आस-पास ही है. वह जिज्ञासु है, उसके अंदर एक बच्चा है जो हर चीज को जानने के लिए इच्छुक है. शेखर के अंदर एक क्रांतिकारी भी है. उसके अंदर एक विद्रोही भी है. शेखर महिलाओं के प्रति भी बेहद रोमांटिक है. तमाम क्वालिटी के बावजूद उसमें कई कमियां भी है. वह जिज्ञासु है लेकिन उसमें सब्र नहीं, वह क्रांति करना चाहता है लेकिन बड़ा इरादा नहीं रखता, अंतत: वह न क्रांति करता है और न शांति से बैठता है. वह थोड़ा घमंडी भी हो जाता है. वह रोमांटिक है लेकिन किसी औरत को प्यार देने की जगह वह हर औरत का खुद प्यार पाना चाहता है. शेखर अपने अंदर कई तरह की विशेषताओं को लेकर चलता है. कई बार एक विशेषता दूसरे के आड़े आती हैं.

शेखर एक जीवनी में अज्ञेय ने शेखर की जिंदगी में जो भी परेशानियां या रुकावटें आती है उस स्थिति में शेखर कैसे व्यवहार करता है इसका चित्रण किया है. शेखर का बचपन में ही भगवान से विश्वास उठ जाता है. देवी के पुजारी को जब सांप काटता है और वह 'जय देवी माता' चिल्लाता हुआ मंदिर में जाता है और वहीं उसकी मृत्यु हो जाती है. शेखर यह देखकर इश्वर के प्रति शंकालु हो जाता है.

शेखर बार-बार घरवालों से जिज्ञासा के साथ पूछता है कि बच्चे कहां से आते हैं. सब उसे डांटते हुए कहते हैं जाओं यह सब बड़े होकर सोचना. इस जवाब से उसके अहं को चोट पहुंचता है.

बाल अवस्था के बाद उपन्यास के दूसरे भाग में शेखर का प्रेमरूपी और विद्रोही रूप देखने को मिलता है. विद्रोही रूप ऐसा की जेल की यात्रा भी करनी पड़ती है और फांसी भी मिलती है. वह अक्सर सोचता है कि क्रांति से सबकुछ उलट-पुलट कर के रख देगा.

इसके अलावा शेखर के प्रेम की बात करें तो उसके पात्र को शशि, सरस्वती, शारदा के इर्द-गिर्द दिखाया गया है. शेखर जब जेल में बंद होता है तो तब शशि का पत्र शेखर को मिलता है जिसमें यह सूचना दी होती है कि उसकी प्रेमिका की शादी किसी दूसरे आदमी से हो रही है. पत्र पढ़कर शेखर सोचता है बाहर होता तो समाज से लड़ता. अपने प्यार को पाने के लिए संघर्ष करता.

जेल से निकलने के बाद शेखर शशि से मिलता है. शशि कहती है जो सत्य तुमने अपने भीतर महसूस किया है उसको तुम दूसरों को दे सकते हो. इसके बाद शेखर लिखता है. 'हमारा समाज' नाम की पुस्तक की रचना करता है. मगर शेखर के काम को सम्मान नहीं मिलता. इसके बाद आत्म हत्य़ा करने की ओर जाता है. लेकिन उसे एक लड़की द्वारा बचा लिया जाता है. बाद में वह विवाहित शशि के पास वापिस जाता है. उसके घर शेखर उस रात सोता है. विवाहिता शशि अपना सबकुछ शेखर को सौंप देती है. ऐसा प्रतीत होता है जैसे दोनों कई जन्मों से प्यासे थे.

इस भाग में शेखर के विद्रोही रूप का भी चित्रण मिलता है. अंतत: उसको इसी कारण फांसी हो जाती. कहा जा सकता है कि शेखर उपन्यास का वह किरदार है जो जीवन के अंत तक समझ नहीं पाता कि जीवन की सिद्धी क्या है.  प्रत्येक व्यक्ति की तरह शेखर में काम, मोह, भय और क्रांति सब चारित्रिक विशेषता देखने को मिलती है.

यह कथा ऐसी नहीं है कि इसे अज्ञेय की निजी बात कहकर उड़ाया जा सके. अज्ञेय इसे अपने युग और समाज का प्रतिबिम्ब मानते हैं. वह कहते हैं, '' इसमें 'मेरा समाज और मेरा युग बोलता है.वह मेरे और शेखर के युग का प्रतीक है.'' अज्ञेय ने मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से ‘शेखर’ के ज़रिए एक व्यक्ति के विकास की कहानी बुनी है जो अपनी स्वभावगत अच्छाइयों और बुराइयों के साथ देशकाल की समस्याओं पर विचार करता है.

'शेखर कोई बड़ा आदमी नहीं है, वह अच्छा भी आदमी नहीं है. लेकिन वह मानवता के संचित अनुभव के प्रकाश में ईमानदारी से अपने को पहचानने की कोशिश कर रहा है. उसके साथ चलकर आप पाएंगे कि आपके भीतर भी कहीं पर एक शेखर है.

विश्व हिंदी दिवस: हिंदी ने जिस कवि को नास्तिक क्रांतिकारी 'अज्ञेय' से बुद्धमार्गी 'सच्चिदानंद' बनाया

पुण्यतिथि: अमृता से साहिर का प्यार ऐसा कि एक न होकर भी एक-दूसरे से जुदा न हो पाए

यह भी देखें

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं

वीडियोज

Sansani:फोन की घंटी बजी...और बीवी गायब हो गई | Crime News
BMC Election 2026: BMC की जंग अब हिजाब पर? AIMIM के दावे से बढ़ा विवाद | owaisi | ABP News
ABP Report: ब्राह्मण 'सहभोज'... BJP का डोज! | Brahmin Vs Thakur | CM Yogi
Janhit with Chitra Tripathi: मस्जिद में पत्थर की 'प्रयोगशाला' | Jaipur Stone Pelting | Chomu
Bharat Ki Baat: 'पंडित पॉलिटिक्स' से क्यों परेशान BJP? | Brahmin Vs Thakur | CM Yogi | Akhilesh

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
ट्रंप ने जिस तानाशाह को बताया था फ्रेंड, उसने कर दिया बड़ा ऐलान, अमेरिका की बढ़ा दी टेंशन!
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
यूपी: SIR में कटे 2.89 करोड़ नाम, 14 दिनों में जुड़े सिर्फ 2 लाख वोटर्स, कब आएगा फाइनल ड्राफ्ट?
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
Salman Khan Birthday: एक्शन, रोमांस और जबरदस्त डायलॉग्स, सलमान खान ने खास अंदाज से हिट कराई फिल्में
एक्शन, रोमांस और जबरदस्त डायलॉग्स, सलमान खान ने खास अंदाज से हिट कराई फिल्में
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
वर्दी के सितारों में छुपी पहचान, पुलिस की यूनिफॉर्म कैसे बताती है रैंक और रुतबा; जानें डिटेल्स
वर्दी के सितारों में छुपी पहचान, पुलिस की यूनिफॉर्म कैसे बताती है रैंक और रुतबा; जानें डिटेल्स
खुद की एयरलाइन शुरू करने के लिए कहां-कहां से लेनी होती है NOC, जान लीजिए पूरा प्रोसीजर
खुद की एयरलाइन शुरू करने के लिए कहां-कहां से लेनी होती है NOC, जान लीजिए पूरा प्रोसीजर
Embed widget