पीएम मोदी और शिंजो आबे रखेंगे बुलेट ट्रेन की नींव, स्वागत के लिए दुल्हन की तरह सजा अहमदाबाद
दोनों प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखी जाएगी. मुंबई से अहमदाबाद तक चलने वाली इस बुलेट ट्रेन परियोजना को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार यानि 14 सितंबर को गुजरात पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है. इस दौरे में प्रधानमंत्री के साथ जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी मौजूद होंगे. दोनों प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखी जाएगी. मुंबई से अहमदाबाद तक चलने वाली इस बुलेट ट्रेन परियोजना को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
स्वागत के लिए दुल्हन की तरह सजा अहमदाबाद
प्रधानमंत्री मोदी और शिंजो आबे के स्वागत के लिए गुजरात के बड़े शहर अहमदाबाद को दुल्हन की तरह सजाया गया है. प्रधानमंत्री मोदी दोपहर ढेढ़ बजे और जापानी पीएम शिंजो आबे दोपहर तीन बजे अहमदाबाद पहुंचेंगे. सूत्रों की माने तो दोनों प्रधानमंत्री रोड शो करते हुए एयरपोर्ट से साबरमति आश्रम तक जाएंगे. इस सात किलोमीटर रूट पर तैयारी भी कुछ इसी अंदाज में की जा रही है.

शिंजो आबे के सम्मान में भोज का आयोजन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के सम्मान में प्रधानमंत्री मोदी ने भोज का भी आयोजन किया है. जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद के एक पारंपरिक रेस्त्रां में शुद्ध गुजराती और काठियावाड़ी भोजन की व्यवस्था की गयी है. प्रधानमंत्री मोदी और शिंजो आबे के दौरे को देखते हुए अहमदाबाद और गांधी नगर में सुरक्षा व्यवस्था के चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं.
पीएम मोदी का 15 साल पुराना ख्वाब होगा पूरा बुलेट ट्रेन परियोजना में अगर सबकुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ यानि 15 अगस्त 2022 को देश की पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी. 1,08,000 करोड़ रूपये की लागत वाली ये परियोजना लगभग पूरी तरह जापानी कर्ज़ की सहायता से बनायी जा रही है. परियोजना के लिए जापान भारत को 0.1 प्रतिशत की दर से 88,000 करोड़ का कर्ज़ देगा. इस परियोजना को प्रधानमंत्री मोदी के 15 साल पुराने सपने के रूप में देखा जा रहा है.
बुलेट ट्रेन परियोजना से जुड़ी कुछ बेहद खास बातें
- अधिकतम 350 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन ज़मीन पर नहीं बल्कि एलेविटेड लाइनों पर चलेगी
- 508 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में दोहरी लाइन बनायी जाएगी
- रास्ते भर में कई सुरंगें बनायी जाएंगी. सबसे लंबी सुरंग 21 किलोमीटर लंबी होगी जिसमें ठाणे क्रीक में 7 किलोमीटर समुद्र के अंदर होगी.
- अहमदाबाद के पास साबरमती से मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉमप्लेक्स के बीच चलने वाली ट्रेन के लिए 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. जिनमें मुंबई का स्टेशन भूमिगत जबकि बाक़ी एलिवेटेड होंगे.
- साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, बदोदरा, भरूच, सुरत, बीलीमोरा, वापी, बोइसर, विरार, ठाणे और मुंबई में स्टेशन बनेंगे.
- सीमित स्टेशनों पर रूकने वाली ट्रेनें तक़रीबन 2 घंटे जबकि सभी स्टेशनों पर रूकने वाली ट्रेनें क़रीब 3 घंटे में ये दूरी तय करेगी. फिलहाल ये दूरी 7 से 8 घंटे की है.
- शुरू में अधिकतम 14 डिब्बों वाली 35 जोड़ी ट्रेनें चलायी जाएंगी जिनमें अनुमान के मुताबिक़ प्रति दिन 40,000 यात्री यात्रा करेंगे.
- पूरी परियोजना एलिवेटेड होगी इसलिए केवल 827 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहण की आवश्यकता होगी
- पूरी यात्रा का किराया क्या होगा इसके बारे में फ़ैसला बाद में किया जाएगा लेकिन इसके हवाई जहाज से कम होने की उम्मीद है.
- रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक़ परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 10 से 15 लाख लोगों को रोज़गार मिल सकेगा.
Source: IOCL





















