अमित शाह की चुनौती पर RJD नेता मनोज झा का पलटवार- संसद का सदन दो-दो हाथ करने के लिए नहीं, बहस के लिए होता है
मनोज झा ने कहा कि 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान ही संसद का सत्र बुलाकर उस समय की नेहरू सरकार से कई तीखे सवाल पूछे गए थे.

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-चीन सीमा विवाद पर कांग्रेस को संसद में बहस कर दो दो हाथ हाथ करने की चुनौती दी है. इसके बाद इस मसले पर पहले वार पलटवार कर रहे सत्ता पक्ष और विपक्ष को एक दूसरे पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद और वरिष्ठ नेता मनोज झा ने विपक्ष की ओर से ज़ोरदार हमला बोला. मनोज झा ने अमित शाह के बयान का जवाब देते हुए कहा कि संसद का फ्लोर मुद्दों पर बहस के लिए होता है न कि दो-दो हाथ के लिए. मनोज झा ने कहा कि अगर दो-दो हाथ करना है, तो सरकार को कूटनीति में और सीमा पर करना चाहिए न कि विपक्ष के ख़िलाफ़.
मनोज झा ने अमित शाह के उस बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को 1962 से लेकर अबतक भारत की चीन नीति को लेकर बहस की चुनौती दी थी. आरजेडी सांसद ने कहा कि आज जो हालात हैं, उनपर बहस होनी चाहिए और सवाल किया जाना चाहिए. उन्होंने पूछा कि 58 साल पहले की बात पर चर्चा का क्या मतलब है ? कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सरकार से चीन मसले पर लगातार किए जा रहे सवालों को सही ठहराते हुए कहा कि सवाल पूछना देशहित के लिए ज़रूरी है. मनोज झा ने कहा कि ये सवाल किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री और सरकार से पूछे जा रहे हैं.
मनोज झा ने कहा कि 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान ही संसद का सत्र बुलाकर उस समय की नेहरू सरकार से कई तीखे सवाल पूछे गए थे. वहीं, मनोज झा के उलट जेडीयू ने संकट के समय राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर सवाल पूछने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है. जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि इस मसले पर सेना अपना काम करने में सक्षम है और प्रधानमंत्री की बात पर विश्वास करना चाहिए. हालांकि त्यागी ने कहा कि सवाल पूछना ग़लत नहीं है, लेकिन कांग्रेस को समय का ध्यान रखना चाहिए.
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