पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में राज्य सरकारों से की अपील, बोले- 'देश की तस्वीर बदल सकती है'
PM Modi Address Nation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नाम संबोधन में कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स का फायदा देश को मिलेगा. इन सुधारों को अगली पीढ़ी के सुधार के रूप में सराहा गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (21 सितंबर, 2025) को राष्ट्र के नाम संबोधन में जीएसटी और इनकम टैक्स में छूट को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि कल से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार गरीबों, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए 'डबल प्रॉफिट' है.
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स का फायदा देश को मिलेगा. इन सुधारों को अगली पीढ़ी के सुधार के रूप में सराहा गया. इससे देश के विकास में गति आएगी, कारोबार में आसानी होगी, निवेशक आकर्षित होंगे और यह सुनिश्चित होगा कि सभी राज्य देश के विकास में भागीदार बनें.
आत्मनिर्भर भारत को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
उन्होंने कहा कि त्योहारों के सीजन में सबका मुंह मीठा होगा. उन्होंने लोगों को स्वदेशी अपनाने पर भी जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी की दर कम होने से हमारे MSMe को बड़ा फायदा होगा. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर सहयोग दें तो देश की तस्वीर बदल सकती है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं सभी राज्य सरकारों से निवेदन करता हूं कि वे राज्यों में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी लाकर आत्मनिर्भर भारत पहल और स्वदेशी कार्यक्रम का सक्रिय रूप से समर्थन करें. इससे आत्मनिर्भर भारत का विजन साकार होगा.
'एक देश, एक कर, एक बाजार'
भारत ने साल 2017 में जीएसटी (GST) यानी वस्तु एवं सेवा कर लागू किया. इसका मकसद था पूरे देश में एक जैसा टैक्स सिस्टम बनाना, जिसे 'एक देश, एक कर, एक बाजार' कहा गया. इससे पहले हर राज्य का अपना-अपना टैक्स होता था, जिससे कारोबार करना जटिल था. जीएसटी ने इन सबको मिलाकर एक टैक्स बना दिया. जीएसटी में चार तरह के टैक्स स्लैब बनाए गए, जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत अलग-अलग चीजों पर ये अलग टैक्स लगाए गए.
कुछ महंगी चीजें जैसे सिगरेट, लग्जरी कार और बड़ी मोटरसाइकिलों पर 28 प्रतिशत टैक्स के साथ एक अतिरिक्त टैक्स भी लगाया गया. हालांकि, जीएसटी को देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार कहा गया, लेकिन इसकी जटिलता को लेकर कई लोगों ने आलोचना भी की. लोगों का मानना था कि इसमें बहुत सारे नियम और अलग-अलग दरें होने से इसे समझना और लागू करना मुश्किल हो गया.
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