S Jaishankar: 'पाकिस्तानी आतंकवाद एक कैंसर जो अब खुद को ही खा रहा', बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
S Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार को मुंबई में 'नानी ए पालकीवाला मेमोरियल लेक्चर' में शामिल हुए. यहां उन्होंने भारत के कूटनीति दृष्टिकोण को रेखांकित किया.

S Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के हालातों पर तंज कसा है. उन्होंने पाकिस्तान की वर्तमान समस्याओं का कारण खुद पाकिस्तान को ही बताया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान हमेशा से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देता आया है और यह कैंसर अब उसकी खुद की राजनीतिक संरचना को खाए जा रहा है. विदेश मंत्री ने यह बयान शनिवार को मुंबई में 19वें 'नानी ए पालकीवाला मेमोरियल लेक्चर' में दिया.
इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय विदेश नीति के अलग-अलग पहलुओं पर बात रखी. उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों के हालातों से लेकर भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत की कोशिश ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाने और समस्याओं को कम करने की रही है.
एस जयशंकर ने कहा, 'हर परिस्थिति में अपने विकास की रफ्तार को बनाए रखने के लिए आंतरिक विकास और आधुनिकीकरण के साथ ही बाहरी जोखिम को कम करने की भी जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'रणनीतिक स्वायत्ता बेहद जरूरी है. भारत गैर पश्चिम हो सकता है, लेकिन रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि भारत पश्चिम विरोधी न बने.' विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की छवि दुनिया में सहयोगी और दोस्ती वाली है. हम आगे भी यह छवि बनाए रखेंगे.
Honored to deliver the 19th Nani A. Palkhivala Memorial Lecture in Mumbai today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 18, 2025
The ideas and values espoused by Nani Palkhivala have an even greater meaning as 🇮🇳 makes an increasing difference to global outcomes. And our deep respect for his contributions will be best… https://t.co/Eh3IJ1kzww pic.twitter.com/VJ35koSafx
'हमारी कूटनीतिक क्षमता का विस्तार हुआ'
विदेश मंत्री ने इस दौरान भारत की कूटनीतिक सफलता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कई मतों में बटी इस दुनिया में भारत की मतभेदों को पाटने की क्षमता सबके सामने आई है. उन्होंने यह भी बताया कि बीते दशक में भारत की कूटनीतिक क्षमता विस्तार हुआ है और खाड़ी देशों से लेकर अफ्रीका और कैरेबियाई देशों में इसका फल भी मिला है. हमने अपने रिश्तों को बेहतर किया है और संबंधों को सुधार है.
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Source: IOCL























