RSS Chief Mohan Bhagwat: 'भारत के विकास के लिए भारतीय दर्शन पर आधारित शिक्षा प्रणाली की जरूरत', बोले RSS चीफ मोहन भागवत
RSS Chief Mohan Bhagwat on Education System: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारतीय दर्शन पर आधारित शिक्षा प्रणाली को अपनाने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि ये विकसित राष्ट्र के लिए जरूरी है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार (26 जुलाई, 2025) को कहा कि देश में शिक्षा प्रणाली औपनिवेशिक विचारों के दीर्घकालिक प्रभाव में विकसित हुई है और एक विकसित राष्ट्र के लिए भारतीय दर्शन पर आधारित एक विकल्प तैयार करने की आवश्यकता है.
आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय चिंतन बैठक के दूसरे दिन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि इसके लिए दृष्टिकोण गंभीर, यथार्थवादी और पूरी तरह भारतीय आधार वाला ही होना चाहिए. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की तरफ से जारी बयान के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें अपने काम में निपुण होना चाहिए, दूसरों के लिए मिसाल बनना चाहिए और आपसी अच्छे संबंध बनाने चाहिए ताकि सब मिलकर देश को आगे ले जा सकें.
ज्ञान सभा को संबोधित करेंगे मोहन भागवत
बयान में यह भी कहा गया कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास रविवार शाम को यहां राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन 'ज्ञान सभा' का आयोजन करेगा, जिसे भागवत संबोधित करेंगे. संगठन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन सोमवार को होगा.
सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर मंथन
एक बयान में संगठन ने दावा किया कि भारतीय दर्शन पर आधारित शिक्षा प्रणाली सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी. यह बयान शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कोठारी ने संगठन की राष्ट्रीय चिंतन बैठक के दूसरे दिन पिरावम के वेल्यानाड में 'चिन्मय इंटरनेशनल फाउंडेशन' के मुख्यालय आदि शंकरा निलयम में दिया.
कोठारी ने 'ज्ञान सभा' के महत्व पर बात की और दावा किया कि भौतिक प्रगति के साथ ‘हम बहुत गंभीर सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं.’ भागवत की उपस्थिति में बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने नैतिक मूल्यों में गिरावट, महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और बिगड़ते पर्यावरणीय मुद्दों को गहरे सामाजिक संकट का संकेत बताया.
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Source: IOCL






















