कोरोना संकट में भी रेलवे को मॉडर्न बनाने की कोशिश, सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम में किया गया सुधार
पहले चरण में 2700 इलेक्ट्रिक और 3800 डीजल ट्रेनों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस कर दिया गया है. दिसंबर 2021 तक 6000 और ट्रेनों को इससे जोड़ा जाएगा.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी संकट के दौर में भी रेलवे चुनौतियों को अवसर में बदलने की कोशिश में लगा हुआ है. रेलवे सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम से लेकर आईआरसीटीसी वेबसाइट तक कई बदलाव कर रहा है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि ट्रेनों की सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम सुधार किया गया है. रेलवे ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत ट्रेनों की सैटेलाइट से निगरानी की जा सकेगी. ट्रेनों की लाइव लोकेशन और स्पीड के बारे में जानकारी मिलती रहेगी.
अधिकारी ने बताया, पहले चरण में 2700 इलेक्ट्रिक और 3800 डीजल ट्रेनों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस कर दिया गया है. दिसंबर 2021 तक 6000 और ट्रेनों को इससे जोड़ा जाएगा.
कोरोना महामारी के बीच रेलवे ने मालगाड़ियों की एवरेज स्पीड के साथ-साथ माल ढुलाई लोड भी बढ़ाया है. रेलवे ने एक विज्ञप्ति में कहा, 7 जुलाई को माल ढुलाई लोड 3.13 मिलियन टन था, जो पिछले साल की तुलना से अधिक है. जुलाई में मालगाड़ियों की औसत गति 45.03 किलोमीटर प्रति घंटा है जो पिछले महीने (23.22 किलोमीटर प्रति घंटे) की तुलना में लगभग दोगुनी है.
रिजर्व टिकटिंग सिस्टम होगा मॉडर्न रेलवे आईआरसीटीसी की वेबसाइट अपग्रेड करने जा रही है. ये साइट आखिरी बार 2018 में अपग्रेड की गई थी. अब एक बार फिर अपग्रेड करके कई अतिरक्त फीचर जोड़े जाएंगे. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव का कहना है कि अगस्त में आईसीआरटीसी की वेबसाइट पूरी तरह बदल जाएगी. यात्रियों को नए पोर्टल के साथ बेहतर अनुभव मिलेगा. इसमें होटल बुकिंग और मील बुकिंग का विकल्प भी जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा रेलवे की स्टेशनों पर एयरपोर्ट की तरह क्यूआर कोड वाले टिकट देने की भी योजना है. इन क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन किया जा सकेगा. प्रयागराज जंक्शन पर 1 जून से एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ये सिस्टम शुरू किया जा चुका है.
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Source: IOCL





















