कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने की बैठक, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
टीकाकरण रोल-आउट के लिए वैक्सीनेटर और तकनीकी प्लेटफॉर्म को जोड़ने, एचसीडब्ल्यू तक पहुंचने जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना वैक्सीन रणनीति की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को लेकर बैठक की. पीएम मोदी ने इस दौरान वैक्सीन से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “भारत की टीकाकरण की रणनीति और आगे की संभवाओं पर समीक्षा बैठक की. वैक्सीन विकास की प्रगति, विनियामक अनुमोदन और खरीद से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.“
Held a meeting to review India’s vaccination strategy and the way forward. Important issues related to progress of vaccine development, regulatory approvals and procurement were discussed. pic.twitter.com/nwZuoMFA0N
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2020
पीएम मोदी ने कहा,” टीकाकरण रोल-आउट के लिए वैक्सीनेटर और तकनीकी प्लेटफॉर्म को जोड़ने, एचसीडब्ल्यू तक पहुंचने, कोल्ड-चेन इंफ्रास्ट्रक्चर वृद्धि के लिए जनसंख्या समूहों की प्राथमिकता जैसे विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की.”
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने लगवाया Covaxin का पहला टीका बता दें हरियाणा के गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कोवैक्सीन परीक्षण में वालंटियर के तौर पर खुद को टीका लगवाया है. राज्य में कोरोना वायरस महामारी के बचाव के लिए भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की दवा कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण आज से शुरू हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह कोवैक्सीन परीक्षण में वालंटियर के तौर पर खुद को डॉक्टरों की देखरेख में सबसे पहले टीका लगवाएंगे.
वैक्सीन के पहला और दूसरे चरण का परीक्षण सफल बता दें कि वैक्सीन के पहला और दूसरे चरण का परीक्षण और विश्लेषण सफल रहा है और अब तीसरे चरण का परीक्षण शुरु किया जा रहा है. पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल में करीब एक हजार वॉलंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई थी. इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण भारत में 25 केंद्रों में 26,000 लोगों के साथ किया जा रहा है. ये भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए आयोजित होने वाला सबसे बड़ा ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल है.
परीक्षण के दौरान वॉलंटियर्स को लगभग 28 दिनों के भीतर दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे. परीक्षण डबल ब्लाइंड कर दिया गया है जिससे कि इन्वेस्टिगेटर, प्रतिभागियों और कंपनी को यह पता नहीं होगा कि किस समूह को सौंपा गया है. इसमें वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन या प्लेसीबो दिया जाएगा. इस परीक्षण में भाग लेने के इच्छुक स्वयंसेवकों की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. ये मल्टिसेंटर थर्ड फेस ट्रायल भारत में 22 जगहों में होगा.
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